ETV Bharat / city

झारखंड में खेल विश्वविद्यालय के गठन का सपना अधूरा, कैसे संवरेगा खिलाड़ियों का भविष्य

झारखंड में खेल विश्विद्यालय का गठन सरकार के मुख्य योजनाओं में से एक है. लेकिन वर्तमान की हेमंत सरकार ने इस ओर अब तक कोई ध्यान नहीं दिया है. राज्य में खेल विश्विद्यालय के नहीं होने से खिलाड़ियों को प्रशिक्षण के लिए दूसरे राज्यों में जाना पड़ता है.

ETV Bharat
खेल विश्वविद्यालय के गठन का सपना अधूरा
author img

By

Published : Nov 1, 2021, 9:39 PM IST

रांची: झारखंड में खेल विश्वविद्यालय का गठन अधर में है. हेमंत सरकार इस महत्वाकांक्षी योजना को लेकर फिलहाल कोई पहल नहीं कर रही है. हालांकि पिछली सरकार में इस योजना को दो कदम जरूर आगे बढ़ाया गया था.


इसे भी पढे़ं: मंत्री जी को करना था चैंपियनशिप का उद्धाटन, पर रास्ते में पढ़ने लगे नमाज, जानिए लोगों ने क्या कही बात


खेल और खिलाड़ियों के विकास के लिए झारखंड में कई पहल किए जा रहे हैं. लेकिन इस राज्य में खेल विश्वविद्यालय नहीं होने से खिलाड़ियों और खेल से जुड़े लोगों को कई समस्याओं से जूझना पड़ रहा है. खेल से संबंधित विभिन्न कोर्स करने के लिए उन्हें दूसरे राज्यों में जाना पड़ रहा है. राज्य के विभिन्न विश्वविद्यालयों में भी ऐसे कई खेल संबंधित कोर्स हैं, जो नहीं करवाए जाते हैं और ना ही खिलाड़ियों को इन विश्वविद्यालय से कोई फायदा मिल रहा है. खिलाड़ियों और खेल जगत से जुड़े लोगों ने खेल विश्वविद्यालय के गठन को लेकर राज्य सरकार से कई बार मांग की है. लेकिन वर्तमान सरकार की ओर से इस और फिलहाल कोई ध्यान नहीं दिया गया है.

देखें पूरी खबर

पूर्व की सरकार में विश्वविद्यालय के गठन को लेकर हुआ था एमओयू

पूर्व की रघुवर सरकार ने सीसीएल के बीच वर्ष 2018 -19 में खेल विश्वविद्यालय की गठन को लेकर एक एमओयू किया था. राज्यपाल के पास इसे लेकर एक बजट भी भेजा गया था. राज्यपाल ने मंजूरी भी दे दी थी. ऐसा कयास लगाए जा रहे थे कि बजट को मंजूरी मिलने के बाद खेल विश्वविद्यालय को जल्द ही मूर्त रूप दिया जाएगा. उम्मीद ये भी जताई गई थी कि सत्र 2018-19 से ही खेल विश्वविद्यालय धरातल पर उतर जाएगा. लेकिन वर्तमान सरकार में ऐसा नहीं हो पाया.


इसे भी पढे़ं: IND vs NZ: हार के बाद बल्लेबाजों पर बरसे विराट, बोले- नहीं दिखा पाए साहस


वर्तमान सरकार से अपील

साल 2011 से ही खेल विश्वविद्यालय के गठन को लेकर रणनीति तैयार की गई थी. लेकिन सरकार बदलते ही यह योजना ठंडे बस्ते पर चला गया. राज्य के खेल प्रशासक और खेल जगत से जुड़े लोगों ने खेल विश्वविद्यालय के गठन नहीं होने पर नाराजगी जाहिर की है. साथ ही उन्होंने कहा है कि अगर झारखंड में खेल विश्वविद्यालय का गठन हो जाता है तो यहां के खिलाड़ियों को फायदा होगा. बेवजह खिलाड़ियों को अन्य राज्य की ओर पलायन नहीं करना पड़ेगा.

रांची: झारखंड में खेल विश्वविद्यालय का गठन अधर में है. हेमंत सरकार इस महत्वाकांक्षी योजना को लेकर फिलहाल कोई पहल नहीं कर रही है. हालांकि पिछली सरकार में इस योजना को दो कदम जरूर आगे बढ़ाया गया था.


इसे भी पढे़ं: मंत्री जी को करना था चैंपियनशिप का उद्धाटन, पर रास्ते में पढ़ने लगे नमाज, जानिए लोगों ने क्या कही बात


खेल और खिलाड़ियों के विकास के लिए झारखंड में कई पहल किए जा रहे हैं. लेकिन इस राज्य में खेल विश्वविद्यालय नहीं होने से खिलाड़ियों और खेल से जुड़े लोगों को कई समस्याओं से जूझना पड़ रहा है. खेल से संबंधित विभिन्न कोर्स करने के लिए उन्हें दूसरे राज्यों में जाना पड़ रहा है. राज्य के विभिन्न विश्वविद्यालयों में भी ऐसे कई खेल संबंधित कोर्स हैं, जो नहीं करवाए जाते हैं और ना ही खिलाड़ियों को इन विश्वविद्यालय से कोई फायदा मिल रहा है. खिलाड़ियों और खेल जगत से जुड़े लोगों ने खेल विश्वविद्यालय के गठन को लेकर राज्य सरकार से कई बार मांग की है. लेकिन वर्तमान सरकार की ओर से इस और फिलहाल कोई ध्यान नहीं दिया गया है.

देखें पूरी खबर

पूर्व की सरकार में विश्वविद्यालय के गठन को लेकर हुआ था एमओयू

पूर्व की रघुवर सरकार ने सीसीएल के बीच वर्ष 2018 -19 में खेल विश्वविद्यालय की गठन को लेकर एक एमओयू किया था. राज्यपाल के पास इसे लेकर एक बजट भी भेजा गया था. राज्यपाल ने मंजूरी भी दे दी थी. ऐसा कयास लगाए जा रहे थे कि बजट को मंजूरी मिलने के बाद खेल विश्वविद्यालय को जल्द ही मूर्त रूप दिया जाएगा. उम्मीद ये भी जताई गई थी कि सत्र 2018-19 से ही खेल विश्वविद्यालय धरातल पर उतर जाएगा. लेकिन वर्तमान सरकार में ऐसा नहीं हो पाया.


इसे भी पढे़ं: IND vs NZ: हार के बाद बल्लेबाजों पर बरसे विराट, बोले- नहीं दिखा पाए साहस


वर्तमान सरकार से अपील

साल 2011 से ही खेल विश्वविद्यालय के गठन को लेकर रणनीति तैयार की गई थी. लेकिन सरकार बदलते ही यह योजना ठंडे बस्ते पर चला गया. राज्य के खेल प्रशासक और खेल जगत से जुड़े लोगों ने खेल विश्वविद्यालय के गठन नहीं होने पर नाराजगी जाहिर की है. साथ ही उन्होंने कहा है कि अगर झारखंड में खेल विश्वविद्यालय का गठन हो जाता है तो यहां के खिलाड़ियों को फायदा होगा. बेवजह खिलाड़ियों को अन्य राज्य की ओर पलायन नहीं करना पड़ेगा.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.