रांची: झारखंड में कोरोना से ठीक होने वाले मरीजों की संख्या देश के तुलना में बहुत ही बेहतर है. राज्य में अब तक कुल 2089 मरीजों में 1404 मरीज ठीक होकर अस्पताल से डिस्चार्ज हो गए हैं तो वहीं 681 मरीजों का इलाज राज्य के विभिन्न जिलों के कोविड अस्पताल में जारी है. झारखंड के स्वास्थ विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, राज्य में ठीक होने वाले मरीजों का दर 60.03 प्रतिशत है, जबकि पूरे भारतवर्ष में ठीक होने वाले मरीजों की दर लगभग 8% कम है जो कि निश्चित रूप से झारखंड के लिए राहत की खबर है. इसको लेकर रिम्स में कार्यरत और कोविड टास्क फोर्स के सदस्य डॉक्टर निश्चित इक्का बताते हैं कि झारखंड में मरीजों के ठीक होने का प्रतिशत इसलिए ज्यादा है क्योंकि यहां के मरीजों का प्रतिरोधक क्षमता अत्यधिक है.
झारखंड के लोगों का इम्यूनिटी सिस्टम है बेहतर
बता दें कि मरीज में इम्यूनिटी सिस्टम दो प्रकार की होती है एक जनरल इम्यूनिटी सिस्टम और दूसरा स्पेसिफिक इम्यूनिटी सिस्टम. डॉक्टर निशित एक्का ने जानकारी देते हुए बताया कि झारखंड के नागरिकों का जनरल इम्यूनिटी सिस्टम बहुत ही बेहतर है. जनरल इम्यूनिटी सिस्टम सब्जी और फल के सेवन से बढ़ता है. डॉक्टरों ने जानकारी देते हुए बताया कि सामान्य प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में नारंगी, आमला और नींबू जैसे फलों का अहम योगदान होता है. वहीं, डॉक्टरों के अनुसार, हरी सब्जियों के सेवन से भी व्यक्ति का प्रतिरोधक क्षमता में बढ़ोतरी होती है.
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रिम्स में कोरोना के नोडल पदाधिकारी डॉक्टर बृजेश मिश्रा ने यह जानकारी देते हुए बताया कि झारखंड में जिस तरह से 5 लाख से अधिक प्रवासी मजदूर हाल के दिनों में झारखंड पहुंचे हैं, उन सभी मजदूरों में कई मजदूरों को पॉजिटिव पाया गया है, लेकिन वह इलाज के बाद जल्द ही ठीक होकर अस्पताल से डिस्चार्ज हो जा रहे हैं जो कि निश्चित रूप से झारखंड के लिए राहत की बात है.
इन दवाईयों से होता है कोरोना के मरीजों का इलाज
डॉ. ब्रजेश मिश्रा ने जानकारी देते हुए बताया कि कोरोना के मरीजों के इलाज के लिए सबसे महत्वपूर्ण विटामिन सी और जिंक की दवाई को माना जा रहा है. इसी के साथ पौष्टिक आहार के अलावा संक्रमित मरीजों को आईसीएमआर के गाइडलाइन के अनुसार, हाइड्रोक्सी-क्लोरोक्वीन की दवाई भी प्रदान कर रहे हैं और झारखंड के मरीज इन उपायों से लगातार ठीक होकर अस्पताल से डिस्चार्ज हो रहे हैं. झारखंड के रहने वाले लोगों की प्रतिरोधक क्षमता अन्य राज्यों के लोगों से अत्यधिक है.