रांची: 34वें राष्ट्रीय खेल घोटाला मामले में झारखंड हाईकोर्ट ने अहम फैसला सुनाया है. अदालत ने कहा है कि अब इस घोटाले की जांच सीबीआई करेगी. पिछले 12 सालों से इस मामले की ढुलमुल जांच को देखते हुए इसे कोर्ट के बड़े फैसले के रूप में माना जा रहा है. अदालत ने अपने आदेश में स्पष्ट रूप से कहा है कि खेल आयोजन में खरीदे गए सामानों में जो गड़बड़ियां हुई है उसकी जांच की जानी चाहिए इसके साथ ही खेलगांव निर्माण में जो गड़बड़ियां हुई है उसकी भी जांच होनी चाहिए.
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जांच अधिकारी की भूमिका की भी होगी जांच: कोर्ट ने 2010 से चल रही जांच के अब तक खत्म नहीं होने पर नाराजगी जाहिर करते हुए जांच अधिकारी की भूमिका भी जांच करने का निर्देश दिया है. अदालत ने याचिका निष्पादित करते हुए सीबीआई को छूट दिया है कि अगर उसे आवश्यकता हो तो वे हाईकोर्ट में आ सकते हैं. इससे पहले झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने अदालत को बताया कि पिछले 12 वर्षों से इस मामले की जांच चल रही है लेकिन जानबूझकर इसे पूरा नहीं किया जा रहा है. इसमें बड़े-बड़े लोगों की संलिप्तता है ऐसे में इस मामले की जांच का जिम्मा सीबीआई को सौंपी जाए.
क्या है पूरा मामला: बता दें कि 2011 में 34 वें राष्ट्रीय खेल का आयोजन झारखंड में किया गया था. जिसमें लगभग 28 करोड़ से अधिक रुपए के घोटाले का आरोप लगाया गया था. जिसके बाद मामले की जांच का जिम्मा एसीबी को दिया गया था. एसीबी वर्ष 2010 से मामले में केस दर्ज कर जांच कर रही है, लेकिन जांच अभी तक पूर्ण नहीं हो सका. जांच की लचर स्थिति को देखते हुए झारखंड अगेंस्ट करप्शन, सेंटर फॉर आरटीआई एवं सुशील कुमार ने हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर कर मामले की सीबीआई से जांच कराने की मांग की थी. उसी याचिका पर सुनवाई हुई जिस पर अदालत ने मामले की सीबीआई से जांच कराने का आदेश दिया है.