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बाबूलाल दलबदल केसः जानिए, विधानसभा न्यायाधिकरण में हुई सुनवाई में क्या हुआ

झारखंड विधानसभा न्यायाधिकरण में बाबूलाल दलबदल केस पर सुनवाई हुई. न्यायाधिकरण की ओर से दाखिल चार केस की सुनवाई हुई है. जिसमें वर्चुअल माध्यम से बाबूलाल समेत सभी के वकीलों ने अपना-अपना पक्ष रखा. फिलहाल मामले में सुनवाई के लिए आगे की तारीख नहीं रखी गई है.

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बाबूलाल दलबदल
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Published : Aug 24, 2021, 3:53 PM IST

Updated : Aug 24, 2021, 4:32 PM IST

रांचीः भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी के खिलाफ दलबदल के मामले में मंगलवार को झारखंड विधानसभा अध्यक्ष न्यायाधिकरण में सुनवाई हुई. वर्चुअल माध्यम से हुई इस सुनवाई के दौरान न्यायाधिकरण की ओर से दाखिल चार केस की सुनवाई एक साथ की गई.

इसे भी पढ़ें- बाबूलाल मरांडी के दलबदल मामले में स्पीकर कोर्ट में हुई सुनवाई, पढ़ें पूरी रिपोर्ट

झारखंड विधानसभा अध्यक्ष न्यायाधिकरण में हुई सुनवाई के बाबूलाल की ओर से वरीय अधिवक्ता आरएन सहाय ने पक्ष रखते हुए कहा कि झारखंड विकास मोर्चा का भारतीय जनता पार्टी में मर्जर न्यायसंगत है, जिसपर भारत निर्वाचन आयोग ने भी मुहर लगाई है.

देखें पूरी खबर

उन्होंने इस मामले में राजकुमार यादव की ओर से दाखिल याचिका पर जवाब देते हुए कहा कि विधायक बंधु तिर्की को जेवीएम ने अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए 21 जनवरी 2020 को निष्कासित कर दिया था, फिर प्रदीप यादव को भी पार्टी ने 06 फरवरी को निष्कासित कर दिया था. उसके बाद 11 फरवरी 2020 को जेवीएम कार्यसमिति की बैठक हुई, जिसमें 142 में से 132 सदस्यों ने भाग लेकर जेवीएम का मर्जर बीजेपी में करने का फैसला लिया.

जेवीएम के एकमात्र विधायक बचे बाबूलाल मरांडी ने भी इसपर सहमति दी थी, जिसके बाद कानूनन सभी विधायकों की सहमति मिल गई. इसकी जानकारी भारत निर्वाचन आयोग को दिया गया और चुनाव आयोग ने इसे सही बताते हुए जेवीएम के चुनाव चिन्ह को जब्त कर भाजपा में विलय पर मुहर लगा दी थी.


बंधु तिर्की और प्रदीप यादव की सदन में मान्यता पर उठा मसला
विधानसभाध्यक्ष न्यायाधिकरण में विधायक बंधु तिर्की और विधायक प्रदीप यादव की भी मान्यता पर सवाल उठा. बाबूलाल की ओर से न्यायाधिकरण से दोनों विधायक का सदन में मान्यता देने का आग्रह किया गया. इसके अलावा बाबूलाल मरांडी को भी बतौर भाजपा विधायक सदन में मान्यता देने की अपील की गई. अधिवक्ता आरएन सहाय ने न्यायाधिकरण से आग्रह करते हुए कहा कि विधानसभाध्यक्ष को प्रदीप और बंधु तिर्की के निष्कासन की जानकारी जनवरी 2020 को ही दे दी गई थी, अब स्पीकर इस मसले में शीघ्र फैसला लेकर सदन में उन्हें स्थान दें.

जानकारी देते बाबूलाल मरांडी के वकील

इसे भी पढ़ें- दलबदल मामला में बाबूलाल मरांडी की याचिका पर हाई कोर्ट में सुनवाई, 4 मई को मिली अगली तारीख


बाबूलाल पर दल बदल के न्यायाधिकरण में चार केस हैं दर्ज
बाबूलाल मरांडी पर 10वीं अनसूची का उल्लंघन करते हुए विधानसभाध्यक्ष के न्यायाधिकरण में चार अलग-अलग केस दर्ज हैं. राजकुमार यादव ने 10वीं अनुसूची का उल्लंघन करने की शिकायत करते हुए विधानसभा में 16 दिसंबर 2020 को याचिका दाखिल की थी, जिसका कांड संख्या 02/2020 है. उसी तरह भूषण तिर्की की ओर से दाखिल केस नंबर 03/2020, दीपिका पांडे की ओर से दाखिल केस नंबर 01/2021 और प्रदीप यादव बंधु तिर्की की ओर से दाखिल केस नंबर 02/2021 है.

कई महीनों बाद मंगलवार को एक बार फिर एक साथ चारों केस की हुई सुनवाई के बाद संभावना यह जताई जा रही है कि जल्द ही न्यायाधिकरण कोई नतीजे पर आएगा. फिलहाल केस की सुनवाई की अगली तारीख अभी निर्धारित नहीं हुई है. भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी के खिलाफ दलबदल के मामले में मंगलवार को झारखंड विधानसभा अध्यक्ष न्यायाधिकरण में सुनवाई हुई . वर्चुअल माध्यम से हुई इस सुनवाई के दौरान न्यायाधिकरण के द्वारा दाखिल चार केसों की सुनवाई एक साथ किया गया. सुनवाई के दौरान बाबूलाल की ओर से वरीय अधिवक्ता आर एन सहाय ने पक्ष रखते हुए कहा कि झारखंड विकास मोर्चा का भारतीय जनता पार्टी में मर्जर न्यायसंगत है जिसपर भारत निर्वाचन आयोग ने भी मुहर लगाई है.

रांचीः भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी के खिलाफ दलबदल के मामले में मंगलवार को झारखंड विधानसभा अध्यक्ष न्यायाधिकरण में सुनवाई हुई. वर्चुअल माध्यम से हुई इस सुनवाई के दौरान न्यायाधिकरण की ओर से दाखिल चार केस की सुनवाई एक साथ की गई.

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झारखंड विधानसभा अध्यक्ष न्यायाधिकरण में हुई सुनवाई के बाबूलाल की ओर से वरीय अधिवक्ता आरएन सहाय ने पक्ष रखते हुए कहा कि झारखंड विकास मोर्चा का भारतीय जनता पार्टी में मर्जर न्यायसंगत है, जिसपर भारत निर्वाचन आयोग ने भी मुहर लगाई है.

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उन्होंने इस मामले में राजकुमार यादव की ओर से दाखिल याचिका पर जवाब देते हुए कहा कि विधायक बंधु तिर्की को जेवीएम ने अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए 21 जनवरी 2020 को निष्कासित कर दिया था, फिर प्रदीप यादव को भी पार्टी ने 06 फरवरी को निष्कासित कर दिया था. उसके बाद 11 फरवरी 2020 को जेवीएम कार्यसमिति की बैठक हुई, जिसमें 142 में से 132 सदस्यों ने भाग लेकर जेवीएम का मर्जर बीजेपी में करने का फैसला लिया.

जेवीएम के एकमात्र विधायक बचे बाबूलाल मरांडी ने भी इसपर सहमति दी थी, जिसके बाद कानूनन सभी विधायकों की सहमति मिल गई. इसकी जानकारी भारत निर्वाचन आयोग को दिया गया और चुनाव आयोग ने इसे सही बताते हुए जेवीएम के चुनाव चिन्ह को जब्त कर भाजपा में विलय पर मुहर लगा दी थी.


बंधु तिर्की और प्रदीप यादव की सदन में मान्यता पर उठा मसला
विधानसभाध्यक्ष न्यायाधिकरण में विधायक बंधु तिर्की और विधायक प्रदीप यादव की भी मान्यता पर सवाल उठा. बाबूलाल की ओर से न्यायाधिकरण से दोनों विधायक का सदन में मान्यता देने का आग्रह किया गया. इसके अलावा बाबूलाल मरांडी को भी बतौर भाजपा विधायक सदन में मान्यता देने की अपील की गई. अधिवक्ता आरएन सहाय ने न्यायाधिकरण से आग्रह करते हुए कहा कि विधानसभाध्यक्ष को प्रदीप और बंधु तिर्की के निष्कासन की जानकारी जनवरी 2020 को ही दे दी गई थी, अब स्पीकर इस मसले में शीघ्र फैसला लेकर सदन में उन्हें स्थान दें.

जानकारी देते बाबूलाल मरांडी के वकील

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बाबूलाल पर दल बदल के न्यायाधिकरण में चार केस हैं दर्ज
बाबूलाल मरांडी पर 10वीं अनसूची का उल्लंघन करते हुए विधानसभाध्यक्ष के न्यायाधिकरण में चार अलग-अलग केस दर्ज हैं. राजकुमार यादव ने 10वीं अनुसूची का उल्लंघन करने की शिकायत करते हुए विधानसभा में 16 दिसंबर 2020 को याचिका दाखिल की थी, जिसका कांड संख्या 02/2020 है. उसी तरह भूषण तिर्की की ओर से दाखिल केस नंबर 03/2020, दीपिका पांडे की ओर से दाखिल केस नंबर 01/2021 और प्रदीप यादव बंधु तिर्की की ओर से दाखिल केस नंबर 02/2021 है.

कई महीनों बाद मंगलवार को एक बार फिर एक साथ चारों केस की हुई सुनवाई के बाद संभावना यह जताई जा रही है कि जल्द ही न्यायाधिकरण कोई नतीजे पर आएगा. फिलहाल केस की सुनवाई की अगली तारीख अभी निर्धारित नहीं हुई है. भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी के खिलाफ दलबदल के मामले में मंगलवार को झारखंड विधानसभा अध्यक्ष न्यायाधिकरण में सुनवाई हुई . वर्चुअल माध्यम से हुई इस सुनवाई के दौरान न्यायाधिकरण के द्वारा दाखिल चार केसों की सुनवाई एक साथ किया गया. सुनवाई के दौरान बाबूलाल की ओर से वरीय अधिवक्ता आर एन सहाय ने पक्ष रखते हुए कहा कि झारखंड विकास मोर्चा का भारतीय जनता पार्टी में मर्जर न्यायसंगत है जिसपर भारत निर्वाचन आयोग ने भी मुहर लगाई है.

Last Updated : Aug 24, 2021, 4:32 PM IST
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