रांची: स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव नितिन मदन कुलकर्णी के खिलाफ कार्रवाई को लेकर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की झारखंड इकाई लगातार सरकार पर दबाव बना रही है. शनिवार को आईएमए और झासा की बैठक हुई. बैठक के बाद मुख्यमंत्री को दोबारा पत्र लिखकर पूरे मामले पर विभागीय सचिव के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई.
ये भी पढे़ं: पूर्व केंद्रीय मंत्री बूटा सिंह का निधन, दिल्ली AIIMS में ली अंतिम सांस
झारखंड आईएमए के अध्यक्ष डॉ. अरुण कुमार सिंह का कहना है कि 30 दिसंबर को नवनियुक्त चिकित्सकों को नियुक्ति पत्र दिया गया था. उस वक्त विभागीय सचिव ने डॉक्टरों के खिलाफ अमर्यादित टिप्पणी की थी. आईएमए का आरोप है कि सचिव ने कहा था कि डॉक्टर या तो कामचोरी के लिए सरकारी सेवा में आते हैं या फिर दहेज के लिए. हद तो यह है कि उस वक्त स्वास्थ्य मंत्री भी वहां मौजूद थे और वह कोरोना काल में डॉक्टरों द्वारा किए गए कार्य की सराहना कर रहे थे, फिर भी स्वास्थ सचिव की तरफ से अभद्र टिप्पणी की गई.
आईएमए का कहना है कि झारखंड में कोरोना काल में मरीजों की सेवा करते हुए 19 डॉक्टरों ने अपनी जान गवाई है. ऐसे हालात में डॉक्टरों का मनोबल बढ़ाने के बजाय उनके खिलाफ अभद्र टिप्पणी करना बेहद अशोभनीय है. इस मामले को लेकर आईएमए का एक प्रतिनिधिमंडल स्वास्थ्य मंत्री से भी मुलाकात कर चुका है.