रांची: वैश्विक महामारी कोरोना की वजह से लगे लॉकडाउन के कारण कर्नाटक में फंसे झारखंड के मजदूरों के साथ हो रहे कथित दुर्व्यवहार पर कांग्रेस ने आपत्ति जताई है. झारखंड सरकार में कांग्रेस कोटे के मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि यह मानवीय संवेदना के खिलाफ है. वहीं पार्टी के विधायक इरफान अंसारी ने कहा कि झारखंडी होना पाप नहीं है. सरकार को इस बाबत पहल करनी चाहिए. वहां फंसे मजदूर वापस अपने घर लौट सकें इसके लिए प्रयास किया जाना चाहिए.
राज्य के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन साफ कह रहे हैं कि प्रवासी मजदूरों को वह झारखंड वापस लाएंगे. उन्होंने कहा कि कुछ राज्य सरकारें हैं जो उन्हें वहां से आने नहीं दे रही हैं. मानवीय दृष्टिकोण से यह सही कदम नहीं है. आलम ने कहा कि दरअसल मौजूदा परिवेश में लोग परिजन से काफी दूर हैं. ऐसे में वह रोजी रोटी छोड़कर के पहले अपने घर आना चाह रहे हैं. ऐसे में परिवार से नहीं मिलने देना मानवीय दृष्टिकोण के खिलाफ है.
लिबरल हों सरकारें, झारखंड सरकार ने लिखा है पत्र
उन्होंने कहा कि इस मामले में सभी सरकार को लिबरल होना चाहिए और झारखंड सरकार ने भी इस बाबत सभी राज्यों को पत्र लिखा है. उन्होंने कहा कि उम्मीद की जा रही है कि बाहर से लोग वापस जल्द आ पाएंगे.
झारखंड के मजदूर चला रहे हैं दूसरे राज्यों में उद्योग
वहीं, जामताड़ा से कांग्रेस के विधायक इरफान अंसारी ने कहा कि झारखंड के मजदूरों को कर्नाटक में टॉर्चर किया जा रहा है. विभिन्न कंपनियों की तरफ से ऐसी बातें कही जा रही है कि अगर मजदूर चले जाएंगे तो कंपनी बंद हो जाएगी. उन मजदूरों के मां-बाप यहां डरे हुए हैं और उनमें से कुछ उनके पास भी आए हैं. उन्होंने कहा कि अभी झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष से उनकी मुलाकात हुई है और उन्होंने यह बात उनके सामने रखी है.
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अंसारी ने कहा कि मजदूरों की सही सलामत वापसी बहुत जरूरी है. उन्होंने कहा कि झारखंडी होना पाप नहीं है, भले ही यहां के लोग गरीब हैं लेकिन झारखंड के लोगों की वजह से ही दूसरे राज्यों में बड़े-बड़े उद्योग चल रहे हैं. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को इस बाबत तुरंत पहल करनी चाहिए.