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कोर्ट के फैसले से ऋचा के घर में खुशी का माहौल, कहा- बिना शर्त के 100 कुरान बांट सकती हूं

ऋचा भारती मामले में गुरुवार को अदालन ने अपनी शर्त वापस ले ली है. जिसके बाद ऋचा के घर पर खुशी का माहौल. इस दौरान ऋचा ने कहा मैंने जो गुनाह किया नहीं था उसकी मुझे सजा मिल रही थी.

ऋचा के घर में खुशी का माहौल
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Published : Jul 18, 2019, 7:46 PM IST

रांची: कोर्ट ने ऋचा भारती की जमानत मामले में कुरान बांटने की शर्त को वापस ले लिया. जिसके बाद ऋचा के घर में खुशी का माहौल है. उसने कहा कि जिस तरह कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है, इससे उसके प्रति और आस्था बढ़ी है. क्योंकि मैंने जो गुनाह किया नहीं था, उसकी सजा मुझे मिल रही थी.

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अदालत के फैसले से खुश ऋचा ने कहा कि मैं बिना शर्त के100 कुरान बांट सकती थी. लेकिन मुझे सजा के तौर पर कुरान बांटने को कहा गया था, जो मुझे मंजूर नहीं था. इस दौरान ऋचा ने कहा कि पुलिस पदाधिकारियों की वजह से मुझे जेल की सलाखों के पीछे 2 दिन रहना पड़ा था. जिस तरह से पुलिस ने अपनी कार्रवाई की है वह बहुत ही निंदनीय है. मैं यही कहना चाहूंगी कि आगे किसी दूसरी ऋचा भारती के साथ ऐसा न हो.

फैसले के बाद बढ़ा आपसी भाईचारा
वहीं मामले को लेकर ग्रामीणों ने कहा कि जो फैसला आया था उसका भी सम्मान हम ग्रामीण कर रहे थे और यह फैसला और भी सम्मानजनक है. इस फैसले के बाद आपसी भाईचारे और सौहार्द्र का वातावरण बना है. मौके पर मौजूद कृष्णा चौरसिया ने कहा कि यह तमाम लापरवाही पुलिस प्रशासन के द्वारा किया गया है. यह मामला उतना बड़ा नहीं था, जिसके लिए जेल के पीछे भेज दिया जाता.

ये भी पढ़ें- चतरा के 10 मजदूरों की चेन्नई में मौत, काम पर जाने के दौरान हुआ दर्दनाक हादसा

दोषी पुलिस अधिकारी को सस्पेंड करने की मांग
उन्होंने कहा आपस में बैठकर भी यह मामला सुलझाया जा सकता था. इस मामले में नौसिखिया थाना प्रभारी विनोद राम और एएसपी अमित रेनू के द्वारा कदम उठाया गया. इन पुलिस अधिकारियों का तबादला नहीं बल्कि सस्पेंड करना चाहिए.

रांची: कोर्ट ने ऋचा भारती की जमानत मामले में कुरान बांटने की शर्त को वापस ले लिया. जिसके बाद ऋचा के घर में खुशी का माहौल है. उसने कहा कि जिस तरह कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है, इससे उसके प्रति और आस्था बढ़ी है. क्योंकि मैंने जो गुनाह किया नहीं था, उसकी सजा मुझे मिल रही थी.

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अदालत के फैसले से खुश ऋचा ने कहा कि मैं बिना शर्त के100 कुरान बांट सकती थी. लेकिन मुझे सजा के तौर पर कुरान बांटने को कहा गया था, जो मुझे मंजूर नहीं था. इस दौरान ऋचा ने कहा कि पुलिस पदाधिकारियों की वजह से मुझे जेल की सलाखों के पीछे 2 दिन रहना पड़ा था. जिस तरह से पुलिस ने अपनी कार्रवाई की है वह बहुत ही निंदनीय है. मैं यही कहना चाहूंगी कि आगे किसी दूसरी ऋचा भारती के साथ ऐसा न हो.

फैसले के बाद बढ़ा आपसी भाईचारा
वहीं मामले को लेकर ग्रामीणों ने कहा कि जो फैसला आया था उसका भी सम्मान हम ग्रामीण कर रहे थे और यह फैसला और भी सम्मानजनक है. इस फैसले के बाद आपसी भाईचारे और सौहार्द्र का वातावरण बना है. मौके पर मौजूद कृष्णा चौरसिया ने कहा कि यह तमाम लापरवाही पुलिस प्रशासन के द्वारा किया गया है. यह मामला उतना बड़ा नहीं था, जिसके लिए जेल के पीछे भेज दिया जाता.

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दोषी पुलिस अधिकारी को सस्पेंड करने की मांग
उन्होंने कहा आपस में बैठकर भी यह मामला सुलझाया जा सकता था. इस मामले में नौसिखिया थाना प्रभारी विनोद राम और एएसपी अमित रेनू के द्वारा कदम उठाया गया. इन पुलिस अधिकारियों का तबादला नहीं बल्कि सस्पेंड करना चाहिए.

Intro:रांची
बाइट--रिचा भारती
बाइट-- 3 ग्रामीण का


अदालत के द्वारा रिचा भारती को कुरान बांटने की शर्त हटा देने के बाद रिचा भारती के परिवार के लोगों में खुशी की लहर है रिचा भारती ने कहां की जिस तरह से न्यायपालिका से आया है इससे उसकी प्रति और आस्था बड़ा है। क्योंकि मैंने जो गुनाह किया नहीं था उसकी सजा मुझे मिल रही थी। बिना शर्त के मैं 100 कुरान बांट सकती थी लेकिन मुझे सजा के तौर पर कुरान बांटने को कहा गया था जो मुझे मंजूर नहीं थी साथ ही उन्होंने कहा कि पुलिस पदाधिकारियों के खिलाफ कहना चाहूंगी कि जिसके कारण मुझे जेल की सलाखों के पीछे 2 दिन रहना पड़ा था जिस तरह से पुलिस ने अपनी कार्रवाई की है वह बहुत ही निंदनीय है मैं यही कहना चाहूंगी कि आगे कोई और रिचा भारती के साथ इस तरह का ना हो।


Body:वहीं मामले को लेकर ग्रामीणों ने कहा कि जो फैसला आया था उसका भी सम्मान हम ग्रामीण कर रहे थे और यह फैसला और भी सम्मानजनक है। इस फैसले के बाद आपसी भाईचारे और सौहार्द्र का वातावरण बना है। वही मौके पर मौजूद कृष्णा चौरसिया ने कहा कि यह तमाम लापरवाही पुलिस प्रशासन के द्वारा किया गया है यह मामला उतनी बड़ी नहीं थी जिसके लिए जेल के पीछे भेज दिया जाता आपस में बैठकर भी यह मामला सुलझाया जा सकता था इस मामले में नौसिखिया के जैसे थाना प्रभारी विनोद राम और एएसपीअमित रेनू के द्वारा कदम उठाया गया इन पुलिस अधिकारियों को को तबादला नहीं बल्कि सस्पेंड करना चाहिए।


Conclusion:आपको बता दें कि सोमवार को न्यायिक दंडाधिकारी मनीष कुमार सिंह की अदालत ने सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने के मामले पर कुरान बांटने की शर्त पर जमानत की सुविधा प्रदान की थी जिसके बाद रिचा भारती और उसके परिवार के लोगों ने इस मामले के खिलाफ ऊपरी अदालत जाने का फैसला लिया था। तुम ही इस फैसले के खिलाफ रांची जिला बार एसोसिएशन के लोगों ने भी प्रधान न्याययुक्त नवनीत कुमार से मुलाकात कर जज मनीष कुमार सिंह को तबादला करने की मांग पर अड़े रहे। और उनके अदालत और कार्य बहिष्कार का फैसला लिया। जिसके बाद न्यायिक दंडाधिकारी मनीष कुमार सिंह ने कुरान बांटने की शर्त पर पुनर्विचार करते हुए उस शब्द को हटा दिया। अदालत के इस फैसले का लोगों ने खुलकर सम्मान किया और लोगों ने कहा कि इस फैसले के बाद न्यायपालिका पर लोगों का और भी भरोसा मजबूत हुआ है
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