रांची: कोर्ट ने ऋचा भारती की जमानत मामले में कुरान बांटने की शर्त को वापस ले लिया. जिसके बाद ऋचा के घर में खुशी का माहौल है. उसने कहा कि जिस तरह कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है, इससे उसके प्रति और आस्था बढ़ी है. क्योंकि मैंने जो गुनाह किया नहीं था, उसकी सजा मुझे मिल रही थी.
अदालत के फैसले से खुश ऋचा ने कहा कि मैं बिना शर्त के100 कुरान बांट सकती थी. लेकिन मुझे सजा के तौर पर कुरान बांटने को कहा गया था, जो मुझे मंजूर नहीं था. इस दौरान ऋचा ने कहा कि पुलिस पदाधिकारियों की वजह से मुझे जेल की सलाखों के पीछे 2 दिन रहना पड़ा था. जिस तरह से पुलिस ने अपनी कार्रवाई की है वह बहुत ही निंदनीय है. मैं यही कहना चाहूंगी कि आगे किसी दूसरी ऋचा भारती के साथ ऐसा न हो.
फैसले के बाद बढ़ा आपसी भाईचारा
वहीं मामले को लेकर ग्रामीणों ने कहा कि जो फैसला आया था उसका भी सम्मान हम ग्रामीण कर रहे थे और यह फैसला और भी सम्मानजनक है. इस फैसले के बाद आपसी भाईचारे और सौहार्द्र का वातावरण बना है. मौके पर मौजूद कृष्णा चौरसिया ने कहा कि यह तमाम लापरवाही पुलिस प्रशासन के द्वारा किया गया है. यह मामला उतना बड़ा नहीं था, जिसके लिए जेल के पीछे भेज दिया जाता.
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दोषी पुलिस अधिकारी को सस्पेंड करने की मांग
उन्होंने कहा आपस में बैठकर भी यह मामला सुलझाया जा सकता था. इस मामले में नौसिखिया थाना प्रभारी विनोद राम और एएसपी अमित रेनू के द्वारा कदम उठाया गया. इन पुलिस अधिकारियों का तबादला नहीं बल्कि सस्पेंड करना चाहिए.