रांचीः झारखंड सरकार मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देश पर शिक्षा के स्तर में सुधार की परिकल्पना को साकार रूप देने जा रही है. अच्छी और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा गरीब, किसान, वंचित, पिछड़ों के बच्चों को भी प्राप्त हो इसके लिये मुख्यमंत्री ने पंचायत स्तर पर मॉडल स्कूल का निर्माण कार्य शुरू करवाया है. मॉडल स्कूल के निर्माण की मॉनिटरिंग मुख्यमंत्री खुद कर रहे हैं ताकि झारखंड के बच्चों को जल्द से जल्द गुणवत्तापूर्ण शिक्षा से आच्छादित किया जा सके. वर्तमान में करीब 80 मॉडल स्कूल का निर्माण कार्य प्रगति पर है.
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प्रिंसिपल और शिक्षकों की क्षमता विकास पर फोकसः स्कूल के प्रधानाध्यापकों की क्षमता और नेतृत्व क्षमता विकसित करने के लिये उन्हें प्रशिक्षित करने का कार्य जारी है. शिक्षा विभाग ने इसके लिए प्रखंडस्तर पर 325 प्राधनाध्यापकों का प्रशिक्षण के लिए निबंधन किया है. जिसमें से 176 प्रधनाध्यापकों का प्रशिक्षण पूर्ण हो चुका है. शेष का प्रशिक्षण 31 जनवरी 2022 तक पूर्ण कर लिया जायेगा. इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में 740 शिक्षकों ने भाग लिया है. 10 सप्ताह के इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में स्कूलों में विषयवार पदस्थापित शिक्षकों की तकनीकी क्षमता के विकास एवं कक्षा संचालन प्रक्रिया, छात्र केंद्रित अध्यापन के लिये प्रशिक्षण दिया गया है. एससीईआरटी और डाइट को पूर्ण रूप से शिक्षकों के प्रशिक्षण के लिये प्रभावी बनाया गया है. साथ ही, शिक्षकों के मूल्यांकन की सतत व्यवस्था, राज्य शिक्षक परिवर्तन दल के माध्यम से विद्यालयों की गुणवत्ता में सुधार, प्रेरणा शिविर, शिक्षकों का शैक्षिक परिदर्शन समेत अन्य उन्मुखी कार्यक्रमों के जरिये क्षमता विकास किया जा रहा है.
सीबीएसई से एफिलिएटेड होंगे स्कूलः राज्य के प्रस्तावित उत्कृष्ट विद्यालयों को सीबीएसई से संबद्धता दिलाई जाएगी. इस तरह आदर्श विद्यालय योजना के तहत 80 स्कूलों को उत्कृष्ट विद्यालय के रूप में विकसित किया जायेगा. भविष्य में योजना का विस्तार करते हुए लगभग 15 लाख बच्चों को लाभान्वित करने का लक्ष्य रखा गया है. आदर्श विद्यालय योजना को राज्य के लिये फ्लैगशिप योजना के रूप में लिया गया है ताकि सरकारी विद्यालयों को पहुंच, समानता और गुणवत्ता की उत्कृष्टता में राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय मानक के अनुरूप बनाया जा सके.
पढ़ने की क्षमता के साथ-साथ अंग्रेजी बोलने का भी प्रशिक्षणः मॉडल स्कूलों में पढ़ने वाले सभी छात्र-छात्राएं पाठ्य पुस्तक पढ़ सकने की क्षमता प्राप्त कर सकें, इसके लिये आओ पढ़े, खूब पढ़े पठन अभियान शुरू करने की योजना पर सरकार कार्य कर रही है. पठन सामग्री के रूप में पाठ्य पुस्तकें, कहानियां, आलेख और शब्दों को पढ़ने का अभ्यास कराया जायेगा. साथ ही बच्चों के अंग्रेजी बोलने की क्षमता विकसित करने के लिये इस क्षेत्र में काम कर रही संस्थाओं और एनसीआरटी, एनईआईपी का सहयोग लिया जायेगा. स्कूलों में लैंग्वेज लैब की स्थापना के साथ स्पोकेन इंग्लिश कोर्स तैयार कर विद्यालयों में संचालित किया जाएगा.