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रांची में गर्मी का शिकार हो रहे बच्चे और बुजुर्ग, डाॅक्टरों ने हीट एक्सपोजर से बचाने की दी सलाह - rise in Heat stroke cases

रांची में हीट स्ट्रोक (heat stroke in ranchi) के मामले बढ़ रहे है. राजधानी में बच्चे और बुजुर्ग हीट स्ट्रोक के शिकार (Children and elderly suffering heat stroke) हो रहे हैं. हीट स्ट्रोक से बचाव को लेकर सदर अस्पताल के जेनरल फिजिशियन डॉ एके झा ने कई सुझाव दिए.

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Published : Apr 28, 2022, 7:34 PM IST

रांची: राजधानी में भीषण गर्मी का प्रकोप जारी है. ऐसा अहसास होता है जैसे सुबह से ही आसमान आग के गोले बरसाने के लिए तैयार हैं. बढ़ती गर्मी के कारण रांची में हीट स्ट्रोक (heat stroke in ranchi) के मामले बढ़ रहे हैं. पश्चिम दिशा से चलने वाली गर्म हवा के थपेड़ों की वजह से बच्चे और बुजुर्ग हीट स्ट्रोक के शिकार (Children and elderly suffering heat stroke) हो रहे हैं. गर्मी में होने वाली बीमारियों और वायरल बीमारियों के साथ साथ लू की वजह से बच्चों को बुखार, उल्टी और लूज मोशन हो रहे हैं. इसकी वजह से शरीर में तरल पदार्थों की कमी हो जाती है. जिसके कारण कई बार बच्चे बेहोश हो जाते हैं.

इसे भी पढ़ें: हजारीबाग में जानलेवा साबित हो रही है गर्मी, लू लगने से एक मैट्रिक परीक्षार्थी की मौत, दूसरा बेहोश

शरीर में फ्लूइड की कमी ना होने दें: सदर अस्पताल में मेडिसीन विभाग के जेनरल फिजिशियन डॉ एके झा का कहना कि अपने जीवन में ऐसा पहली बार देख रहे हैं कि रांची इस कदर तप रहा है. समय के साथ साथ यह स्थिति और विकट रूप लेगी. ऐसे में गर्मी में बचाव ही सर्वोत्तम उपाय है. हीट स्ट्रोक यानी लू लगने पर बुखार आना, खूब प्यास लगना, उल्टी होना, लूज मोशन यानी डायरिया होना, बदन दर्द और बेचैनी जैसे लक्षण होते हैं. मेडिसीन के जेनरल फिजिशियन डॉ एके झा के अनुसार कई दफे गर्मी की वजह से शरीर मे फ्लूइड यानि तरल पदार्थों की कमी से बेहोशी भी हो सकती है ऐसे में मरीज को तुरंत नजदीकी अस्पताल में ले जाने की जरूरत है.

देखें पूरी खबर



बच्चों को लू से ऐसे बचाएं: जेनरल फिजिशियन डॉ एके झा ने कहा कि इस भीषण गर्मी में बच्चों और बुजुर्गों को हीट एक्सपोजर से बचाने की जरुरत है. बहुत जरूरी हो तब ही घर से निकले. वह भी पूरा शरीर ढक कर. भोजन में ज्यादा से ज्यादा तरल और डायजेस्टेबल पदार्थों को शामिल करें, बाहरी खाना से परहेज करें, तेल और मैदा से बने पदार्थो को भी नजरअंदाज करें, बासी खाना न खाएं, पेट दर्द, उल्टी, बुखार जैसे लक्षण हो तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लेकर दवा शुरू कर दें. इस दौरान तरल पदार्थ और ओआरएस के घोल का इस्तेमाल करते रहें.

रांची: राजधानी में भीषण गर्मी का प्रकोप जारी है. ऐसा अहसास होता है जैसे सुबह से ही आसमान आग के गोले बरसाने के लिए तैयार हैं. बढ़ती गर्मी के कारण रांची में हीट स्ट्रोक (heat stroke in ranchi) के मामले बढ़ रहे हैं. पश्चिम दिशा से चलने वाली गर्म हवा के थपेड़ों की वजह से बच्चे और बुजुर्ग हीट स्ट्रोक के शिकार (Children and elderly suffering heat stroke) हो रहे हैं. गर्मी में होने वाली बीमारियों और वायरल बीमारियों के साथ साथ लू की वजह से बच्चों को बुखार, उल्टी और लूज मोशन हो रहे हैं. इसकी वजह से शरीर में तरल पदार्थों की कमी हो जाती है. जिसके कारण कई बार बच्चे बेहोश हो जाते हैं.

इसे भी पढ़ें: हजारीबाग में जानलेवा साबित हो रही है गर्मी, लू लगने से एक मैट्रिक परीक्षार्थी की मौत, दूसरा बेहोश

शरीर में फ्लूइड की कमी ना होने दें: सदर अस्पताल में मेडिसीन विभाग के जेनरल फिजिशियन डॉ एके झा का कहना कि अपने जीवन में ऐसा पहली बार देख रहे हैं कि रांची इस कदर तप रहा है. समय के साथ साथ यह स्थिति और विकट रूप लेगी. ऐसे में गर्मी में बचाव ही सर्वोत्तम उपाय है. हीट स्ट्रोक यानी लू लगने पर बुखार आना, खूब प्यास लगना, उल्टी होना, लूज मोशन यानी डायरिया होना, बदन दर्द और बेचैनी जैसे लक्षण होते हैं. मेडिसीन के जेनरल फिजिशियन डॉ एके झा के अनुसार कई दफे गर्मी की वजह से शरीर मे फ्लूइड यानि तरल पदार्थों की कमी से बेहोशी भी हो सकती है ऐसे में मरीज को तुरंत नजदीकी अस्पताल में ले जाने की जरूरत है.

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बच्चों को लू से ऐसे बचाएं: जेनरल फिजिशियन डॉ एके झा ने कहा कि इस भीषण गर्मी में बच्चों और बुजुर्गों को हीट एक्सपोजर से बचाने की जरुरत है. बहुत जरूरी हो तब ही घर से निकले. वह भी पूरा शरीर ढक कर. भोजन में ज्यादा से ज्यादा तरल और डायजेस्टेबल पदार्थों को शामिल करें, बाहरी खाना से परहेज करें, तेल और मैदा से बने पदार्थो को भी नजरअंदाज करें, बासी खाना न खाएं, पेट दर्द, उल्टी, बुखार जैसे लक्षण हो तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लेकर दवा शुरू कर दें. इस दौरान तरल पदार्थ और ओआरएस के घोल का इस्तेमाल करते रहें.

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