रांची: चैत माह के तृतीय शुक्ल पक्ष को सरहुल मनाया जाता है, जो इस बार 15 अप्रैल को है. इस दिन का इंतजार आदिवासी समाज को साल भर से रहता है. दरअसल, इस दिन हर एक टोला मोहल्ला से शोभायात्रा निकाली जाती है, जिसमें बड़ी संख्या में लोग हर्षोल्लास के साथ शामिल होते हैं. इससे इनकी एकजुटता का परिचय देखने को मिलता है. हालांकि इस बार कोरोना के बढ़ता संक्रमण को लेकर राज्य सरकार ने सरहुल की शोभायात्रा पर रोक लगा दी है.
आदिवासी समाज में रोष है
सरहुल की शोभा यात्रा पर रोक के आदेश से आदिवासी समाज में रोष है. आदिवासी सामाजिक धार्मिक संगठनों के मुताबिक समाज से बिना बातचीत के सरकार ने अपना फरमान जारी कर दिया है.
आदिवासी समाज ने सरकार के आदेश को नकारा
इसे आदिवासी समाज मानने को तैयार नहीं है. गाइडलाइन के तहत सरहुल शोभायात्रा निकालने की सरकार इजाजत दे. इसको लेकर समाज के अगुआ जल्द मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुलाकात करेंगे.