रांची: झारखंड में हेमंत सरकार के 2 साल पूरा होने पर बीजेपी विभागवार सरकार की नाकामियों को जनता को बताने में जुटी है. इसी क्रम में बुधवार को पेयजल एवं स्वच्छता विभाग की पोल खोलने की कोशिश की. बीजेपी ने 2 साल के दौरान पेयजल एवं स्वच्छता विभाग में भ्रष्टाचार को लेकर सरकार पर आरोपों की झड़ी लगा दी.
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राज्य में सिंचाई परियोजना लंबित: बीजेपी प्रदेश कार्यालय में मीडियाकर्मियों को संबोधित करते हुए पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश और विधायक अनंत ओझा ने हेमंत सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि राज्य में तमाम सिंचाई परियोजना का काम लंबित है. सरकार बजट प्रावधान के अनुरूप खर्च करने के बजाय अनुपूरक बजट लाने में जुटी रही. इसके बाबजूद सरकार का यह महत्वपूर्ण विभाग जनता को ना तो स्वच्छ पेयजल मुहैया करा पाई और ना ही कनहर सहित विभिन्न परियोजना का काम को आगे बढ़ा पाई.
पूरी तरह विफल रही राज्य सरकार: बीजेपी विधायक अनंत ओझा ने सरकार के कामकाज की आलोचना करते हुए कहा कि यह सरकार 2 वर्ष में पूरी तरह विफल रही है. जिसके कारण जनता परेशान है और सरकार के मंत्री मस्त हैं. अनंत ओझा ने पलामू में साहेबगंज निवासी एक दारोगा के आत्महत्या के बाद उठे विवाद पर कहा कि इसकी उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए और सरकार को पीड़ित परिवार को एक करोड़ की सहायता राशि देनी चाहिए. उन्होंने इस घटना में पलामू डीटीओ की भूमिका की भी जांच की मांग राज्य सरकार से की है.
कांग्रेस विधायक को बचा रही है सरकार: सिमडेगा मॉबलिंचिंग को लेकर भी सरकार को निशाने पर लिया गया. प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने सिमडेगा में संजू प्रधान की भीड़ द्वारा की गई हत्या में स्थानीय विधायक का नाम आने के बाद सरकार पर उसे बचाने का आरोप लगाया. दीपक प्रकाश ने कहा कि जिस तरह से मृतक संजू प्रधान के परिजन ने घटना की जानकारी दी है उससे साफ लगता है कि निर्मम हत्या हुई है और पुलिस मूकदर्शक बनी रही. सरकार के पास थोड़ी सी भी नैतिकता बची है तो इसकी सीबीआई जांच कराए.
मंत्रियों के लिए आलीशान बंगला: दीपक प्रकाश ने सरकार के कामकाज की निंदा करते हुए कहा कि बैनर,होर्डिंग और विज्ञापन पर करोड़ों खर्च करने वाली यह सरकार हमेशा पैसों की रोना रोती है और मंत्रियों की चमचमाती गाड़ी और बंगला बनाने में कोई कोताही नहीं बरतती है. दीपक प्रकाश ने सबसे ज्यादा नगर विकास विभाग में भ्रष्टाचार होने का आरोप लगाते हुए कहा कि केंद्र के पैसे से बन रहे स्मार्ट सिटी में कौशल विकास केन्द्र को हटाकर मंत्रियों का आलिशान बंगला बनाया जा रहा है. जो यह दर्शाता है कि सरकार की सोच कैसी है.