रांची: कांग्रेस विधायक बंधु तिर्की (Congress MLA Bandhu Tirkey) ने सीएम हेमंत सोरेन (CM Hemant Soren) को रामगढ़ गोलीकांड में करीब 400 रैयतों पर गोला थाना में दर्ज केस को वापस लेने की मांग की है. बंधु तिर्की ने अपने पत्र में कहा है कि पूर्ववर्ती रघुवर सरकार ने अपनी हित और स्वार्थ की पूर्ति के लिए अपने प्रिय उद्योगपतियों को बचाने के उद्देश्य से और सच्चाई को कुचलते हुए मनमाने ढंग से एक ही घटनाक्रम को बढ़ा चढ़ाकर अलग-अलग प्राथमिकी गोला थाना में दर्ज कराया है, जो संविधान के अनुच्छेद- 20 का उल्लंघन है.
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क्या है पूरा मामला
साल 2010 में इनलैंड पावर लिमिटेड ने टोनागातु, रामगढ़ में अवस्थित 150 से 200 एकड़ जमीन का इस आश्वासन के साथ अधिग्रहण किया कि विस्थापितों को रोजगार पुनर्वास की सुविधा उपलब्ध कराते हुए प्रभावित क्षेत्रों के चौतरफा विकास के लिए कारखाने द्वारा उपयोग किए जाने वाली सड़कों को दुरुस्त रखा जाएगा. लेकिन स्थापना के बाद कंपनी अपने वादों से मुकर गई. रोजगार आधे-अधूरे रैयतों को दे दिया गया, लेकिन कंपनी की ओर से पुर्नवास का कोई लाभ नहीं दिया गया और न ही सड़कें बनीं. यहां तक कि कंपनी की ओर से दोहन किया जाने लगा. वहीं, दूसरी तरफ पावर प्लांट (Power Plant) से लगातार प्रदूषण फैलने लगा. पूरा क्षेत्र कोयले के धूल-कण और राख से प्रभावित था. जिस कारण प्रभावित क्षेत्र के कृषि उपज में भारी कमी आ गई.
प्लांट से निकलने वाला धुआं से ग्रामीण प्रभावित
प्लांट से निकलने वाला धुआं क्षेत्र में व्यापक रूप से कुप्रभाव डाल रहा था. ग्रामीणों में सांस और फेफड़े संबंधी रोग बढ़ने लगे थे. इन सभी समस्याओं से तंग आकर प्रभावित ग्रामीणों ने साल 2016 में उपायुक्त रामगढ़ और जिले के संबंधित अधिकारियों के सामने लिखित शिकायत की. ग्रामीणों ने प्लांट प्रबंधन से भी समस्याओं का निराकरण करने का अनुरोध कई बार किया.
नाराज ग्रामीणों ने धरना भी दिया
ग्रामीणों ने प्लांट प्रबंधन से किए गए अनुरोध पर कोई कार्रवाई नहीं होने से दिनांक 20.08.2016 को अपनी समस्याओं और मांगों को लेकर धरना दिया. 11:00 बजे धरना आरंभ हुआ, शाम तक प्रबंधन या प्रशासन के किसी प्रतिनिधि ने धरना दे रहे ग्रामीणों से बातचीत की पहल नहीं की. रात 12:30 बजे जिले के पुलिस पदाधिकारी दलबल के साथ पहुंचे और ग्रामीणों से वार्ता की.
शांतिपूर्वक अनशन पर बैठे ग्रामीण
पावर प्लांट प्रबंधक प्रमोद मिश्रा ने ग्रामीणों की सभी मांगों पर दिनांक 29.08.2016 को चर्चा के लिए एक लिखित पत्राचार भी किया. लेकिन आश्चर्यजनक रूप से अगली तारीख 21.8.2016 को ग्रामीणों के खिलाफ रंगदारी का मामला दर्ज किया गया. निराश ग्रामीणों थक हार कर शांतिपूर्वक अनशन पर बैठ गए. इसके बाद पुलिस की ओर से अंग्रेजों की दमनकारी नीति को अपनाते हुए रघुवर सरकार के निर्देशानुसार लोगों को खदेड़ने के लिए लाठियां बरसाई जाने लगी. आंसू गैस के गोले दागे जाने लगे. इसके साथ ही बिना किसी जुर्म के पुलिस ने अंधाधुंध गोलियां दागी. जिससे दो लोगों की मौत हो गई.
पुलिस ने किया 4 कांड दर्ज
पुलिस ने इस कांड में रैयतों पर चार केस गोला थाना कांड संख्या-64/16, गोला थाना कांड संख्या-65/16, रजरप्पा थाना कांड संख्या-79/16, रजरप्पा थाना कांड संख्या-81/16 दर्ज किया है. जिसमें करीब 400 ग्रामीण आरोपी बनाये गए हैं. बंधु तिर्की ने इस मामले में पत्र के माध्यम से अवगत कराते हुए कहा कि इस बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता है कि अपने कुछ खास अधिकारियों को बचाने के लिए और उक्त घटनाक्रम में अपना नाम आने से बचाने के लिए पूर्ववर्ती सरकार ने दो ग्रामीणों की हत्या के संदर्भ में कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की है. जिससे प्रतीत होता है कि पूर्ववर्ती सरकार ने किस गंभीरता एवं मंशा से पूरे घटनाक्रम को लिया. यही नहीं बेकसूर और निर्दोष ग्रामीणों और इनलैंड पावर लिमिटेड कंपनी (Inland Power Limited Company) की कृतियों का विरोध कर रहे जागरूक लोगों के प्रति झूठा मुकदमा दर्ज करा दिया गया है.
कांग्रेस विधायक बंधु तिर्की (Congress MLA Bandhu Tirkey) ने सीएम से आग्रह करते हुए लिखा कि 400 ग्रामीणों और उनके परिवारों और आम जनों की हितों की रक्षा करने के लिए इस तरह के अवांछित मुकदमा का बोझ देना सरासर अनुचित और अलाभकारी होगा.