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जानिए किस मामले में सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट के जज हुए नाराज, CS को हाजिर होने के दिए निर्देश

झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) में विस्थापितों को नौकरी देने के एकल पीठ के फैसले के खिलाफ दाखिल अपील याचिका पर सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान विस्थापितों को नौकरी नहीं मिलने पर हाई कोर्ट ने नाराजगी जताई है. अदालत ने मुख्य सचिव और जल संसाधन सचिव को हाजिर होने को कहा है.

jharkhand high court angry over displaced people not getting job
झारखंड हाई कोर्ट
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Published : Jul 7, 2021, 12:25 PM IST

Updated : Jul 7, 2021, 12:51 PM IST

रांची: कतरी जलाशय के विस्थापितों की नौकरी की मांग को लेकर दायर याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) में सुनवाई हुई. अदालत ने मामले में राज्य सरकार के अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की है. उन्होंने राज्य सरकार के मुख्य सचिव और जल संसाधन सचिव को हाजिर होने का आदेश दिया है. अदालत ने दोनों अधिकारी को 20 जुलाई को मामले की सुनवाई के दौरान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हाजिर होने के आदेश दिये हैं. उन्हें हाजिर होकर यह बताने को कहा है कि अभी तक विस्थापितों को क्यों नहीं नौकरी दी गई है?

ये भी पढ़ें- गरीब सवर्णों को 10% आरक्षण देने के मामले पर झारखंड हाई कोर्ट का सुनवाई से इनकार, दूसरे बेंच में भेजने का निर्देश

झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) के मुख्य न्यायाधीश डॉ. रवि रंजन और न्यायाधीश एस.एन. प्रसाद की डबल बेंच में विस्थापितों को नौकरी देने के एकल पीठ के फैसले के खिलाफ दाखिल अपील पर सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान अभी तक विस्थापित को नौकरी नहीं देने पर कोर्ट ने नाराजगी जताई और मुख्य सचिव और जल संसाधन सचिव को अगली सुनवाई के दौरान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हाजिर होने का आदेश दिया है. अदालत ने इनसे पूछा है कि जब 3 विस्थापितों को नौकरी दे दी गई है तो प्रार्थी को कोर्ट के आदेश पर नौकरी क्यों नहीं दी गई? मामले में अगली सुनवाई 20 जुलाई को होगी.

अधिवक्ता धीरज कुमार
सुनवाई के दौरान प्रार्थी के अधिवक्ता ने अदालत को बताया कि एकल पीठ ने प्रार्थी को नौकरी सहित मुआवजा देने का निर्देश दिया था. जबकि इस मामले में राज्य सरकार विज्ञापन निकाल कर नौकरी देने की बात कह रही है. इस पर अदालत ने कड़ी नाराजगी जताई. अदालत ने पूछा कि जब पुनर्वास नीति बनी है तो प्रार्थी को इसका लाभ क्यों नहीं मिला? वहीं, 3 लोगों को नियुक्ति कैसे दी गई है? इसके बाद अदालत ने मुख्य सचिव और जल संसाधन सचिव को अदालत में हाजिर होने का निर्देश दिया है. प्रार्थी एसनाउल्लाह खान की जमीन का कतरी जलाशय के लिए वर्ष 1989-90 अधिग्रहण किया गया था. लेकिन प्रार्थी को अब तक नौकरी नहीं मिली है.

रांची: कतरी जलाशय के विस्थापितों की नौकरी की मांग को लेकर दायर याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) में सुनवाई हुई. अदालत ने मामले में राज्य सरकार के अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की है. उन्होंने राज्य सरकार के मुख्य सचिव और जल संसाधन सचिव को हाजिर होने का आदेश दिया है. अदालत ने दोनों अधिकारी को 20 जुलाई को मामले की सुनवाई के दौरान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हाजिर होने के आदेश दिये हैं. उन्हें हाजिर होकर यह बताने को कहा है कि अभी तक विस्थापितों को क्यों नहीं नौकरी दी गई है?

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झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) के मुख्य न्यायाधीश डॉ. रवि रंजन और न्यायाधीश एस.एन. प्रसाद की डबल बेंच में विस्थापितों को नौकरी देने के एकल पीठ के फैसले के खिलाफ दाखिल अपील पर सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान अभी तक विस्थापित को नौकरी नहीं देने पर कोर्ट ने नाराजगी जताई और मुख्य सचिव और जल संसाधन सचिव को अगली सुनवाई के दौरान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हाजिर होने का आदेश दिया है. अदालत ने इनसे पूछा है कि जब 3 विस्थापितों को नौकरी दे दी गई है तो प्रार्थी को कोर्ट के आदेश पर नौकरी क्यों नहीं दी गई? मामले में अगली सुनवाई 20 जुलाई को होगी.

अधिवक्ता धीरज कुमार
सुनवाई के दौरान प्रार्थी के अधिवक्ता ने अदालत को बताया कि एकल पीठ ने प्रार्थी को नौकरी सहित मुआवजा देने का निर्देश दिया था. जबकि इस मामले में राज्य सरकार विज्ञापन निकाल कर नौकरी देने की बात कह रही है. इस पर अदालत ने कड़ी नाराजगी जताई. अदालत ने पूछा कि जब पुनर्वास नीति बनी है तो प्रार्थी को इसका लाभ क्यों नहीं मिला? वहीं, 3 लोगों को नियुक्ति कैसे दी गई है? इसके बाद अदालत ने मुख्य सचिव और जल संसाधन सचिव को अदालत में हाजिर होने का निर्देश दिया है. प्रार्थी एसनाउल्लाह खान की जमीन का कतरी जलाशय के लिए वर्ष 1989-90 अधिग्रहण किया गया था. लेकिन प्रार्थी को अब तक नौकरी नहीं मिली है.
Last Updated : Jul 7, 2021, 12:51 PM IST
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