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फर्जी आर्म्स लाइसेंस का नॉर्थ-ईस्ट कनेक्शन! नकेल कसने की तैयारी में पुलिस, पासपोर्ट की जांच भी शुरू

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Published : Oct 23, 2021, 5:18 PM IST

Updated : Oct 23, 2021, 7:10 PM IST

गैंगस्टर अमन साव के गुर्गे ने नॉर्थ-ईस्ट के पते पर फर्जी आर्म्स लाइसेंस बनाया था. इसको लेकर झारखंड पुलिस नकेल कसने की तैयारी में है. इस मामले में अब पासपोर्ट की जांच भी शुरू हो गयी है.

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फर्जी आर्म्स लाइसेंस

रांचीः झारखंड पुलिस के लिए सिरदर्द साबित हो रहे अमन साव के गिरोह के खास सदस्य समीर कुमार बागची उर्फ कल्लू बंगाली ने आर्म्स बनाने में फर्जीवाड़ा किया था. मामले का खुलासे के बाद बागची के खिलाफ रांची के रातू थाना में प्राथमिकी दर्ज की गई है.

इसे भी पढ़ें- जमीन में निवेश करता है गैंगस्टर अमन-सुजीत का गिरोह, नागालैंड से बनाया आर्म्स लाइसेंस


नागालैंड के पते पर बना है आर्म्स लाइसेंस
एटीएस के रेड में समीर बागची और उसकी पत्नी के नाम पर आर्म्स लाइसेंस और हथियार भी पुलिस को मिले थे. एटीएस के समक्ष जो आर्म्स लाइसेंस प्रस्तुत किया गया था, वह भी नागालैंड से ही जारी किया गया है. झारखंड में लंबे समय से एक रैकेट सक्रिय रहा है, जो नागालैंड से फर्जी आर्म्स के लाइसेंस बनवाता है.

देखें पूरी खबर

आर्म्स लाइसेंस फर्जी पाए जाने के बाद समीर बागची के खिलाफ अलग से रांची के रातू थाना में एफआईआर भी दर्ज किया गया है. वहीं एटीएस ने लाइसेंस मामले की पूरी जांच के लिए भी नागालैंड स्थित आर्म्स मजिस्ट्रेट को पत्र लिखा है. पूरे मामले की जांच के लिए एक स्पेशल टीम का भी गठन किया गया है.

पासपोर्ट की जांच जारी
घर से बरामद पासपोर्ट को लेकर भी पुलिस का संदेह बरकरार है, आशंका जताई जा रहा है कि बागची का पासपोर्ट भी फर्जी तरीके से बनाया गया है. इस मामले के खुलासा के बाद राज्य पुलिस के एंटी टेररिस्ट स्क्वायड ने पासपोर्ट अथोरिटी ऑफ इंडिया को पत्र लिखा है. राज्य पुलिस के अधिकारियों के मुताबिक एटीएस को समीर बागची के यहां छापेमारी के दौरान जो पासपोर्ट मिला था, उसमें समीर का पता रांची के बजाए नॉर्थ-ईस्ट का था.

जानकारी के मुताबिक समीर का पासपोर्ट भी नागालैंड के पते पर बना है. ऐसे में पुलिस को संदेह है कि गलत पते की जानकारी देकर पासपोर्ट हासिल किया गया है. एसटीएफ को पूरे मामले में पासपोर्ट अथोरिटी से रिपोर्ट मिलने में एक सप्ताह का वक्त लग सकता है.

इसे भी पढ़ें- झारखंड में नागालैंड से फर्जी हथियार का लाइसेंस बनाने वाला गिरोह सक्रिय, जारी हुआ अलर्ट


छापेमारी में मिले थे आर्म्स और कई दस्तावेज
झारखंड के कई कोल परियोजनाओं में वसूली के लिए कारोबारियों को मिल रही धमकी के बाद एटीएस ने अमन गिरोह के खिलाफ हाल में कई कार्रवाई की है. अक्टूबर महीने में एटीएस की अलग अलग टीमों ने रांची के रातू में गिरोह से जुड़े समीर बागची और पलामू टाउन क्षेत्र में शूटर हरि तिवारी के घर पर छापेमारी की थी.

अभी हरि तिवारी भी अपराधी अमन साव के साथ रांची के बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा में बंद है. एटीएस ने हरि के बारालोट स्थित घर पर छापेमारी की थी, इस दौरान लाखों रुपए की संपत्ति की जानकारी मिली है. समीर बागची के घर से एटीएस ने कई दस्तावेज के साथ-साथ नागालैंड में बने फर्जी आर्म्स लाइसेंस भी बरामद हुआ था.



आईपीएस अधिकारी का करीबी बन जमीन कारोबार करता था समीर
जानकारी के मुताबिक रातू निवासी समीर बागची एक आईपीएस अधिकारी का करीबी बनकर रांची में जमीन कारोबार में उतरा था. तब आईपीएस अधिकारी की मदद से उसने रिंग रोड समेत रांची के कई प्रमुख इलाकों में जमीन कब्जा जमाया. हालांकि बाद में वह अमन साव के गिरोह से जुड़ गया. पुलिस को जानकारी मिली है कि अमन साव के गिरोह से जुड़कर रंगदारी के पैसों का निवेश जमीन समेत अन्य कामों में होता है.


राडार पर फर्जी आर्म्स लाइसेंस वाले
यह पहली बार नहीं है जब राजधानी से नागालैंड से बने फनी आर्म्स लाइसेंस बरामद किए गए हैं, इसके आधार पर पहले भी कई बार रांची के अलग-अलग थानों में मामला भी दर्ज हुआ है और लाइसेंस को रद्द कर हथियार जब्त किए गए हैं. रांची के ग्रामीण एसपी नौसाद अलाम के अनुसार फर्जी लाइसेंस के मामलों को लेकर एक विशेष टीम का गठन किया गया है जो बाहर के राज्यों, खासकर नागालैंड से बने आर्म्स लाइसेंस की जांच कर रही है.

रांचीः झारखंड पुलिस के लिए सिरदर्द साबित हो रहे अमन साव के गिरोह के खास सदस्य समीर कुमार बागची उर्फ कल्लू बंगाली ने आर्म्स बनाने में फर्जीवाड़ा किया था. मामले का खुलासे के बाद बागची के खिलाफ रांची के रातू थाना में प्राथमिकी दर्ज की गई है.

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नागालैंड के पते पर बना है आर्म्स लाइसेंस
एटीएस के रेड में समीर बागची और उसकी पत्नी के नाम पर आर्म्स लाइसेंस और हथियार भी पुलिस को मिले थे. एटीएस के समक्ष जो आर्म्स लाइसेंस प्रस्तुत किया गया था, वह भी नागालैंड से ही जारी किया गया है. झारखंड में लंबे समय से एक रैकेट सक्रिय रहा है, जो नागालैंड से फर्जी आर्म्स के लाइसेंस बनवाता है.

देखें पूरी खबर

आर्म्स लाइसेंस फर्जी पाए जाने के बाद समीर बागची के खिलाफ अलग से रांची के रातू थाना में एफआईआर भी दर्ज किया गया है. वहीं एटीएस ने लाइसेंस मामले की पूरी जांच के लिए भी नागालैंड स्थित आर्म्स मजिस्ट्रेट को पत्र लिखा है. पूरे मामले की जांच के लिए एक स्पेशल टीम का भी गठन किया गया है.

पासपोर्ट की जांच जारी
घर से बरामद पासपोर्ट को लेकर भी पुलिस का संदेह बरकरार है, आशंका जताई जा रहा है कि बागची का पासपोर्ट भी फर्जी तरीके से बनाया गया है. इस मामले के खुलासा के बाद राज्य पुलिस के एंटी टेररिस्ट स्क्वायड ने पासपोर्ट अथोरिटी ऑफ इंडिया को पत्र लिखा है. राज्य पुलिस के अधिकारियों के मुताबिक एटीएस को समीर बागची के यहां छापेमारी के दौरान जो पासपोर्ट मिला था, उसमें समीर का पता रांची के बजाए नॉर्थ-ईस्ट का था.

जानकारी के मुताबिक समीर का पासपोर्ट भी नागालैंड के पते पर बना है. ऐसे में पुलिस को संदेह है कि गलत पते की जानकारी देकर पासपोर्ट हासिल किया गया है. एसटीएफ को पूरे मामले में पासपोर्ट अथोरिटी से रिपोर्ट मिलने में एक सप्ताह का वक्त लग सकता है.

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छापेमारी में मिले थे आर्म्स और कई दस्तावेज
झारखंड के कई कोल परियोजनाओं में वसूली के लिए कारोबारियों को मिल रही धमकी के बाद एटीएस ने अमन गिरोह के खिलाफ हाल में कई कार्रवाई की है. अक्टूबर महीने में एटीएस की अलग अलग टीमों ने रांची के रातू में गिरोह से जुड़े समीर बागची और पलामू टाउन क्षेत्र में शूटर हरि तिवारी के घर पर छापेमारी की थी.

अभी हरि तिवारी भी अपराधी अमन साव के साथ रांची के बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा में बंद है. एटीएस ने हरि के बारालोट स्थित घर पर छापेमारी की थी, इस दौरान लाखों रुपए की संपत्ति की जानकारी मिली है. समीर बागची के घर से एटीएस ने कई दस्तावेज के साथ-साथ नागालैंड में बने फर्जी आर्म्स लाइसेंस भी बरामद हुआ था.



आईपीएस अधिकारी का करीबी बन जमीन कारोबार करता था समीर
जानकारी के मुताबिक रातू निवासी समीर बागची एक आईपीएस अधिकारी का करीबी बनकर रांची में जमीन कारोबार में उतरा था. तब आईपीएस अधिकारी की मदद से उसने रिंग रोड समेत रांची के कई प्रमुख इलाकों में जमीन कब्जा जमाया. हालांकि बाद में वह अमन साव के गिरोह से जुड़ गया. पुलिस को जानकारी मिली है कि अमन साव के गिरोह से जुड़कर रंगदारी के पैसों का निवेश जमीन समेत अन्य कामों में होता है.


राडार पर फर्जी आर्म्स लाइसेंस वाले
यह पहली बार नहीं है जब राजधानी से नागालैंड से बने फनी आर्म्स लाइसेंस बरामद किए गए हैं, इसके आधार पर पहले भी कई बार रांची के अलग-अलग थानों में मामला भी दर्ज हुआ है और लाइसेंस को रद्द कर हथियार जब्त किए गए हैं. रांची के ग्रामीण एसपी नौसाद अलाम के अनुसार फर्जी लाइसेंस के मामलों को लेकर एक विशेष टीम का गठन किया गया है जो बाहर के राज्यों, खासकर नागालैंड से बने आर्म्स लाइसेंस की जांच कर रही है.

Last Updated : Oct 23, 2021, 7:10 PM IST
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