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वित्तीय कुप्रबंधन की शिकार है हेमंत सरकार, जनता को कर रही गुमराहः दीपक प्रकाश - hemant soren government

बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने राज्य में वित्तीय अराजकता होने का आरोप लगाते हुए हेमंत सरकार पर जमकर निशाना साधा है.केन्द्र सरकार की योजना का हवाला देते हुए दीपक प्रकाश ने हेमंत सरकार पर वित्तीय कुप्रबंधन का आरोप लगाया है.

बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश
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Published : Jan 28, 2022, 9:48 AM IST

Updated : Jan 28, 2022, 10:30 AM IST

रांचीः केंद्र द्वारा दिये जाने वाले कर हस्तांतरण व सहायता राशि पर भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद दीपक प्रकाश ने हेमंत सरकार को देश की सबसे निकृष्ट सरकार बताते हुए कहा है कि हेमंत सरकार जनता को झूठ बोलकर सत्ता में आई और आज भी जनता को गुमराह कर रही है. भाजपा प्रदेश कार्यालय में मीडियाकर्मियों को संबोधित करते हुए दीपक प्रकाश ने कहा कि हेमंत सरकार बार बार केंद्र पर झूठे आरोप लगाकर जनता को गुमराह कर रही है.

ये भी पढ़ेंः वित्तीय कुप्रबंधन की शिकार है हेमंत सरकार, जनता को कर रही गुमराहः दीपक प्रकाश

यह सरकार केंद्र पर कर हस्तांतरण व सहायता अनुदान के झूठे आरोप लगाती रही है, जबकि सच यह है कि 2009 से 2014 के बीच यूपीए सरकार ने झारखंड को 35,998 करोड़ कर हस्तांतरण किया. जबकि 21,069 करोड़ सहायता अनुदान दिया इसके इतर 2014 से 2019 के बीच एनडीए की सरकार ने झारखंड को 89,648 करोड़ कर हस्तांतरण किया. जबकि 44,641 करोड़ सहायता अनुदान दिया. कुल मिलाकर देखें तो 2009 से 14 और 2014 से 19 के बीच 149.04% कर हस्तांतरण में बढ़ोतरी हुई, जबकि 111.88% सहायता अनुदान में वृद्धि हुई.

वहीं 2019 से 2022 के बीच केंद्र सरकार ने झारखंड को 62,315 करोड़ कर हस्तांतरण किया और 45,362 करोड़ सहायता अनुदान दिया. औसतन प्रत्येक वर्ष देखा जाए तो 2009 से 14 में झारखंड को प्रत्येक वर्ष 7199.6 करोड़. जबकि 2014 से 19 में 17,929.6 करोड़ और 2019 से 22 के बीच 20,771.6 करोड़ कर हस्तांतरण किया गया. जबकि सहायता अनुदान के तहत 2009 से 14 में प्रत्येक वर्ष 4213.8 करोड़. जबकि 2014 से 19 में 8928.2 करोड़ और 2019 से 22 के बीच 15,120.6 करोड़ सहायता अनुदान दिया गया. 2009 से 14 तक वित्त आयोग अनुदान से 5079 करोड़ जबकि 2014 से 19 तक 6963 करोड़ दिया गया. जो कि 2009 से 14 की तुलना में 2014 से 19 में 37% ज्यादा है. वहीं 2019 से 14 जनवरी 2022 तक 11,008 करोड़ रुपये आवंटित की गई. उन्होंने कहा कि हेमंत सरकार वित्तीय कुप्रबंधन की शिकार हो गई है.

देखें पूरी खबर
बजट के पैसे खर्च करने में असफल वित्त मंत्री झूठ का ले रहे हैं सहाराः दीपक प्रकाश ने वित्त मंत्री पर बजट के पैसे खर्च करने में असफल रहने का आरोप लगाते हुए कहा कि कोरोना काल में भी हेमंत सरकार ने जनता को भगवान भरोसे छोड़ दिया. अनाज सड़ते रहे पर जनता को बांटा भी नहीं गया. कोरोना काल में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत अप्रैल 2020 से नवंबर 20 तक और मई 2021 से अक्टूबर 21 के बीच लगभग 2 करोड़ 47 लाख लाभुकों के लिए 16,14,620 मीट्रिक टन अनाज और 44,593 MT दाल और चना आवंटित किये गये. वहीं 1,43,436 प्रवासी लाभुकों के लिए 1,776 MT अनाज व चना दिया गया. फिर भी कोरोनाकाल में हेमंत सरकार की नेतृत्वविहीनता व लापरवाही के कारण लोगों को भूखे सोने को मजबूर होना पड़ा, भूख से मौत हुई. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री झूठ के बल पर सरकार चला रहे हैं. प्रधानमंत्री का सपना है हर घर शुद्ध जल किंतु जल जीवन मिशन में भी हेमन्त सरकार निकम्मी साबित हुई है. 10 फीसदी से भी कम लोगों को इस योजना का लाभ मिला है. पैसे वापस चले गए. हेमंत सरकार रोना रोने की छोड़ युद्धस्तर पर काम करे.

रांचीः केंद्र द्वारा दिये जाने वाले कर हस्तांतरण व सहायता राशि पर भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद दीपक प्रकाश ने हेमंत सरकार को देश की सबसे निकृष्ट सरकार बताते हुए कहा है कि हेमंत सरकार जनता को झूठ बोलकर सत्ता में आई और आज भी जनता को गुमराह कर रही है. भाजपा प्रदेश कार्यालय में मीडियाकर्मियों को संबोधित करते हुए दीपक प्रकाश ने कहा कि हेमंत सरकार बार बार केंद्र पर झूठे आरोप लगाकर जनता को गुमराह कर रही है.

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यह सरकार केंद्र पर कर हस्तांतरण व सहायता अनुदान के झूठे आरोप लगाती रही है, जबकि सच यह है कि 2009 से 2014 के बीच यूपीए सरकार ने झारखंड को 35,998 करोड़ कर हस्तांतरण किया. जबकि 21,069 करोड़ सहायता अनुदान दिया इसके इतर 2014 से 2019 के बीच एनडीए की सरकार ने झारखंड को 89,648 करोड़ कर हस्तांतरण किया. जबकि 44,641 करोड़ सहायता अनुदान दिया. कुल मिलाकर देखें तो 2009 से 14 और 2014 से 19 के बीच 149.04% कर हस्तांतरण में बढ़ोतरी हुई, जबकि 111.88% सहायता अनुदान में वृद्धि हुई.

वहीं 2019 से 2022 के बीच केंद्र सरकार ने झारखंड को 62,315 करोड़ कर हस्तांतरण किया और 45,362 करोड़ सहायता अनुदान दिया. औसतन प्रत्येक वर्ष देखा जाए तो 2009 से 14 में झारखंड को प्रत्येक वर्ष 7199.6 करोड़. जबकि 2014 से 19 में 17,929.6 करोड़ और 2019 से 22 के बीच 20,771.6 करोड़ कर हस्तांतरण किया गया. जबकि सहायता अनुदान के तहत 2009 से 14 में प्रत्येक वर्ष 4213.8 करोड़. जबकि 2014 से 19 में 8928.2 करोड़ और 2019 से 22 के बीच 15,120.6 करोड़ सहायता अनुदान दिया गया. 2009 से 14 तक वित्त आयोग अनुदान से 5079 करोड़ जबकि 2014 से 19 तक 6963 करोड़ दिया गया. जो कि 2009 से 14 की तुलना में 2014 से 19 में 37% ज्यादा है. वहीं 2019 से 14 जनवरी 2022 तक 11,008 करोड़ रुपये आवंटित की गई. उन्होंने कहा कि हेमंत सरकार वित्तीय कुप्रबंधन की शिकार हो गई है.

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बजट के पैसे खर्च करने में असफल वित्त मंत्री झूठ का ले रहे हैं सहाराः दीपक प्रकाश ने वित्त मंत्री पर बजट के पैसे खर्च करने में असफल रहने का आरोप लगाते हुए कहा कि कोरोना काल में भी हेमंत सरकार ने जनता को भगवान भरोसे छोड़ दिया. अनाज सड़ते रहे पर जनता को बांटा भी नहीं गया. कोरोना काल में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत अप्रैल 2020 से नवंबर 20 तक और मई 2021 से अक्टूबर 21 के बीच लगभग 2 करोड़ 47 लाख लाभुकों के लिए 16,14,620 मीट्रिक टन अनाज और 44,593 MT दाल और चना आवंटित किये गये. वहीं 1,43,436 प्रवासी लाभुकों के लिए 1,776 MT अनाज व चना दिया गया. फिर भी कोरोनाकाल में हेमंत सरकार की नेतृत्वविहीनता व लापरवाही के कारण लोगों को भूखे सोने को मजबूर होना पड़ा, भूख से मौत हुई. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री झूठ के बल पर सरकार चला रहे हैं. प्रधानमंत्री का सपना है हर घर शुद्ध जल किंतु जल जीवन मिशन में भी हेमन्त सरकार निकम्मी साबित हुई है. 10 फीसदी से भी कम लोगों को इस योजना का लाभ मिला है. पैसे वापस चले गए. हेमंत सरकार रोना रोने की छोड़ युद्धस्तर पर काम करे.
Last Updated : Jan 28, 2022, 10:30 AM IST
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