ETV Bharat / city

संविदा पर नौकरी कर रहे कर्मचारियों ने झारखंड हाई कोर्ट में दायर की याचिका, सेवा नियमित करने की मांग

झारखंड हाई कोर्ट में कई सालों से संविदा के आधार पर नौकरी कर रहे दर्जनों कर्मचारियों ने सेवा नियमितीकरण की मांग को लेकर याचिका दायर की है. याचिकाकर्ता ने अदालत को बताया है कि झारखंड सरकार ने वर्ष 2015 में नियम बनाया है. लेकिन अभी तक सेवा नियमित नहीं की गई है.

ETV Bharat
झारखंड हाई कोर्ट
author img

By

Published : Nov 1, 2021, 5:00 PM IST

Updated : Nov 1, 2021, 5:15 PM IST

रांची: झारखंड में लगभग 13 वर्षों से संविदा के आधार पर नौकरी कर रहे दर्जनों कर्मचारियों की ओर से सेवा नियमितीकरण की मांग को लेकर झारखंड हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई है. सुप्रीम कोर्ट की ओर से उमा देवी केस में दिए गए आदेश के आधार पर नौकरी को नियमित करने की मांग की गई है. अदालत को बताया गया है कि झारखंड सरकार ने वर्ष 2015 में नियम बनाया है. लेकिन अभी तक सेवा नियमित नहीं की गई है.

इसे भी पढ़ें: झारखंड हाई कोर्ट ने सरकार से पूछा, एफएसएल लैब टेक्नीशियन का विज्ञापन अदालत से बिना पूछे क्यों लिया गया वापस?

याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने बताया कि झारखंड सरकार के सर्व शिक्षा अभियान के तहत लगभग 3000 कर्मी जो विभिन्न पदों पर लगभग 13 वर्षों से सेवा देते आ रहे हैं. वह संविदा के आधार पर अपना सेवा देते आ रहे हैं. उन्होंने अपनी सेवा को नियमित करने की मांग की है. याचिका के माध्यम से उन्होंने अदालत को बताया है कि कर्नाटक सरकार बनाम उमा देवी मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि 10 वर्ष तक जो संविदा के आधार पर अपना सेवा दे रहा है. उसकी सेवा स्थायी की जानी चाहिए. उसी आधार पर याचिकाकर्ता ने अपनी सेवा को नियमित करने की मांग की है.

संविदाकर्मियों ने हाई कोर्ट में दायर की याचिका

याचिकाकर्ता ने अदालत से लगाई गुहार

याचिकाकर्ता ने अदालत को यह भी बताया है कि वर्ष 2015 में झारखंड सरकार ने संविदा पर नियुक्त कर्मियों की सेवा स्थायी की जाने के लिए नियम तो बनाया है. लेकिन अभी तक कुछ किया नहीं गया है. इसलिए दर्जनों याचिकाकर्ता की ओर से अदालत में याचिका दायर कर यह गुहार लगाई गई है कि अदालत राज्य सरकार को निर्देश दें कि पिछले 13 वर्षों से लगातार संविदा के आधार पर अपना सेवा दे रहे कर्मचारियों की सेवा नियमित की जाए. ताकि उनकी भविष्य भी अंधकार में ना रहे. उनका भविष्य सुरक्षित हो सके.

रांची: झारखंड में लगभग 13 वर्षों से संविदा के आधार पर नौकरी कर रहे दर्जनों कर्मचारियों की ओर से सेवा नियमितीकरण की मांग को लेकर झारखंड हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई है. सुप्रीम कोर्ट की ओर से उमा देवी केस में दिए गए आदेश के आधार पर नौकरी को नियमित करने की मांग की गई है. अदालत को बताया गया है कि झारखंड सरकार ने वर्ष 2015 में नियम बनाया है. लेकिन अभी तक सेवा नियमित नहीं की गई है.

इसे भी पढ़ें: झारखंड हाई कोर्ट ने सरकार से पूछा, एफएसएल लैब टेक्नीशियन का विज्ञापन अदालत से बिना पूछे क्यों लिया गया वापस?

याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने बताया कि झारखंड सरकार के सर्व शिक्षा अभियान के तहत लगभग 3000 कर्मी जो विभिन्न पदों पर लगभग 13 वर्षों से सेवा देते आ रहे हैं. वह संविदा के आधार पर अपना सेवा देते आ रहे हैं. उन्होंने अपनी सेवा को नियमित करने की मांग की है. याचिका के माध्यम से उन्होंने अदालत को बताया है कि कर्नाटक सरकार बनाम उमा देवी मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि 10 वर्ष तक जो संविदा के आधार पर अपना सेवा दे रहा है. उसकी सेवा स्थायी की जानी चाहिए. उसी आधार पर याचिकाकर्ता ने अपनी सेवा को नियमित करने की मांग की है.

संविदाकर्मियों ने हाई कोर्ट में दायर की याचिका

याचिकाकर्ता ने अदालत से लगाई गुहार

याचिकाकर्ता ने अदालत को यह भी बताया है कि वर्ष 2015 में झारखंड सरकार ने संविदा पर नियुक्त कर्मियों की सेवा स्थायी की जाने के लिए नियम तो बनाया है. लेकिन अभी तक कुछ किया नहीं गया है. इसलिए दर्जनों याचिकाकर्ता की ओर से अदालत में याचिका दायर कर यह गुहार लगाई गई है कि अदालत राज्य सरकार को निर्देश दें कि पिछले 13 वर्षों से लगातार संविदा के आधार पर अपना सेवा दे रहे कर्मचारियों की सेवा नियमित की जाए. ताकि उनकी भविष्य भी अंधकार में ना रहे. उनका भविष्य सुरक्षित हो सके.

Last Updated : Nov 1, 2021, 5:15 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.