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झारखंड में साइबर क्रिमिनल्स का मायाजाल, DGP से लेकर चीफ जस्टिस के नाम का कर रहे इस्तेमाल

cyber criminals झारखंड में बड़े अधिकारियों के नाम का धड़ल्ले से इस्तेमाल कर रहे हैं. पिछले तीन-चार महीनों में ऐसे एक दर्जन से भी ज्यादा केस आये हैं, लेकिन हैरान करने वाली बात यह कि इस तरह का दुस्साहस करने वाले अपराधी पकड़ में नहीं आ रहे हैं. मामला सामने आने पर Cyber Police लोगों को अलर्ट मैसेज तो जारी कर रही है, लेकिन अब तक इक्के-दुक्के मामले में ही अपराधी पकड़े जा सके हैं.

Cyber criminals are cheating in name of big officials
Cyber criminals are cheating in name of big officials
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Published : Aug 10, 2022, 10:08 PM IST

रांची: साइबर क्रिमिनल्स ठगी और एक्सटॉर्शन (Extortion) के लिए अब झारखंड में डीजीपी, एसपी, डीसी से लेकर हाईकोर्ट के जस्टिस (High Court Justice) तक के नाम का इस्तेमाल कर रहे हैं. इन अपराधियों ने अफसरों की फोटो का इस्तेमाल कर फेक व्हाट्सएप प्रोफाइल (whatsapp profile) बना रखा है और इसके जरिए मातहत अफसरों से लेकर व्यवसायियों तक को व्हाट्सएप मैसेज भेजकर पैसे की मांग करते हैं.

ये भी पढ़ें: Jagte Raho: गोल्डन आवर्स आपको देगा साइबर क्रिमिनल्स के खिलाफ मौका, जानें क्या है इसके रूल्स

26 जुलाई को झारखंड के डीजीपी नीरज सिन्हा (Jharkhand DGP Neeraj Sinha) की फेक प्रोफाइल बनाकर दो आईपीएस अधिकारियों से ठगी का प्रयास किया किया. डीजीपी की फोटो लगे मोबाइल नंबर 9106724664 से झारखंड जगुआर के एसपी अजीत पीटर डुंगडुंग और साहिबगंज के एसपी अनुरंजन किस्पोस्टा को भी गुड मार्निंग का मैसेज भेजा गया. एफआईआर दर्ज हुई तो एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया. इससे पहले बीते पिछले साल मई महीने में साइबर अपराधियों ने डीजीपी के नाम से फर्जी फेसबुक अकाउंट बनाकर कई लोगों को फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजा और उनसे पैसे की मांग की थी.

हद तो तब हो गयी जब बीचे 24 जुलाई को झारखंड हाइकोर्ट के चीफ जस्टिस (Chief Justice of Jharkhand High Court) की फोटो लगा फर्जी व्हाट्सएप अकाउंट से हाईकोर्ट में काम करने वाले राजीव कुमार को मेसेज कर डेढ़ लाख की ठगी कर ली गयी. इस मामले में डोरंडा थाने में एफआईआर कराई गई है, उन्होंने शिकायत की है कि उसके ऑफिस के नंबर पर चीफ जस्टिस की प्रोफाइल फोटो लगी मोबाइल से कॉल आया. इसके बाद मैसेज भेजा गया, जिसमें अमेजन पर 10000 रुपये के 15 गिफ्ट कार्ड खरीदने का संदेश था. वह इससे ठगी का शिकार हो गये. इसके लिए राजीव सिन्हा ने अपने एसबीआई बचत खाता से डेढ़ लाख रुपये इंटरनेट बैंकिंग के माध्यम से भुगतान भी कर दिया.

भुगतान के बाद आये सभी 15 लिंक की सूचना उन्होंने संबंधित नंबर के व्हाट्सएप पर भेज दिए. इसके बाद दोबारा उसी नंबर से दस हजार रुपये के 50 और गिफ्ट कार्ड खरीदने का अनुरोध उनके मोबाइल पर आया, तब उन्हें शंका हुई. इसके बाद राजीव सिन्हा ने ट्रूकॉलर से नंबर को चेक किया, जिसमें उन्हें वह नंबर किसी और के नाम पर रजिस्टर्ड मिला. इसके बाद राजीव कुमार सिन्हा ने इसकी जानकारी एसएसपी रांची को देते हुए एफआईआर दर्ज करायी.

पिछले महीने पाकुड़ डीसी वरुण रंजन की तस्वीर वाली फेक व्हाट्सएप आईडी से मातहत अधिकारियों से राशि की मांग की जा रही थी. इसमें साइबर अपराधियों द्वारा मोबाइल नंबर 8928735411 का इस्तेमाल किया गया था. इससे पूर्व 21 जून 2022 को उनकी तस्वीर वाली फेक व्हाट्सएप आईडी बनाकर अधिकारियों से राशि की मांग की गयी थी.

इन दिनों गुमला के डीसी सुशांत गौरव की तस्वीर वाला व्हाट्सएप अकाउंट बनाकर कई लोगों को मेसेज भेजा गया है. जिला सूचना एवं जनसंपर्क विभाग ने इस बाबत सार्वजनिक तौर पर सूचना जारी कर लोगों को अलर्ट किया है और डीसी के नाम पर राशि मांगने या भुगतान करने के किसी संदेश का जवाब न करने की अपील की गयी है.

इसी तरह जून महीने में रांची के तत्कालीन उपायुक्त छवि रंजन की तस्वीर वाले एक व्हाट्सएप अकाउंट के जरिए जिले के कई बीडीओ-सीओ को मेसेज भेजकर पैसे की मांग की गयी थी. चाईबासा के डीसी अनन्य मित्तल, लातेहार के डीसी भोर सिंह यादव, पलामू प्रमंडल के कमिश्नर जटाशंकर चौधरी, पलामू के तत्कालीन डीसी शशि रंजन, हजारीबाग डीसी नैंसी सहाय, रामगढ़ जिले की डीसी माधुरी मिश्रा की तस्वीरों का इस्तेमाल कर फेक व्हाट्सएप प्रोफाइल बनाकर कई अफसरों को मैसेज भेजे गये हैं.

रांची: साइबर क्रिमिनल्स ठगी और एक्सटॉर्शन (Extortion) के लिए अब झारखंड में डीजीपी, एसपी, डीसी से लेकर हाईकोर्ट के जस्टिस (High Court Justice) तक के नाम का इस्तेमाल कर रहे हैं. इन अपराधियों ने अफसरों की फोटो का इस्तेमाल कर फेक व्हाट्सएप प्रोफाइल (whatsapp profile) बना रखा है और इसके जरिए मातहत अफसरों से लेकर व्यवसायियों तक को व्हाट्सएप मैसेज भेजकर पैसे की मांग करते हैं.

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26 जुलाई को झारखंड के डीजीपी नीरज सिन्हा (Jharkhand DGP Neeraj Sinha) की फेक प्रोफाइल बनाकर दो आईपीएस अधिकारियों से ठगी का प्रयास किया किया. डीजीपी की फोटो लगे मोबाइल नंबर 9106724664 से झारखंड जगुआर के एसपी अजीत पीटर डुंगडुंग और साहिबगंज के एसपी अनुरंजन किस्पोस्टा को भी गुड मार्निंग का मैसेज भेजा गया. एफआईआर दर्ज हुई तो एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया. इससे पहले बीते पिछले साल मई महीने में साइबर अपराधियों ने डीजीपी के नाम से फर्जी फेसबुक अकाउंट बनाकर कई लोगों को फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजा और उनसे पैसे की मांग की थी.

हद तो तब हो गयी जब बीचे 24 जुलाई को झारखंड हाइकोर्ट के चीफ जस्टिस (Chief Justice of Jharkhand High Court) की फोटो लगा फर्जी व्हाट्सएप अकाउंट से हाईकोर्ट में काम करने वाले राजीव कुमार को मेसेज कर डेढ़ लाख की ठगी कर ली गयी. इस मामले में डोरंडा थाने में एफआईआर कराई गई है, उन्होंने शिकायत की है कि उसके ऑफिस के नंबर पर चीफ जस्टिस की प्रोफाइल फोटो लगी मोबाइल से कॉल आया. इसके बाद मैसेज भेजा गया, जिसमें अमेजन पर 10000 रुपये के 15 गिफ्ट कार्ड खरीदने का संदेश था. वह इससे ठगी का शिकार हो गये. इसके लिए राजीव सिन्हा ने अपने एसबीआई बचत खाता से डेढ़ लाख रुपये इंटरनेट बैंकिंग के माध्यम से भुगतान भी कर दिया.

भुगतान के बाद आये सभी 15 लिंक की सूचना उन्होंने संबंधित नंबर के व्हाट्सएप पर भेज दिए. इसके बाद दोबारा उसी नंबर से दस हजार रुपये के 50 और गिफ्ट कार्ड खरीदने का अनुरोध उनके मोबाइल पर आया, तब उन्हें शंका हुई. इसके बाद राजीव सिन्हा ने ट्रूकॉलर से नंबर को चेक किया, जिसमें उन्हें वह नंबर किसी और के नाम पर रजिस्टर्ड मिला. इसके बाद राजीव कुमार सिन्हा ने इसकी जानकारी एसएसपी रांची को देते हुए एफआईआर दर्ज करायी.

पिछले महीने पाकुड़ डीसी वरुण रंजन की तस्वीर वाली फेक व्हाट्सएप आईडी से मातहत अधिकारियों से राशि की मांग की जा रही थी. इसमें साइबर अपराधियों द्वारा मोबाइल नंबर 8928735411 का इस्तेमाल किया गया था. इससे पूर्व 21 जून 2022 को उनकी तस्वीर वाली फेक व्हाट्सएप आईडी बनाकर अधिकारियों से राशि की मांग की गयी थी.

इन दिनों गुमला के डीसी सुशांत गौरव की तस्वीर वाला व्हाट्सएप अकाउंट बनाकर कई लोगों को मेसेज भेजा गया है. जिला सूचना एवं जनसंपर्क विभाग ने इस बाबत सार्वजनिक तौर पर सूचना जारी कर लोगों को अलर्ट किया है और डीसी के नाम पर राशि मांगने या भुगतान करने के किसी संदेश का जवाब न करने की अपील की गयी है.

इसी तरह जून महीने में रांची के तत्कालीन उपायुक्त छवि रंजन की तस्वीर वाले एक व्हाट्सएप अकाउंट के जरिए जिले के कई बीडीओ-सीओ को मेसेज भेजकर पैसे की मांग की गयी थी. चाईबासा के डीसी अनन्य मित्तल, लातेहार के डीसी भोर सिंह यादव, पलामू प्रमंडल के कमिश्नर जटाशंकर चौधरी, पलामू के तत्कालीन डीसी शशि रंजन, हजारीबाग डीसी नैंसी सहाय, रामगढ़ जिले की डीसी माधुरी मिश्रा की तस्वीरों का इस्तेमाल कर फेक व्हाट्सएप प्रोफाइल बनाकर कई अफसरों को मैसेज भेजे गये हैं.

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