रांची: आरयू के लेक्चरर से प्रोफेसर में प्रोन्नति का रास्ता अब लगभग साफ हो गया है. प्रोन्नति की मांग को लेकर दायर याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. अदालत ने मामले में सभी पक्षों को सुनने के बाद याचिकाकर्ता को फ्रेश आवेदन विश्वविद्यालय प्रशासन को देने को कहा है. विश्वविद्यालय प्रशासन को उस पर 8 सप्ताह में निर्णय लेने का आदेश दिया है. अदालत ने याचिका को निष्पादित कर दिया है.
झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश संजय कुमार द्विवेदी की अदालत में सालों से प्रोन्नति की आस लगाए हुए रांची विश्वविद्यालय रांची के लेक्चरर से प्रोफेसर में प्रोन्नति के लिए दायर याचिका पर सुनवाई हुई. न्यायाधीश अपने आवासीय कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मामले पर सुनवाई की. वहीं, सरकार के अधिवक्ता विश्वविद्यालय के अधिवक्ता और झारखंड लोक सेवा आयोग के अधिवक्ता ने अपने आवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अपना पक्ष रखा.
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याचिकाकर्ता की ओर से बताया गया कि सालों से प्रोन्नति की आस लगाए वह बैठे हैं लेकिन प्रोन्नति नहीं मिल रही है. वहीं, विश्वविद्यालय की ओर से बताया गया कि आवेदन पर प्रोन्नति के लिए विचार कर रही है. लोक सेवा आयोग की ओर से बताया गया कि जब तक विश्वविद्यालय झारखंड लोक सेवा आयोग को अनुमोदन नहीं भेजती है तब तक आयोग कोई कार्रवाई नहीं कर सकता है. अदालत ने मामले में सभी पक्षों को सुनने के बाद याचिकाकर्ता को फ्रेश आवेदन विश्वविद्यालय के प्रशासन के पास देने को कहा है. वहीं, विश्वविद्यालय प्रशासन को आवेदन पर 8 सप्ताह में निर्णय लेने का आदेश देते हुए याचिका निष्पादित कर दिया है.
याचिकाकर्ता सुरेंद्र नाथ ठाकुर और शीला नाथ मिश्रा ने प्रोन्नति की मांग को लेकर झारखंड हाई कोर्ट में याचिका दायर की है. उसी याचिका पर सुनवाई के दौरान अदालत ने विश्वविद्यालय को 8 सप्ताह में निर्णय लेने का आदेश देते हुए याचिका को निष्पादित कर दिया है.