रांची: झारखंड में साल 2017 में दरोगा भर्ती परीक्षा के परिणाम को चुनौती देने वाली याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. अदालत ने मामले में दोनों पक्षों को सुनने के बाद प्रार्थी को याचिका की त्रुटि को दूर करने और संबंधित मूल दस्तावेज कोर्ट में पेश करने का आदेश दिया है.
झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ. रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में झारखंड के वर्ष 2017 में दरोगा भर्ती परीक्षा में आरक्षण का लाभ नहीं दिए जाने को लेकर याचिकाकर्ता गुलाम सदीक की एलपीए याचिका पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई हुई. दोनों न्यायाधीश आपने आवासीय कार्यालय से मामले की सुनवाई की. वहीं, याचिकाकर्ता के अधिवक्ता और झारखंड कर्मचारी चयन आयोग के अधिवक्ता संजय पीपरवाल ने अपने आवास से अपना पक्ष रखा. अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद प्रार्थी को याचिका में जो त्रुटि है उसे दूर करने और उससे संबंधित दस्तावेज कोर्ट में पेश करने को कहा है. मामले की अगली सुनवाई याचिका के त्रुटि को दूर करने के बाद होगी.
ये भी पढ़ें: PM मोदी ने की मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग, CM हेमंत सोरेन ने रखी अपनी बातबता दें कि वर्ष 2017 में 2971 दरोगा की भर्ती के लिए कर्मचारी चयन आयोग विज्ञापन निकाला था, जिसमें पीटी परीक्षा भी ली गई थी. उसी पीटी परीक्षा में अभ्यर्थी को आरक्षण का लाभ नहीं दिया गया था, जिसके कारण उन्होंने याचिका दायर की. पूर्व में उनके याचिका को एकल पीठ ने खारिज कर दिया था. प्रार्थी फिर एकल पीठ के आदेश को एलपीए के माध्यम से चुनौती दी है. उस याचिका पर सुनवाई के दौरान उन्हें त्रुटि दूर करने को कहा है.