ETV Bharat / city

हाकिम अपने मालिक बन बैठे हैं, इंचार्ज ने कभी सिस्टम बनने ही नहीं दिया, RPN पर सुबोधकांत का हमला

author img

By

Published : Dec 18, 2021, 6:01 PM IST

Updated : Dec 18, 2021, 6:35 PM IST

कांग्रेस में गुटबाजी किसी से छुपी नहीं है. झारखंड कांग्रेस में भी समय समय पर आपसी मतभेद सामने आते रहे हैं. इस बार पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय ने कांग्रेस प्रदेश प्रभारी RPN Singh पर तंज कसा है. उन्होंने प्रदेश के ऐसे हालात के लिए आरपीएन को जिम्मेदार बताया है.

former-union-minister-subodh-kant-sahay-targeted-congress-state-incharge-rpn-singh
कांग्रेस में गुटबाजी

रांचीः झारखंड प्रदेश कांग्रेस में आपसी गुटबाजी किसी से छिपी हुई नहीं है. यही वजह है कि कभी विधायक नाराज होकर अपने ही नेता पर भड़ास निकालते हैं तो कभी सरकार के कामकाज पर उनकी नाराजगी झलकती है. इन सबके बीच प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय ने अपने बयान से इसको और हवा दे दी है.

इसे भी पढ़ें- फिर सामने आया कांग्रेस का अंतर्कलह! अंदर प्रदेश प्रभारी कर रहे थे प्रेस कॉन्फ्रेंस, बाहर हो रहा था विरोध

क्या कांग्रेस में All is Well?

सुबोधकांत सहाय ने कांग्रेस प्रदेश प्रभारी आरपीएन सिंह को निशाने पर लेते हुए कहा कि हेमंत सरकार में कांग्रेस विधायकों की नाराजगी होने के पीछे कॉमन मिनिमम प्रोग्राम और कॉर्डिनेशन कमिटी नहीं होना बताया है. कांग्रेस प्रदेश प्रभारी RPN Singh को इसके लिए जिम्मेदार बताते हुए सुबोधकांत सहाय ने कहा कि प्रभारी खुद मालिक बन बैठे हैं जिसके कारण सरकार के अंदर सत्तारूढ़ दलों के बीच समन्वय नहीं हो पा रहा है.

पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय का बयान

सुबोधकांत ने कहा कि इंचार्ज ने कभी सिस्टम बनने ही नहीं दिया, इसके पीछे गलती हेमंत सोरेन की नहीं है बल्कि पार्टी प्रभारी की है. जिसने ये व्यवस्था नहीं की है. इस वजह से पार्टी के कार्यकर्ता फ्रस्ट्रेट रहते हैं. सुबोधकांत सहाय ने महाराष्ट्र में सरकार बनने से पहले की गई कॉमन मिनिमम प्रोग्राम और कॉर्डिनेशन कमिटी का उदाहरण देते हुए झारखंड में भी गठबंधन सरकार के अंदर ऐसी व्यवस्था करने की मांग की है.

सत्तारूढ़ दल की बैठक में कांग्रेस थी नदारद

शीतकालीन सत्र को लेकर पिछले दिनों सीएम हेमंत सोरेन के आवास पर हुई बैठक में कांग्रेस के विधायक नदारद रहे. इसके पीछे सरकार के अंदर सत्तारूढ़ दलों के बीच ऑल इज वेल नहीं माना जा रहा है. कांग्रेसा विधायक अपनी ही सरकार में उनकी उपेक्षा का आरोप लगा रहे हैं. JPSC जैसे मुद्दे पर सरकार की छवि खराब होने और भाषाई विवाद पर कांग्रेस का वोट बैंक खिसकने का भय कांग्रेस को सताने लगा है. इन सबके बीच सुबोधकांत सहाय का अपनी ही पार्टी के प्रदेश प्रभारी को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया जाने के बाद यह असंतुष्ट विधायक और नेताओं के लिए आग में घी डालने का काम किया है.

रांचीः झारखंड प्रदेश कांग्रेस में आपसी गुटबाजी किसी से छिपी हुई नहीं है. यही वजह है कि कभी विधायक नाराज होकर अपने ही नेता पर भड़ास निकालते हैं तो कभी सरकार के कामकाज पर उनकी नाराजगी झलकती है. इन सबके बीच प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय ने अपने बयान से इसको और हवा दे दी है.

इसे भी पढ़ें- फिर सामने आया कांग्रेस का अंतर्कलह! अंदर प्रदेश प्रभारी कर रहे थे प्रेस कॉन्फ्रेंस, बाहर हो रहा था विरोध

क्या कांग्रेस में All is Well?

सुबोधकांत सहाय ने कांग्रेस प्रदेश प्रभारी आरपीएन सिंह को निशाने पर लेते हुए कहा कि हेमंत सरकार में कांग्रेस विधायकों की नाराजगी होने के पीछे कॉमन मिनिमम प्रोग्राम और कॉर्डिनेशन कमिटी नहीं होना बताया है. कांग्रेस प्रदेश प्रभारी RPN Singh को इसके लिए जिम्मेदार बताते हुए सुबोधकांत सहाय ने कहा कि प्रभारी खुद मालिक बन बैठे हैं जिसके कारण सरकार के अंदर सत्तारूढ़ दलों के बीच समन्वय नहीं हो पा रहा है.

पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय का बयान

सुबोधकांत ने कहा कि इंचार्ज ने कभी सिस्टम बनने ही नहीं दिया, इसके पीछे गलती हेमंत सोरेन की नहीं है बल्कि पार्टी प्रभारी की है. जिसने ये व्यवस्था नहीं की है. इस वजह से पार्टी के कार्यकर्ता फ्रस्ट्रेट रहते हैं. सुबोधकांत सहाय ने महाराष्ट्र में सरकार बनने से पहले की गई कॉमन मिनिमम प्रोग्राम और कॉर्डिनेशन कमिटी का उदाहरण देते हुए झारखंड में भी गठबंधन सरकार के अंदर ऐसी व्यवस्था करने की मांग की है.

सत्तारूढ़ दल की बैठक में कांग्रेस थी नदारद

शीतकालीन सत्र को लेकर पिछले दिनों सीएम हेमंत सोरेन के आवास पर हुई बैठक में कांग्रेस के विधायक नदारद रहे. इसके पीछे सरकार के अंदर सत्तारूढ़ दलों के बीच ऑल इज वेल नहीं माना जा रहा है. कांग्रेसा विधायक अपनी ही सरकार में उनकी उपेक्षा का आरोप लगा रहे हैं. JPSC जैसे मुद्दे पर सरकार की छवि खराब होने और भाषाई विवाद पर कांग्रेस का वोट बैंक खिसकने का भय कांग्रेस को सताने लगा है. इन सबके बीच सुबोधकांत सहाय का अपनी ही पार्टी के प्रदेश प्रभारी को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया जाने के बाद यह असंतुष्ट विधायक और नेताओं के लिए आग में घी डालने का काम किया है.

Last Updated : Dec 18, 2021, 6:35 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.