रांची: धनबाद जिला एवं सत्र न्यायाधीश उत्तम आनंद की मौत की जांच कर रही सीबीआई की टीम लगातार दूसरे दिन रांची के बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार पहुंची. सीबीआई की टीम रंजय सिंह हत्याकांड मामले में जेल में बंद नंद कुमार उर्फ मामा से पूछताछ की. इससे पहले गुरुवार को भी सीबीआई की टीम ने लगभग तीन घंटे तक मामा से पूछताछ की थी.
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जज उत्तम आनंद की मौत के मामले में सीबीआई की टीम रेस है. धनबाद के बाद अब जज के मौत की गुत्थी को सुलझाने के लिए सीबीआई की टीम दो दिनों से रांची में कैम्प कर रही है. सीबीआई की टीम ने इस मामले में धनबाद के चर्चित रंजय सिंह हत्याकांड के आरोपी नंद कुमार उर्फ मामा से पूछताछ कर जांच की दिशा को आगे बढ़ाने की कोशिश कर रही है. जानकारी के अनुसार शुक्रवार को लगभग दोपहर के 1 बजे सीबीआई की टीम बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार पहुंची और नंद कुमार उर्फ मामा से पूछताछ की.
जेल में तीन घंटे तक पूछताछ
धनबाद के सिंह मेंशन से जुड़े रंजय सिंह के हत्या मामले में रांची जेल में बंद नंद कुमार सिंह उर्फ मामा से सीबीआई की टीम ने गुरुवार को लंबी पूछताछ की है. इसके लिए सीबीआई ने धनबाद के विशेष न्यायिक दंडाधिकारी अभिषेक श्रीवास्तव की अदालत में आवेदन देकर रांची के होटवार जेल में बंद मामा से पूछताछ की अनुमति मांगी थी. अदालत ने सीबीआई को छह से आठ अक्टूबर के बीच पूछताछ की इजाजत दी थी. इसके बाद रांची के होटवार जेल में सीबीआई की टीम ने मामा से लगभग 3 घंटे तक पूछताछ की. जिसमें क्या निकलकर सामने आया अब तक साफ नहीं हो पाया है.
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संजीव सिंह के बेहद करीबी थे रंजय सिंह
गौरतलब है कि रंजय सिंह झरिया के पूर्व विधायक संजीव सिंह के बेहद करीबी थे. सीबीआई ने कोर्ट में दलील दी थी कि रंजय हत्याकांड हाई प्रोफाइल मुकदमा है. इसमें 8 अगस्त 2018 से नंद कुमार सिंह जेल में बंद है. इस मुकदमे की सुनवाई उत्तम आनंद कर रहे थे. इस मामले में मामा से पूछताछ जरूरी लग रही है. अब पूछताछ पूरी हो चुकी है. तब देखना है कि सीबीआई की टीम इस मामले में कोर्ट को क्या जानकारी देती है.
मामा से पूछताछ की जरूरत क्यों पड़ी
दरअसल जज उत्तम आनंद कई हाई प्रोफाइल मामलों की सुनवाई कर रहे थे, जिसमें सबसे प्रमुख रंजय हत्याकांड है. रंजय हत्याकांड में नंद कुमार सिंह, हर्ष सिंह समेत कई अज्ञात नामजद हैं. ऐसे में मामा से पूछताछ कर सीबीआइ जानना चाहती है कि इस मुकदमे से जुड़े लोग वो षडयंत्रकारी तो नहीं है. यही वजह है कि पूरे 3 घंटे तक मामा से पूछताछ की गई.
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हाई कोर्ट की कड़ी मॉनिटरिंग
जज उत्तम आनंद मौत मामले की जांच भले सीबीआई के द्वारा की जा रही है लेकिन इसकी पूरी मॉनिटरिंग झारखंड हाई कोर्ट के द्वारा की जा रही है. कोर्ट इस मामले में लगातार सीबीआई की कार्रवाई पर नजर बनाए हुए है और इस मामले को लेकर कई बार अधिकारियों को फटकार भी लगा चुकी है.