रांची: झारखंड लोक सेवा आयोग यानी JPSC की सातवीं से दसवीं सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा JPSC PT Result में हुई गड़बड़ी का मामला थम नहीं रहा है. जेपीएससी की ओर से शनिवार को 57 सफल अभ्यर्थियों को असफल करने के बाद यह मामला और भी विवादों में आ गया है. इधर राज्यपाल रमेश बैस ने जेपीएससी से इस पूरे मुद्दे पर रिपोर्ट मांगी है. इस संबंध में राजभवन की ओर से जेपीएससी सचिव को पत्र भेजा गया है. जिसमें कहा गया है कि पीटी के मामले में गड़बड़ी की शिकायत मिली है, अभ्यर्थियों ने राजभवन को ज्ञापन भी सौंपा है, उसके सभी बिंदुओं पर लिखित जवाब दें.
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राजभवन ने गड़बड़ी की शिकायत और ज्ञापन की प्रति भी JPSC को भेजी है. पिछले दिनों छात्रों के एक शिष्टमंडल ने राज्यपाल से मिलकर इस परीक्षा को रद्द करने की मांग की थी. 7वीं से 10वीं जेपीएससी सिविल सेवा पीटी रिजल्ट में गड़बड़ी के खिलाफ छात्रों का आंदोलन जारी है. जेपीएससी के फैसले के बाद आंदोलनरत छात्र परीक्षा को रद्द करने की मांग कर रहे हैं. छात्रों का मानना है कि बिना कॉपी जांच के रिजल्ट कैसे प्रकाशित कर दी गई. जब छात्रों ने ओएमआर सीट उपलब्ध कराया तो उसके बाद आयोग भी मान लेती है कि बिना ओएमआर सीट जांचे रिजल्ट घोषित कर दी गई.
जानिए क्या है विवाद का वजह
जेपीएससी द्वारा सातवीं (2017), आठवीं (2018), नौवीं (2019) और 10वीं (2020) की प्रारंभिक परीक्षा 19 सितंबर 2021 को राज्य के 1102 केंद्रों पर ली गई थी. 1 नवंबर को जेपीएससी द्वारा जारी रिजल्ट जारी किया गया. जिसमें एक ही सीरिज के कई विद्यार्थियों का चयन हुआ था. छात्र संगठनों का कहना है कि सीरियल रोल नंबर से प्रतीत होता है कि एक ही केंद्र के सभी अभ्यर्थियों का चयन हो गया है. जारी रिजल्ट में कुछ रोल नंबर विभिन्न कैटेगरी के हैं. कुछ रोल नंबर अनारक्षित कोटा से हैं, तो कुछ रोल नंबर आरक्षित श्रेणी के हैं.