रांची: झारखंड में मध्य प्रदेश के कुख्यात पारदी गैंग के द्वारा हथियार की सप्लाई की जाती थी. झारखंड में भाकपा माओवादियों के शीर्ष नक्सलियों तक एके 47 जैसे घातक हथियार की सप्लाई करने वाले जैकी पारदी को एनआईए ने रिमांड पर लिया है. एनआईए के रांची ब्रांच में जैकी को रखकर पूछताछ की जा रही है. एनआईए ने जैकी को 11 अगस्त तक के लिए रिमांड पर लिया है. जैकी पारदी मूल रूप से मध्य प्रदेश के कटनी जिला के बहरी थाना क्षेत्र स्थित हीरापुर गांव का रहने वाला है.
ये भी पढ़ें- कुख्यात माओवादी सुखराम 6 दिनों की NIA रिमांड पर, चाईबासा ब्लास्ट के बारे में होगी पूछताछ
दिसंबर 2020 में सरायकेला से हुई थी गिरफ्तारी
सरायकेला पुलिस ने साल 2020 के दिसंबर महीने में जैकी को गिरफ्तार किया था. खरसावां-कुचाई मुख्य मार्ग में पुलिस चेकिंग के दौरान यह सफलता हासिल हुई थी. चेकिंग के दौरान चक्रधरपुर की टोकलो थाना क्षेत्र के झरझरा से माओवादियों को गोला बारूद पहुंचाने के लिए एडवांस के रूप में पैसा लेने जा रहे मध्य प्रदेश के जैकी को माओवादी साहित्य के साथ गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि बीते 25 दिसंबर 2020 को नक्सल दस्ता से मिलने उसका एक महत्वपूर्ण सहयोगी चाईबासा से खरसावां होते हुए जाने वाला है. इसके बाद पुलिस ने कार्रवाई कर उसे पकड़ा था.
लांजी घटना के बाद आया नाम
लांजी में मार्च 2021 में माओवादियों ने तीन पुलिसकर्मियों को डायरेक्शनल लैंडमाइंस के जरिए निशाना बनाया था. इस हमले में तीन पुलिस जवान शहीद हो गए थे. मामले में एनआईए ने कई संदिग्ध व माओवादियों से पूछताछ की थी. हथियार सप्लायर के तौर पर जैकी पारदी का नाम सामने आने के बाद पुलिस ने उसे रिमांड पर लिया. बीते कई सालों से जैकी झारखंड में अपने हैंडलर्स के जरिए आर्म्स की सप्लाई कर रहा था. झारखंड में जबलपुर की ऑर्डिनेंस फैक्ट्री के जरिए पहले ही माओवादियों तक हथियार पहुंचने का खुलासा हो चुका है. बिहार के हथियार तस्करों का गैंग, जबलपुर आर्म्स फैक्ट्री के कर्मियों की मिलीभगत से घातक हथियार निकलवा कर उसकी बिक्री झारखंड- बिहार के उग्रवादियों तक करता था.
खतरनाक डायरेक्शनल बम का हुआ था इस्तेमाल
टोकलो थाना में दर्ज मामले को एनआईए ब्रांच रांची ने टेकओवर करते हुए कांड संख्या आरसी 02/2021 दर्ज किया था. चार मार्च 2021 को चाईबासा जिले के लांजी में आइडी विस्फोट में झारखंड जगुआर के तीन जवान शहीद हो गए थे. लांजी पहाड़ी पर माओवादियों ने पुलिस जवानों पर अत्याधुनिक तरीके से हमला कर दिया था. डायरेक्शनल लैंडमाइन द्वारा ब्लास्ट किया गया था. हमले में झारखंड जगुआर के कांस्टेबल हरिद्वार साह, कांस्टेबल किरण सुरीन और हेड कांस्टेबल देवेंद्र कुमार पंडित शहीद हो गए थे.