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ड्रॉपआउट बच्चों को जोड़ने के लिए विभाग बना रहा बेहतर प्लान, बैक टू स्कूल चैंपियन का होगा आयोजन

कोरोना काल के बाद झारखंड के सरकारी स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति में गिरावट आई है. ड्रॉपआउट की समस्या को देखते हुए झारखंड सरकार कई योजनाएं तैयार कर रही है. इन्हीं योजनाओं के तहत बैक टू स्कूल चैंपियन अभियान 2022 की शुरुआत की जा रही है. इस योजना से बच्चों के नियमित उपस्थिति बनाने में मदद मिलेगी.

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Published : Mar 27, 2022, 7:12 PM IST


रांची: झारखंड के सरकारी स्कूलों में कोरोना काल के दौरान ड्रॉपआउट की समस्या हुई थी. इस समस्या से निजात पाने के लिए राज्य सरकार बैक टू स्कूल चैंपियन अभियान की शुरुआत करने जा रही है. इसका उद्देश्य 6 से 18 आयु वर्ग के नामांकित सभी बच्चों का विद्यालय में शत-प्रतिशत उपस्थिति को बनाए रखना है. इस अभियान की शुरुआत 5 अप्रैल 2022 से होगी और इसकी समाप्ति 4 मई 2022 को होगी. यह अभियान गांव-गांव चलाया जाएगा. बच्चों को दोबारा स्कूलों से जोड़ना विभाग के लिए भी चुनौती है.

इसे भी पढ़ें: सरकारी स्कूलों के गरीब छात्रों के लिए सुनहरा मौका, झारखंड सरकार कराएगी प्रतियोगी परीक्षाओं की निशुल्क तैयारी

स्कूली शिक्षा साक्षरता विभाग के अधिकारियों को विशेष निर्देश जारी: कोरोना की स्थिति सामान्य होने के साथ ही राज्य के तमाम शिक्षण संस्थानें भी धीरे-धीरे खुल रहे हैं, लेकिन स्कूल पहुंनेवाले बच्चों की संख्या में गिरावट दर्ज की गई. इस समस्या को गंभीरता से लेते हुए राज्य सरकार ने ड्रॉपआउट बच्चों को शिक्षा से जोड़ने के लिए अभियान की शुरूआत करने जा रही है. अभियान को सफल बनाने के लिए मुख्य सचिव ने स्कूली शिक्षा साक्षरता विभाग के अधिकारियों को विशेष निर्देश दिया है. वहीं विभाग की ओर से सभी जिलों के उपायुक्तों को आदेश जारी अभियान को सफल बनाने का निर्देश दिया गया है.

नए सेशन में शत प्रतिशत उपस्थिति का लक्ष्य: नए सेशन की शुरुआत अप्रैल महीने से हो रही है. इस सेशन में बच्चों की उपस्थिति शत प्रतिशत हो इसलिए बैक टू स्कूल चैंपियन अभियान का सफल संचालन जरूरी है. ड्रॉपआउट बच्चों को दोबारा स्कूलों से जोड़ना और नियमित उपस्थिति बनाए रखना विभाग के लिए भी चुनौती है. इसके लिए सभी विभाग को मिलकर प्रयास करने की जरूरत है. मुख्य सचिव के अनुसार सभी उपायुक्तों, डीडीसी, जिला शिक्षा पदाधिकारियों और जनप्रतिनिधियों को इसे लेकर कदम उठाना होगा.


रांची: झारखंड के सरकारी स्कूलों में कोरोना काल के दौरान ड्रॉपआउट की समस्या हुई थी. इस समस्या से निजात पाने के लिए राज्य सरकार बैक टू स्कूल चैंपियन अभियान की शुरुआत करने जा रही है. इसका उद्देश्य 6 से 18 आयु वर्ग के नामांकित सभी बच्चों का विद्यालय में शत-प्रतिशत उपस्थिति को बनाए रखना है. इस अभियान की शुरुआत 5 अप्रैल 2022 से होगी और इसकी समाप्ति 4 मई 2022 को होगी. यह अभियान गांव-गांव चलाया जाएगा. बच्चों को दोबारा स्कूलों से जोड़ना विभाग के लिए भी चुनौती है.

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स्कूली शिक्षा साक्षरता विभाग के अधिकारियों को विशेष निर्देश जारी: कोरोना की स्थिति सामान्य होने के साथ ही राज्य के तमाम शिक्षण संस्थानें भी धीरे-धीरे खुल रहे हैं, लेकिन स्कूल पहुंनेवाले बच्चों की संख्या में गिरावट दर्ज की गई. इस समस्या को गंभीरता से लेते हुए राज्य सरकार ने ड्रॉपआउट बच्चों को शिक्षा से जोड़ने के लिए अभियान की शुरूआत करने जा रही है. अभियान को सफल बनाने के लिए मुख्य सचिव ने स्कूली शिक्षा साक्षरता विभाग के अधिकारियों को विशेष निर्देश दिया है. वहीं विभाग की ओर से सभी जिलों के उपायुक्तों को आदेश जारी अभियान को सफल बनाने का निर्देश दिया गया है.

नए सेशन में शत प्रतिशत उपस्थिति का लक्ष्य: नए सेशन की शुरुआत अप्रैल महीने से हो रही है. इस सेशन में बच्चों की उपस्थिति शत प्रतिशत हो इसलिए बैक टू स्कूल चैंपियन अभियान का सफल संचालन जरूरी है. ड्रॉपआउट बच्चों को दोबारा स्कूलों से जोड़ना और नियमित उपस्थिति बनाए रखना विभाग के लिए भी चुनौती है. इसके लिए सभी विभाग को मिलकर प्रयास करने की जरूरत है. मुख्य सचिव के अनुसार सभी उपायुक्तों, डीडीसी, जिला शिक्षा पदाधिकारियों और जनप्रतिनिधियों को इसे लेकर कदम उठाना होगा.

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