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Cyber Crime: सावधान! मिनटों की आसानी बन सकती है जिंदगी भर की परेशानी, पैसे के साथ-साथ चली जाएगी इज्जत

झारखंड में साइबर अपराध के मामले अक्सर आते रहते हैं. साइबर अपराधी नए नए तरीकों से अपराध को अंजाम देते हैं. आजकल चंद मिनटों में लोन देने के नाम पर साइबर अपराधी आमलोगों को शिकार बना रहे हैं.

fraud in the name of giving loan in ranchi
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Published : Jul 3, 2022, 12:20 PM IST

Updated : Jul 3, 2022, 2:36 PM IST

रांचीः एक क्लिक पर लोन, सबसे आसान लोन, अब अपने फोन पर ऐप डाउनलोड करिए और मिनटों में लोन पाइए. कुछ इस तरह के लुभावने ऑफर से साइबर अपराधी लोगों के साथ न सिर्फ ठगी कर रहे हैं बल्कि उनके फोन को हैक कर उन्हें ब्लैकमेल भी कर रहे हैं. राजधानी रांची सहित राज्य के कई हिस्सों से ऐसे मामले सामने आ रहे हैं. जिनमें लोन एप के माध्यम से लोगों के साथ ठगी की वारदातों को अंजाम दिया जा रहा है.


लगातार आ रहे मामले सामनेः इंटरनेट के जरिए ठगी करने वाला गिरोह अब आसान तरीके से लोन देने का झांसा देकर आम लोगों से ठगी की घटनाओं को अंजाम दे रहा है. राजधानी रांची में भी इस तरह की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं. साल 2021-22 के आंकड़ों की बात करें तो अब तक झारखंड के अलग-अलग हिस्सों से 23 से अधिक ऐसे मामले सामने आ चुके हैं. दरअसल गूगल प्ले स्टोर पर लोन देने वाले कई एप उपलब्ध हैं कुछ तो सीधे वेबसाइट से ही लोन उपलब्ध करवाते हैं.

देखें स्पेशल रिपोर्ट

दरअसल यह सभी लोन ऐप आरबीआई के नियमों को ताक पर रखकर बनाए गए हैं. बड़ी आसानी के साथ लोन देने का दावा करने वाले इस तरह के ऐप को असल में बेहद शातिर साइबर अपराधी कंट्रोल कर रहे हैं. इनके झांसे में सबसे ज्यादा युवा वर्ग के लोग आ रहे हैं, जो 5 से 10 हजार रुपये लोन लेने के चक्कर में साइबर अपराधियों का शिकार बन जा रहे हैं. लोन देने के बाद ऐप चलाने वाले 40% से लेकर 60% तक ब्याज वसूलते हैं. ब्याज नहीं देने पर साइबर अपराधी मोबाइल को हैक कर कॉन्टेक्ट लिस्ट, फोटो और अन्य गोपनीय जानकारियां निकाल लेते हैं. यह लोग लोन लेने वालों को इस हद तक प्रताड़ित करते हैं कि लोन लेने वाले बदनामी के डर से उन्हें बहुत ज्यादा पैसे दे देते हैं. जो ज्यादा पैसे देने में आनाकानी करते है उनके कॉन्टेक्ट लिस्ट में मौजूद नंबरों पर उनके डिफॉल्टर होने का लेटर डाला जाता है. यहां तक कि उनके फोटोग्राफ को मैप करके उसे नग्न फोटोग्राफी में ऐड कर उनके साथ ब्लैकमेलिंग का धंधा भी शुरू कर दिया जाता.


प्ले स्टोर पर दर्जनों ऐप मौजूदः गूगल प्ले स्टोर पर शर्तिया 10 से 15 मिनट के भीतर लोन देने के लिए दर्जनों ऐप मौजूद हैं. कैशमामा, फीसलोन, धनाधन जैसे ऐप प्ले स्टोर में मौजूद हैं. जिन्हें डाउनलोड करने पर एक दूसरे ऐप में जाने को कहा जाता है. जहां से लोन देने की प्रक्रिया शुरू की जाती है. इस ऐप में आधार कार्ड, पैन कार्ड की डिटेल और आवेदक का एक फोटो लिया जाता है. इन जानकारियों के अलावा लोन लेने वाले के मोबाइल फोन के कॉन्टेक्ट डिटेल और फोटो गैलरी का एक्सेस भी ले लिया जाता है. यह सबकुछ कुछ ही मिनटों में हो जाता है और इसके बाद लोन की रकम खाते में आ जाती है. लोन चुकाने की अवधि एक हफ्ते की होती है. इस अवधि में लोन नहीं चुकाने पर ब्लैकमेलिंग का खेल शुरू हो जाता है. फोटो पर फ्रॉड लिखकर, रिश्तेदारों को फोन कर बदनाम करने, व्हाट्सएप ग्रुप बनाकर उसे धोखाबाज साबित करने और न्यूड फोटो डालकर सामाजिक रूप से बदनाम करने की कोशिशें शुरू हो जाती हैं. दरअसल यह सिर्फ समय पर लोन नहीं चुकाने वाले लोगों के साथ ही नहीं होता है बल्कि जो लोग समय पर लोन चुका देते हैं उनसे भी बड़ी रकम ब्लैकमेल कर मांगी जाती है.


राजधानी में आ रहे है मामले सामनेः फर्जी लोन ऐप के माध्यम से आम लोग सबसे ज्यादा ठगी के शिकार हो रहे हैं. अपनी रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करने के लिए वह साइबर अपराधियों के झांसे में आ जाते हैं. कभी किताबें खरीदने के लिए तो कभी पार्टी करने के लिए 4 से 5 हजार आसानी से इन ऐप के जरिए मिल जाते हैं. लेकिन उसके बाद वह साइबर अपराधियों के चुंगल में फंस जाते हैं और उन्हें 5000 की जगह 25000 चुकाना पड़ जाता है. कोविड संक्रमण के दौरान रांची के चुटिया इलाके से दो मामले सामने आए थे. इनमे दो युवकों को ब्लैकमेल कर उनके परिजनों के खातों से ही पैसे गायब करवा दिए गए. इसी महीने रांची के बरियातू थाना में भी ऐप के जरिये लोन लेने के बाद न्यूड तस्वीरें वायरल कर ब्लैकमेल करने संबंधित एफआईआर दर्ज की गई है. साइबर मामलों की जांच कर रहे अधिकारी कहते हैं कि ऐसे मामले लगातार सामने आ रहे हैं लेकिन कुछ लोग लोक लाज के भय से थानों में मामलों की रिपोर्टिंग नहीं करवा रहे हैं, लेकिन यह जरूरी है कि ऐसे किसी भी ठगी की सूचना तुरंत थानों को दी जाए. क्योंकि जितने भी ऐप चलाए जा रहे हैं वह कहीं से भी नियम संगत नहीं है. सभी आरबीआई के नियमों का उल्लंघन कर ही इसका संचालन कर रहे हैं.

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ठगी से बचने के उपाय
क्या है बचने के उपायः लोन ऐप के माध्यम से ठगी की वारदातें लगातार बढ़ रही हैं. साइबर अपराधियों पर पुलिस भी पूरी तरह से लगाम कसने में असमर्थ साबित हो रही है. लिहाजा आपको ही सावधानी बरतते हुए ऐसे जालसाजों के झांसे में आने से खुद को बचाना होगा.
  • सबसे पहले तो लोन देने वाले ऐप या कंपनी के बारे में यह जांच करें कि क्या वह आरबीआई की अनुमति से लोन बांट रही है. कई ऐप किसी बैंक या एनबीएफसी के नाम पर कर्ज बांटने का दावा करते हैं, उस समय भी संबंधित बैंक क्रॉस चेक करना बेहद जरूरी है.
  • जो भी लोन दे रहा है उसकी ब्याज दरें पहले से निर्धारित करा लें और उसका एक एग्रीमेंट भी करा लें ताकि बाद में आपसे ज्यादा ब्याज की वसूली ना हो सके.
  • जो लोन ऐप आपको किसी भी तरह की जानकारी देने से इनकार करते हैं उनसे दूर रहने में ही भलाई है.
  • जब आप किसी लोन ऐप के जरिए अप्लाई कर रहे हो तो उस ऐप की रेटिंग भी जरूर चेक कर लिया करें.

रांचीः एक क्लिक पर लोन, सबसे आसान लोन, अब अपने फोन पर ऐप डाउनलोड करिए और मिनटों में लोन पाइए. कुछ इस तरह के लुभावने ऑफर से साइबर अपराधी लोगों के साथ न सिर्फ ठगी कर रहे हैं बल्कि उनके फोन को हैक कर उन्हें ब्लैकमेल भी कर रहे हैं. राजधानी रांची सहित राज्य के कई हिस्सों से ऐसे मामले सामने आ रहे हैं. जिनमें लोन एप के माध्यम से लोगों के साथ ठगी की वारदातों को अंजाम दिया जा रहा है.


लगातार आ रहे मामले सामनेः इंटरनेट के जरिए ठगी करने वाला गिरोह अब आसान तरीके से लोन देने का झांसा देकर आम लोगों से ठगी की घटनाओं को अंजाम दे रहा है. राजधानी रांची में भी इस तरह की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं. साल 2021-22 के आंकड़ों की बात करें तो अब तक झारखंड के अलग-अलग हिस्सों से 23 से अधिक ऐसे मामले सामने आ चुके हैं. दरअसल गूगल प्ले स्टोर पर लोन देने वाले कई एप उपलब्ध हैं कुछ तो सीधे वेबसाइट से ही लोन उपलब्ध करवाते हैं.

देखें स्पेशल रिपोर्ट

दरअसल यह सभी लोन ऐप आरबीआई के नियमों को ताक पर रखकर बनाए गए हैं. बड़ी आसानी के साथ लोन देने का दावा करने वाले इस तरह के ऐप को असल में बेहद शातिर साइबर अपराधी कंट्रोल कर रहे हैं. इनके झांसे में सबसे ज्यादा युवा वर्ग के लोग आ रहे हैं, जो 5 से 10 हजार रुपये लोन लेने के चक्कर में साइबर अपराधियों का शिकार बन जा रहे हैं. लोन देने के बाद ऐप चलाने वाले 40% से लेकर 60% तक ब्याज वसूलते हैं. ब्याज नहीं देने पर साइबर अपराधी मोबाइल को हैक कर कॉन्टेक्ट लिस्ट, फोटो और अन्य गोपनीय जानकारियां निकाल लेते हैं. यह लोग लोन लेने वालों को इस हद तक प्रताड़ित करते हैं कि लोन लेने वाले बदनामी के डर से उन्हें बहुत ज्यादा पैसे दे देते हैं. जो ज्यादा पैसे देने में आनाकानी करते है उनके कॉन्टेक्ट लिस्ट में मौजूद नंबरों पर उनके डिफॉल्टर होने का लेटर डाला जाता है. यहां तक कि उनके फोटोग्राफ को मैप करके उसे नग्न फोटोग्राफी में ऐड कर उनके साथ ब्लैकमेलिंग का धंधा भी शुरू कर दिया जाता.


प्ले स्टोर पर दर्जनों ऐप मौजूदः गूगल प्ले स्टोर पर शर्तिया 10 से 15 मिनट के भीतर लोन देने के लिए दर्जनों ऐप मौजूद हैं. कैशमामा, फीसलोन, धनाधन जैसे ऐप प्ले स्टोर में मौजूद हैं. जिन्हें डाउनलोड करने पर एक दूसरे ऐप में जाने को कहा जाता है. जहां से लोन देने की प्रक्रिया शुरू की जाती है. इस ऐप में आधार कार्ड, पैन कार्ड की डिटेल और आवेदक का एक फोटो लिया जाता है. इन जानकारियों के अलावा लोन लेने वाले के मोबाइल फोन के कॉन्टेक्ट डिटेल और फोटो गैलरी का एक्सेस भी ले लिया जाता है. यह सबकुछ कुछ ही मिनटों में हो जाता है और इसके बाद लोन की रकम खाते में आ जाती है. लोन चुकाने की अवधि एक हफ्ते की होती है. इस अवधि में लोन नहीं चुकाने पर ब्लैकमेलिंग का खेल शुरू हो जाता है. फोटो पर फ्रॉड लिखकर, रिश्तेदारों को फोन कर बदनाम करने, व्हाट्सएप ग्रुप बनाकर उसे धोखाबाज साबित करने और न्यूड फोटो डालकर सामाजिक रूप से बदनाम करने की कोशिशें शुरू हो जाती हैं. दरअसल यह सिर्फ समय पर लोन नहीं चुकाने वाले लोगों के साथ ही नहीं होता है बल्कि जो लोग समय पर लोन चुका देते हैं उनसे भी बड़ी रकम ब्लैकमेल कर मांगी जाती है.


राजधानी में आ रहे है मामले सामनेः फर्जी लोन ऐप के माध्यम से आम लोग सबसे ज्यादा ठगी के शिकार हो रहे हैं. अपनी रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करने के लिए वह साइबर अपराधियों के झांसे में आ जाते हैं. कभी किताबें खरीदने के लिए तो कभी पार्टी करने के लिए 4 से 5 हजार आसानी से इन ऐप के जरिए मिल जाते हैं. लेकिन उसके बाद वह साइबर अपराधियों के चुंगल में फंस जाते हैं और उन्हें 5000 की जगह 25000 चुकाना पड़ जाता है. कोविड संक्रमण के दौरान रांची के चुटिया इलाके से दो मामले सामने आए थे. इनमे दो युवकों को ब्लैकमेल कर उनके परिजनों के खातों से ही पैसे गायब करवा दिए गए. इसी महीने रांची के बरियातू थाना में भी ऐप के जरिये लोन लेने के बाद न्यूड तस्वीरें वायरल कर ब्लैकमेल करने संबंधित एफआईआर दर्ज की गई है. साइबर मामलों की जांच कर रहे अधिकारी कहते हैं कि ऐसे मामले लगातार सामने आ रहे हैं लेकिन कुछ लोग लोक लाज के भय से थानों में मामलों की रिपोर्टिंग नहीं करवा रहे हैं, लेकिन यह जरूरी है कि ऐसे किसी भी ठगी की सूचना तुरंत थानों को दी जाए. क्योंकि जितने भी ऐप चलाए जा रहे हैं वह कहीं से भी नियम संगत नहीं है. सभी आरबीआई के नियमों का उल्लंघन कर ही इसका संचालन कर रहे हैं.

fraud in the name of giving loan in ranchi
ठगी से बचने के उपाय
क्या है बचने के उपायः लोन ऐप के माध्यम से ठगी की वारदातें लगातार बढ़ रही हैं. साइबर अपराधियों पर पुलिस भी पूरी तरह से लगाम कसने में असमर्थ साबित हो रही है. लिहाजा आपको ही सावधानी बरतते हुए ऐसे जालसाजों के झांसे में आने से खुद को बचाना होगा.
  • सबसे पहले तो लोन देने वाले ऐप या कंपनी के बारे में यह जांच करें कि क्या वह आरबीआई की अनुमति से लोन बांट रही है. कई ऐप किसी बैंक या एनबीएफसी के नाम पर कर्ज बांटने का दावा करते हैं, उस समय भी संबंधित बैंक क्रॉस चेक करना बेहद जरूरी है.
  • जो भी लोन दे रहा है उसकी ब्याज दरें पहले से निर्धारित करा लें और उसका एक एग्रीमेंट भी करा लें ताकि बाद में आपसे ज्यादा ब्याज की वसूली ना हो सके.
  • जो लोन ऐप आपको किसी भी तरह की जानकारी देने से इनकार करते हैं उनसे दूर रहने में ही भलाई है.
  • जब आप किसी लोन ऐप के जरिए अप्लाई कर रहे हो तो उस ऐप की रेटिंग भी जरूर चेक कर लिया करें.
Last Updated : Jul 3, 2022, 2:36 PM IST
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