रांचीः पीएम मोदी ने 15 अगस्त को देश में युवतियों की शादी की उम्र को 18 से बढ़ाकर 21 करने की बात कही थी. भारत विविधताओं का देश है, जहां अलग-अलग राज्य में कई तरह के रीति-रिवाज हैं. वहीं, झारखंड एक आदिवासी बहुल्य राज्य है, इसलिए पीएम के इस सुझाव को आदिवासी राज्य के नजरिये से देखने की कोशिश करेंगे. इसको लेकर ईटीवी भारत के वरिष्ठ सहयोगी राजेश कुमार सिंह ने झारखंड हाई कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता रितु कुमार से खास बातचीत की.
उच्च शिक्षा प्राप्त कर पाएंगी लड़कियां
इस मामले पर झारखंड हाई कोर्ट की अधिवक्ता रितु कुमार कहती हैं कि आज लड़कियां भी उच्च शिक्षा प्राप्त करती हैं. उनका कहना है कि कानूनी रूप से देखें तो अभी 18 साल में लड़की की शादी कर दी जाती है. वहीं, 16 साल में लड़की मैट्रिक करती हैं. 18 साल में इंटर करती हैं. शादी हो जाने के कारण कई लड़कियां उच्च शिक्षा से वंचित रह जाती हैं तो ऐसे में प्रधानमंत्री की बात लड़कियों के लिए अच्छा रहेगा. 21 साल में जब लड़कियों की शादी होगी तो लगभग वो उच्च शिक्षा प्राप्त कर चुकी होंगी.
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लड़कियों का फ्यूचर होगा अच्छा
21 साल में शादी पर अधिवक्ता रितु कुमार कहती हैं कि पहले जो मां-बाप मजबूर होते थे वो 18 साल में बेटी की शादी करा देते थे. इससे लड़की का भविष्य अच्छा नहीं होता था वो ज्यादातर पति पर डिपेंड रहती थी, लेकिन 21 साल में शादी होगी तो लड़की खुद किसी लाइन में काम करती मिलेगी. इससे उनका फ्यूचर तो अच्छा होगा ही ऊपर से अगला जेनरेशन भी अच्छा होगा क्योंकि मां पढ़ी मिलेंगी वो बच्चों को लेकर बेहतर निर्णय लेंगी.: