रांचीः नगर निगम के पार्षदों ने मेयर आशा लकड़ा पर आरोप लगाते हुए विकास विरोधी बताया. पार्षदों का कहना है कि मेयर बोर्ड निगम में पास पांच योजनाओं को बेवजह खारिज करवाना चाह रही हैं. योजनाओं के प्रति सकारात्मक तर्कों के साथ पार्षदों ने अपनी बात रखी है.
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इन बातों को पार्षदों ने रखा हैः-
- नए विधानसभा के रास्ते में लाइट लगाया जाना कहीं से अनुचित नहीं है. उससे आवागमन सुरक्षित और व्यवस्थित होगी. राज्य के महत्वपूर्ण संस्थान विधानसभा के लिए ये अति आवश्यक है. विधानसभा रांची की आन बान और शान है, इसे स्वच्छ और सुंदर बनाए सबका मूल कर्तव्य है.
- शहर के मोहल्लों में लगे लाइट में स्विच के जगह टाइमर का इस्तेमाल होने से बिजली का दुरुपयोग होने से बचेगा और मेंटेनेंस की राशि का सदुपयोग के साथ कार्य कुशलता आएगी.
- निगम के अंदर निर्मित पार्कों को निःशुल्क व्यवस्था करने से जनता का पैसा बचेगा और पार्क का मेंटेनेंस करने के लिए माली और दरवान रहने से सफाई और अनुशासन बना रहेगा और पार्क में हरियाली बनी रहने से मोहल्लों में प्रदूषण में कमी आएगी.
- योजनाओं में घटनोउत्तर स्वीकृति अगर कोई भूल या तकनीकी गड़बड़ी हो जाती है तो उसे ठीक करने का प्रावधान एकदम न्यायोचित है और यह परंपरा रांची नगर निगम में पूर्व से भी रही है. उससे योजनाओं में अपेक्षित जनता को लाभ मिलेगा.
- सरकार की तरफ से निर्देशित जल से संबंधित बिल योजना को पारित करने और उसे लागू करना सब का कर्तव्य है, क्योंकि सरकार कोई भी योजना निगम के पास समुचित समझ के साथ भेजा करती है और पानी के संबंध में बिल को रोकना न्यायोचित नहीं है, क्योंकि मूल मंत्र है जल ही जीवन है. जल से ही सृष्टि और रांची को बचा पाएंगे.
वार्ड 34 के पार्षद बिनोद सिंह ने विरोध जाहिर करते हुए कहा है कि इन जनहित योजनाओं को मेयर सिर्फ अपने अहंकार और हठधर्मिता के कारण स्थगित करवाना चाह रही हैं. उन्होंने मेयर पर पार्षदों के साथ भेदभाव और बदले की भावना और पूर्वाग्रह से प्रेरित व्यवहार करने का आरोप लगाया है. साथ ही उन्होंने मेयर से आग्रह किया है कि व्यक्तिगत स्वार्थ में जन सरोकार के मुद्दों को प्रभावित न करें नहीं तो बाध्य होकर पार्षद जनता के शरण में जाएंगे और मेयर की विकास के प्रति नकारात्मक रवैय्ये से लोगों को अवगत कराने का काम करेंगे.