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बरहरवा टेंडर विवाद: आलमगीर आलम और पंकज मिश्रा पर कस रहा ED का शिकंजा - Jharkhand news

ईडी का शिकंजा अब झारखंड के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम पर कसता जा रहा है. साहिबगंज के बरहरवा टेंडर विवाद में माले की जांच अब ईडी ने मनी लांड्रिंग के आधार पर शुरू कर दी है. इस मामले में बरहेट के विधायक सह मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा सहित 11 के खिलाफ मामला दर्ज है.

ED to investigate Barharwa tender dispute
ED to investigate Barharwa tender dispute
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Published : Jun 4, 2022, 4:56 PM IST

रांची: झारखंड सरकार के मंत्री आलमगीर आलम और बरहेट के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा से जुड़े मामले में ईडी ने मनी लांड्रिंग के आधार पर अपनी जांच शुरू कर दी है. पूरा मामला बरहरवा टेंडर विवाद से जुड़ा हुआ है. ईडी ने इस मामले में मनी लाउंड्रिंग के तहत केस दर्ज किया है. जिसमें मुख्यमंत्री के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा और अन्य को आरोपित किया है. जांच की आंच मंत्री आलमगीर आलम तक पहुंचने की संभावना है, क्योंकि दर्ज केस में पंकज मिश्रा और अन्य अंकित है.

ये भी पढ़ें: मंत्री आलमगीर आलम से जुड़े केस में ईडी की जांच शुरू, शिकायतकर्ता ठेकेदार को भेजी गई नोटिस

मनी लॉन्ड्रिंग की जांच करेगी ईडी: ईडी ने बरहरवा थाने में दर्ज केस के टेकओवर करते हुए प्रिवेंशन आफ मनी लाउंड्रिंग एक्ट के तहत अपनी जांच शुरू की है. यह मामला 22 जून 2020 को बरहरवा में हाट बाजार की बंदोबस्ती के टेंडर के विवाद को लेकर दो पक्षों में विवाद से जुड़ा हुआ है. इसमें ठेकेदार शंभू नंदन कुमार ने मंत्री आलमगीर आलम, बरहेट विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा समेत कई लोगों पर नामजद प्राथमिकी दर्ज करायी थी, जबकि शंभू नंदन प्रसाद के खिलाफ भी दो अन्य लोगों ने ठेका विवाद में एफआईआर दर्ज कराई थी.

मामले में केस दर्ज किये जाने के बाद ईडी के रांची जोनल आफिस के असीस्टेंट डायरेक्ट देवव्रत झा ने इस संबंध ठेकेदार को नोटिस जारी कर जानकारी मांगी है. जानकारी के मुताबिक, ईडी ने बरहरवा थाने में टेंडर विवाद से जुड़ी सारे एफआईआर की मांग की है. ईडी ने यह भी जानकारी मांगी है कि जिस टेंडर प्रकिया में शामिल होने से ठेकेदार शंभू नंदन को रोका गया था, उसमें कितने रुपये की राशि जुड़ी थी, साथ ही पूरे टेंडर प्रकिया और इससे होने वाले संभावित आय की जानकारी ईडी जुटाने में लगी है.

क्या है मामला: बरहरवा नगर पंचायत के सैरात (हाट-बाजार) की बंदोबस्ती के दौरान झड़प हुई थी. इस मामले में तीन अलग-अलग प्राथमिकी दर्ज की गई थी. एक प्राथमिकी पाकुड़ निवासी शंभु भगत के लिखित आवेदन पर बरहरवा थाने में राज्य सरकार के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम, बरहेट के विधायक सह मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा सहित 11 के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी.

दूसरी प्राथमिकी बरहरवा निवासी दिलीप साहा के लिखित आवेदन पर पाकुड़ निवासी शंभु भगत पर दर्ज की गई. तीसरी प्राथमिकी बरहरवा निवासी उदय कुमार हजारी के आवेदन पर शंभु भगत पर दर्ज की गई है. वहीं, इस विवाद को लेकर एक ऑडियो भी वायरल हुआ था. इसमें आलमगीर आलम, पंकज मिश्रा और शंभु भगत के बीच संवाद की बात कही जा रही है. जिसमें शंभू नंदन को टेंडर प्रकिया में शामिल नहीं होने को कहा गया था. ऑडियो में पंकज मिश्रा और शंभू कुमार प्रसाद के बीच तीखी बहस भी रिकार्ड हुई थी.

रांची: झारखंड सरकार के मंत्री आलमगीर आलम और बरहेट के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा से जुड़े मामले में ईडी ने मनी लांड्रिंग के आधार पर अपनी जांच शुरू कर दी है. पूरा मामला बरहरवा टेंडर विवाद से जुड़ा हुआ है. ईडी ने इस मामले में मनी लाउंड्रिंग के तहत केस दर्ज किया है. जिसमें मुख्यमंत्री के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा और अन्य को आरोपित किया है. जांच की आंच मंत्री आलमगीर आलम तक पहुंचने की संभावना है, क्योंकि दर्ज केस में पंकज मिश्रा और अन्य अंकित है.

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मनी लॉन्ड्रिंग की जांच करेगी ईडी: ईडी ने बरहरवा थाने में दर्ज केस के टेकओवर करते हुए प्रिवेंशन आफ मनी लाउंड्रिंग एक्ट के तहत अपनी जांच शुरू की है. यह मामला 22 जून 2020 को बरहरवा में हाट बाजार की बंदोबस्ती के टेंडर के विवाद को लेकर दो पक्षों में विवाद से जुड़ा हुआ है. इसमें ठेकेदार शंभू नंदन कुमार ने मंत्री आलमगीर आलम, बरहेट विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा समेत कई लोगों पर नामजद प्राथमिकी दर्ज करायी थी, जबकि शंभू नंदन प्रसाद के खिलाफ भी दो अन्य लोगों ने ठेका विवाद में एफआईआर दर्ज कराई थी.

मामले में केस दर्ज किये जाने के बाद ईडी के रांची जोनल आफिस के असीस्टेंट डायरेक्ट देवव्रत झा ने इस संबंध ठेकेदार को नोटिस जारी कर जानकारी मांगी है. जानकारी के मुताबिक, ईडी ने बरहरवा थाने में टेंडर विवाद से जुड़ी सारे एफआईआर की मांग की है. ईडी ने यह भी जानकारी मांगी है कि जिस टेंडर प्रकिया में शामिल होने से ठेकेदार शंभू नंदन को रोका गया था, उसमें कितने रुपये की राशि जुड़ी थी, साथ ही पूरे टेंडर प्रकिया और इससे होने वाले संभावित आय की जानकारी ईडी जुटाने में लगी है.

क्या है मामला: बरहरवा नगर पंचायत के सैरात (हाट-बाजार) की बंदोबस्ती के दौरान झड़प हुई थी. इस मामले में तीन अलग-अलग प्राथमिकी दर्ज की गई थी. एक प्राथमिकी पाकुड़ निवासी शंभु भगत के लिखित आवेदन पर बरहरवा थाने में राज्य सरकार के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम, बरहेट के विधायक सह मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा सहित 11 के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी.

दूसरी प्राथमिकी बरहरवा निवासी दिलीप साहा के लिखित आवेदन पर पाकुड़ निवासी शंभु भगत पर दर्ज की गई. तीसरी प्राथमिकी बरहरवा निवासी उदय कुमार हजारी के आवेदन पर शंभु भगत पर दर्ज की गई है. वहीं, इस विवाद को लेकर एक ऑडियो भी वायरल हुआ था. इसमें आलमगीर आलम, पंकज मिश्रा और शंभु भगत के बीच संवाद की बात कही जा रही है. जिसमें शंभू नंदन को टेंडर प्रकिया में शामिल नहीं होने को कहा गया था. ऑडियो में पंकज मिश्रा और शंभू कुमार प्रसाद के बीच तीखी बहस भी रिकार्ड हुई थी.

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