रांची: बिहार की राजनीति में लंबे समय से सत्ता पर काबिज जेडीयू झारखंड में अपने अस्तित्व के लिए जूझ रही है. झारखंड में जदयू के इतिहास की बात करें तो राज्य स्थापना के समय पार्टी में कई बड़े नेता मौजूद थे. झारखंड विधानसभा में भी 7 विधायक पार्टी का प्रतिनिधित्व करते थे. लेकिन अब हालात बिल्कुल उलट है. ऐसे में नीतीश कुमार का खीरू महतो को राज्यसभा का टिकट देना पार्टी के इतिहास को पुनर्जीवित करने की कवायद मानी जा रही है.
ये भी पढे़ं:- खीरू महतो को राज्यसभा का उम्मीदवार बनाए जाने पर झारखंड जेडीयू में उत्साह, शीर्ष नेतृत्व को दिया धन्यवाद
झारखंड में धीरे धीरे कमजोर हुई JDU: झारखंड गठन के समय जेडीयू की स्थिति राज्य में मजबूत मानी जाती थी. पार्टी का बीजेपी से भी गठबंधन था. लेकिन धीरे धीरे पार्टी का झारखंड में जनाधार गिरता गया. कुछ दिनों बाद बीजेपी से गठबंधन टूटने पर हालत और भी खराब हो गई . इसके बाद पीछले 15 वर्षों से पार्टी अपनी राजनीतिक पृष्ठभूमि तलाश रही है लेकिन सफलता नहीं मिल रही है.
खीरु को टिकट से मजबूत होगी जेडीयू: सियासी हलको में ऐसा माना जा रहा है कि JDU की खराब हालत को ठीक करने के लिए नीतीश कुमार ने झारखंड जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष खीरु महतो को राज्यसभा का टिकट दिया है. पार्टी की इस कोशिश असर तो बाद में दिखेगा. कहा जा रहा है कि झारखंड में महतो समाज का करीब 25 फीसदी वोट है. ऐसे में खीरू को राज्यसभा भेजने से महतो समाज को नया विकल्प मिलेगा. इसके अलावे झारखंड में रहने वाले बिहार के लोग भी नीतीश के इस फैसले से जेडीयू से जुड़ेंगे.
फिर आएंगे अच्छे दिन: प्रदेश प्रवक्ता श्रवण कुमार ने बताया कि झारखंड में फिर से जनता दल यूनाइटेड के पुराने दिन आने वाले हैं. यह उम्मीद जताई जा रही है कि आने वाले समय में जनता दल यूनाइटेड झारखंड में बेहतरीन प्रदर्शन करेगी और पुराने दिनों की तरह ही झारखंड विधानसभा में भी उनकी पार्टी का प्रतिनिधित्व होगा.