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असिस्टेंट इंजीनियरिंग परीक्षा में गरीब सवर्णों को मिलेगा 10 फीसदी आरक्षण, सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड हाई कोर्ट के फैसले को बताया सही

असिस्टेंट इंजीनियर नियुक्ति में गरीब सवर्णों को 10 फीसदी आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड हाई कोर्ट के फैसले को सही बताया है. सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद गरीब सवर्णों को आरक्षण का रास्ता साफ हो गया है.

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सुप्रीम कोर्ट
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Published : Dec 2, 2021, 9:10 PM IST

Updated : Dec 2, 2021, 9:18 PM IST

रांची: असिस्टेंट इंजीनियर नियुक्ति में गरीब सवर्णों को 10 फीसदी आरक्षण का रास्ता साफ हो गया है. सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड हाई कोर्ट के उस फैसले को सही ठहराया है. जिसमें गरीब सवर्णों को आरक्षण का आदेश दिया गया था. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में दायर एसएलपी को भी खारिज कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश से अब परीक्षा में भाग लेने वाले गरीब सवर्ण अभ्यर्थियों को भी आरक्षण का लाभ मिलेगा.

ये भी पढ़ें- झारखंड के गरीब सवर्णों को आरक्षण के मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई, आदेश से प्रभावित होगी रिजल्ट

क्या है पूरा मामला

दरअसल साल 2019 में झारखंड लोक सेवा आयोग के द्वारा असिस्टेंट इंजीनियर की 634 पदों के सीधी नियुक्ति के लिए विज्ञापन निकाला गया था. जिसमें गरीब सवर्णों को 10% आरक्षण का लाभ दिया गया है. जेपीएससी के इस विज्ञापन में दिए आरक्षण को झारखंड हाई कोर्ट में चुनौती दी गई थी. याचिकाकर्ता की ओर से अदालत को यह बताया गया था कि असिस्टेंट इंजीनियर की जो नियुक्ति हो रही है. वह वर्ष 2015 के रिक्त पद के विरुद्ध में की जा रही है. ऐसे में जब 10% आरक्षण देने का प्रावधान वर्ष 2019 में लागू हुआ है वैसे में इस विज्ञापन में गरीब सवर्णों को 10% आरक्षण का लाभ नहीं दिया जा सकता है. जिस पर एकल पीठ ने याचिकाकर्ता की दलील पर अपनी संतुष्टि जताते हुए विज्ञापन को रद्द कर फिर से विज्ञापन निकालने का आदेश दिया था.

आदित्य रमन, अधिवक्ता, हाई कोर्ट

एकल पीठ के फैसले को डबल बेंच में चुनौती

एकल पीठ के आदेश को झारखंड हाईकोर्ट के डबल बेंच में चुनौती दी गई थी. डबल बेंच में सरकार ने दलील दी थी कि विज्ञापन आरक्षण प्रावधान के बाद निकाला गया है इसलिए अगर सरकार चाहती है तो आरक्षण का लाभ गरीब सवर्णों को दिया जा सकता है. डबल बेंच ने सरकार की दलील पर अपनी सहमति जताते हुए एकल पीठ के आदेश को रद्द कर दिया था. उसके बाद याचिकाकर्ता उत्तम कुमार एवं अन्य ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर डबल बेंच के फैसले को चुनौती दी थी.

रांची: असिस्टेंट इंजीनियर नियुक्ति में गरीब सवर्णों को 10 फीसदी आरक्षण का रास्ता साफ हो गया है. सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड हाई कोर्ट के उस फैसले को सही ठहराया है. जिसमें गरीब सवर्णों को आरक्षण का आदेश दिया गया था. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में दायर एसएलपी को भी खारिज कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश से अब परीक्षा में भाग लेने वाले गरीब सवर्ण अभ्यर्थियों को भी आरक्षण का लाभ मिलेगा.

ये भी पढ़ें- झारखंड के गरीब सवर्णों को आरक्षण के मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई, आदेश से प्रभावित होगी रिजल्ट

क्या है पूरा मामला

दरअसल साल 2019 में झारखंड लोक सेवा आयोग के द्वारा असिस्टेंट इंजीनियर की 634 पदों के सीधी नियुक्ति के लिए विज्ञापन निकाला गया था. जिसमें गरीब सवर्णों को 10% आरक्षण का लाभ दिया गया है. जेपीएससी के इस विज्ञापन में दिए आरक्षण को झारखंड हाई कोर्ट में चुनौती दी गई थी. याचिकाकर्ता की ओर से अदालत को यह बताया गया था कि असिस्टेंट इंजीनियर की जो नियुक्ति हो रही है. वह वर्ष 2015 के रिक्त पद के विरुद्ध में की जा रही है. ऐसे में जब 10% आरक्षण देने का प्रावधान वर्ष 2019 में लागू हुआ है वैसे में इस विज्ञापन में गरीब सवर्णों को 10% आरक्षण का लाभ नहीं दिया जा सकता है. जिस पर एकल पीठ ने याचिकाकर्ता की दलील पर अपनी संतुष्टि जताते हुए विज्ञापन को रद्द कर फिर से विज्ञापन निकालने का आदेश दिया था.

आदित्य रमन, अधिवक्ता, हाई कोर्ट

एकल पीठ के फैसले को डबल बेंच में चुनौती

एकल पीठ के आदेश को झारखंड हाईकोर्ट के डबल बेंच में चुनौती दी गई थी. डबल बेंच में सरकार ने दलील दी थी कि विज्ञापन आरक्षण प्रावधान के बाद निकाला गया है इसलिए अगर सरकार चाहती है तो आरक्षण का लाभ गरीब सवर्णों को दिया जा सकता है. डबल बेंच ने सरकार की दलील पर अपनी सहमति जताते हुए एकल पीठ के आदेश को रद्द कर दिया था. उसके बाद याचिकाकर्ता उत्तम कुमार एवं अन्य ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर डबल बेंच के फैसले को चुनौती दी थी.

Last Updated : Dec 2, 2021, 9:18 PM IST
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