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झारखंड में मंत्री आलमगीर आलम पर कसा शिकंजा, तो आरोप-प्रत्यारोप हुआ शुरू

साहिबगंज के बरहरवा में 2020 में हुए टेंडर विवाद में मंत्री आलमगीर आलम पर शिकंजा कसना शुरू हो गया है. इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने शिकायतकर्ता ठेकेदार को नोटिस भेजा है. इसके बाद बीजेपी और कांग्रेस के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है.

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झारखंड में मंत्री आलमगीर आलम पर कसा शिकंजा
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Published : Apr 16, 2022, 7:45 PM IST

रांचीः साहिबगंज के बरहरवा में 2020 में हुए टेंडर विवाद मामले में ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम पर शिकंजा कसता जा रहा है. इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय की ओर से शिकायतकर्ता ठेकेदार को नोटिस भेजा गया है. इसके बाद राज्य में सियासत गरमा गई है. विपक्षी पार्टी बीजेपी और कांग्रेस के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है. बीजेपी ने आलमगीर आलम पर निशाना साधते हुए कहा है कि केंद्रीय जांच एजेंसी इस मामले में जल्द से जल्द जांच कर कार्रवाई करे.

यह भी पढ़ेंःमंत्री आलमगीर आलम से जुड़े केस में ईडी की जांच शुरू, शिकायतकर्ता ठेकेदार को भेजी गई नोटिस

बीजेपी प्रवक्ता अविनेश कुमार ने कहा कि कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा है. यह छोटी घटना नहीं है. उन्होंने कहा कि हेमंत सरकार में कांग्रेस कोटे के मंत्री जिस तरह से लूटपाट मची रखी है इससे साफ लगता है कि राजनीतिक स्तर तेजी से गिर रहा है. उन्होंने कहा कि आलमगीर आलम पर पहले भी कई आरोप लग चुके हैं. इसलिए जांच एजेंसी त्वरित कारवाई कर सच्चाई जनता के बीच लाए.

क्या कहते हैं बीजेपी और कांग्रेस के नेता


भाजपा के आरोप पर कांग्रेस ने पलटवार किया है. कांग्रेस नेता शमशेर आलम ने कहा कि यह सोची समझी राजनीति है. उन्होंने कहा कि जिस राज्य में गैर भाजपा सरकार है, वहां केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई और ईडी के जरिए सरकार को अस्थिर करने की कोशिश की जाती है. उन्होंने आलमगीर आलम पर लगे आरोप को खारिज करते हुए कहा कि हमलोग संविधान और न्यायपालिका में विश्वास रखने वाले हैं. न्यायालय का आदेश का पालन करेंगे.

बरहरवा में हाट बाजार की बंदोबस्ती के टेंडर को लेकर 22 जून 2020 को विवाद हुआ था. टेंडर प्रक्रिया के पहले आलमगीर आलम पंकज मिश्रा और ठेकेदार शंभू नंदन प्रसाद के बीच बातचीत का ऑडियो वायरल हुआ. इसमें शंभू को टेंडर प्रक्रिया में शामिल नहीं होने को कहा गया था. ऑडियो में पंकज मिश्रा और शंभू के बीच तीखी बहस भी रिकॉर्ड हुई थी. ऑडियो वायरल होने के बाद टेंडर प्रक्रिया में शंभू शामिल होने गए थे तब भी विवाद हुआ था. इस विवाद के बाद शंभू के आवेदन पर मंत्री आलमगीर आलम, पंकज मिश्रा समेत अन्य लोगों पर स्थानीय थाने में एफआईआर दर्ज हुई थी. वहीं, बरहड़वा के रहने वाले दिलीप शाह और उदय कुमार हजारी के आवेदन पर ठेकेदार शंभू के विरुद्ध भी केस दर्ज किया गया था.

रांचीः साहिबगंज के बरहरवा में 2020 में हुए टेंडर विवाद मामले में ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम पर शिकंजा कसता जा रहा है. इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय की ओर से शिकायतकर्ता ठेकेदार को नोटिस भेजा गया है. इसके बाद राज्य में सियासत गरमा गई है. विपक्षी पार्टी बीजेपी और कांग्रेस के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है. बीजेपी ने आलमगीर आलम पर निशाना साधते हुए कहा है कि केंद्रीय जांच एजेंसी इस मामले में जल्द से जल्द जांच कर कार्रवाई करे.

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बीजेपी प्रवक्ता अविनेश कुमार ने कहा कि कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा है. यह छोटी घटना नहीं है. उन्होंने कहा कि हेमंत सरकार में कांग्रेस कोटे के मंत्री जिस तरह से लूटपाट मची रखी है इससे साफ लगता है कि राजनीतिक स्तर तेजी से गिर रहा है. उन्होंने कहा कि आलमगीर आलम पर पहले भी कई आरोप लग चुके हैं. इसलिए जांच एजेंसी त्वरित कारवाई कर सच्चाई जनता के बीच लाए.

क्या कहते हैं बीजेपी और कांग्रेस के नेता


भाजपा के आरोप पर कांग्रेस ने पलटवार किया है. कांग्रेस नेता शमशेर आलम ने कहा कि यह सोची समझी राजनीति है. उन्होंने कहा कि जिस राज्य में गैर भाजपा सरकार है, वहां केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई और ईडी के जरिए सरकार को अस्थिर करने की कोशिश की जाती है. उन्होंने आलमगीर आलम पर लगे आरोप को खारिज करते हुए कहा कि हमलोग संविधान और न्यायपालिका में विश्वास रखने वाले हैं. न्यायालय का आदेश का पालन करेंगे.

बरहरवा में हाट बाजार की बंदोबस्ती के टेंडर को लेकर 22 जून 2020 को विवाद हुआ था. टेंडर प्रक्रिया के पहले आलमगीर आलम पंकज मिश्रा और ठेकेदार शंभू नंदन प्रसाद के बीच बातचीत का ऑडियो वायरल हुआ. इसमें शंभू को टेंडर प्रक्रिया में शामिल नहीं होने को कहा गया था. ऑडियो में पंकज मिश्रा और शंभू के बीच तीखी बहस भी रिकॉर्ड हुई थी. ऑडियो वायरल होने के बाद टेंडर प्रक्रिया में शंभू शामिल होने गए थे तब भी विवाद हुआ था. इस विवाद के बाद शंभू के आवेदन पर मंत्री आलमगीर आलम, पंकज मिश्रा समेत अन्य लोगों पर स्थानीय थाने में एफआईआर दर्ज हुई थी. वहीं, बरहड़वा के रहने वाले दिलीप शाह और उदय कुमार हजारी के आवेदन पर ठेकेदार शंभू के विरुद्ध भी केस दर्ज किया गया था.

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