रांची : पूर्ववर्ती रघुवर सरकार के कार्यकाल में स्किल समिट- 2018 और ग्लोबल स्किल समिट-2019 के दौरान 1, 33, 293 बेरोजगारों को ऑफर लेटर देने का दावा किया गया था. इस उपलब्धि को हर मंच से साझा भी किया जाता था. अब पूर्ववर्ती सरकार की उपलब्धि में वर्तमान हेमंत सरकार को घालमेल की बू आ रही है. इस मसले को विधायक प्रदीप यादव ने पंचम विधानसभा के बजट सत्र के दौरान सदन में जोर-शोर से उठाया था. उन्होंने इसे लेकर कई गंभीर सवाल भी खड़े किए थे और जांच की मांग की थी. अब मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पूरे मामले को गंभीर बताते हुए एक स्वतंत्र एजेंसी से जांच कराने का फैसला लिया है.
स्किल समिट में 26,674 ऑफर लेटर
स्किल समिट- 2018 में 26 हज़ार 674 लोगों को ऑफर लेटर दिया गया था, इसमें उच्च, तकनीकी शिक्षा और कौशल विकास विभाग द्वारा 15 हजार 869, ग्रामीण विकास विभाग द्वारा 2713, शहरी विकास और आवास विभाग द्वारा 3317, श्रम नियोजन और प्रशिक्षण विभाग द्वारा 4418, खनन भूतत्व और उद्योग विभाग द्वारा 198, पर्यटन, कला, संस्कृति खेल और युवा कार्य विभाग द्वारा 159 व्यक्तियों को ऑफर लेटर दिया गया था.
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ग्लोबल स्किल समिट में 1,06,619 ऑफर लेटर
ग्लोबल स्किल सम्मिट- 2019 में 1 लाख 6 हज़ार 619 लोगों को ऑफर लेटर मिला था. इनमें झारखंड स्किल डेवलपमेंट मिशन सोसाइटी द्वारा 44 हजार 693, उच्च शिक्षा द्वारा 12 हजार 101, तकनीकी शिक्षा द्वारा 5 हजार 963, ग्रामीण विकास विभाग द्वारा 12 हजार 451, शहरी विकास और आवास विभाग द्वारा 14 हजार 892, श्रम नियोजन एवं प्रशिक्षण विभाग द्वारा 10 हजार 965, उद्योग विभाग द्वारा 998 और कल्याण विभाग द्वारा 4 हजार 556 व्यक्तियों को जॉब ऑफर दिए गए थे. इन दोनों स्किल समिट में दिए गए ऑफर लेटर के आलोक में नियोजन की अद्यतन स्थिति पर विधायक प्रदीप यादव के द्वारा अल्पसूचित प्रश्न के माध्यम से कई गंभीर सवाल खड़े किए गए हैं, जिसकी जांच एक स्वतंत्र जांच एजेंसी से कराने का निर्णय मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के द्वारा लिया गया है.
11 नवंबर को झारखंड विधानसभा का विशेष सत्र
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि पूर्ववर्ती रघुवर सरकार के कार्यकाल में स्किल समिट के दौरान एक लाख से ज्यादा लोगों को ऑफर लेटर दिए जाने और नियोजन के स्टेट्स को लेकर विधायक प्रदीप यादव ने सवाल उठाए थे. इस मामले की जांच का आदेश दिया गया है, साथ ही अल्पसंख्यक छात्रों के प्री मैट्रिक स्कॉलरशिप घोटाले की जांच का भी आदेश दे दिया गया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि स्कॉलरशिप से जुड़ा मामला कंटीन्यूअस प्रोसेस का हिस्सा है. इसलिए सरकार चाहती है कि अब जिन छात्रों को स्कॉलरशिप मिलने हैं उसमें किसी तरह की अनियमितता ना हो. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने यह भी कहा कि आदिवासी धर्मकोड को लेकर 11 नवंबर को झारखंड विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया गया है. सत्र की तैयारी के मद्देनजर विधानसभा अध्यक्ष अरविंद महतो ने एक बैठक भी की है. धर्मकोड के प्रस्ताव को लेकर सरकार की तरफ से तैयारी की जा रही है.