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प्रसिद्ध पर्यावरणविद इम्तियाज अली की ईटीवी भारत से खास बातचीत, प्लास्टिक मुक्त भारत के लिए दिए सुझाव

भोपाल के पर्यावरणविद और कचरा प्रबंधक इम्तियाज अली ने रांची की साफ-सफाई के हालात देखे. उन्‍होने झिरी के डंपिंग यार्ड का भी मुआयना किया. इसके बाद उन्‍होंने ईटीवी भारत के साथ खास बातचीत की.

environmentalist Imtiaz Ali
पर्यावरणविद् इम्तियाज अली
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Published : Feb 8, 2020, 3:27 PM IST

रांची: प्रसिद्ध पर्यावरणविद इम्तियाज अली ने शनिवार को राजधानी में ईटीवी भारत से साथ खास बातचीत की. उन्होंने इस दौरान पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ कचरा प्रबंधन को लेकर कई अहम बातें कही हैं. उन्होंने प्लास्टिक मुक्त भारत बनाने की दिशा में कई अहम काम किए जाने की जानकारी भी दी. गौरतलब है कि ईटीवी भारत प्लास्टिक मुक्त अभियान भी चला रहा है. इम्तियाज अली ने इस अभियान की भी सराहना की है.

पर्यावरणविद् इम्तियाज अली से बातचीत पार्ट- 01

दरअसल, कचरा प्रबंधन के क्षेत्र में इम्तियाज अली ने देश को एक नई दिशा दिखाई है और लगातार प्लास्टिक मुक्त भारत का सपना लेकर संघर्षरत हैं. इन्होंने प्लास्टिक कचरा निकाल कर वैकल्पिक ऊर्जा तक की व्यवस्था की है. यहां कचरा बिनने वालों की मदद से प्लास्टिक एकत्र किया जाता है और इम्तियाज अली के साथ लगभग इस काम में चार लाख से अधिक लोग जुड़े हैं.

इम्तियाज अली से खास बातचीत पार्ट- 02

ये भी पढ़ें- पर्यावरणविद इम्तियाज अली डीएसपीएमयू और सिपेट में देंगे व्याख्यान, प्रदूषण मुक्त शहर की है कल्पना

गौरतलब है कि 19 हजार कचरा चुनने वालों को रोजगार भी मुहैया कराई गयी है. साथ ही एक बेहतरीन काम भी हो रहा है. गौरतलब है कि भोपाल के कई क्षेत्रों की सड़कें वेस्ट मैनेजमेंट के जरिए प्लास्टिक के मिलावट के साथ बनाई गई है. प्लास्टिक वेस्ट मिक्स सड़कें भोपाल में पिछले कई सालों से बिना किसी नुकसान के काम कर रही हैं.

जानकारी के मुताबिक इस प्रदेश में 2200 किलोमीटर सड़कें प्लास्टिक मिक्स करके बनाई जा चुकी हैं और लगातार इम्तियाज अली इस दिशा में काम किये जा रहे हैं.

झारखंड भी इस दिशा में बेहतरीन काम कर सकता है

इम्तियाज अली ने हमारी टीम के साथ बातचीत के दौरान कहा कि इस दिशा में झारखंड भी काम कर सकता है. झारखंड के तमाम नगर निकाय भी प्लास्टिक कचड़ा से कई विकास कार्यों का निष्पादन कर सकते हैं. बशर्ते इसके लिए इच्छा शक्ति हो और इस दिशा में प्लानिंग करके काम करने की भी जरूरत है.

पढ़ें- सड़क सुरक्षा को लेकर परिवहन विभाग सख्त, स्कूल प्रबंधकों के साथ की बैठक

झारखंड की राजधानी रांची के कुछ क्षेत्रों में प्लास्टिक और कचरे का अंबार है. लेकिन इसे निष्पादित करने का तरीका भी है जिसे कई बार सरकार के साथ मंतव्य कर बताई गई है. इस दिशा में काम करके उस क्षेत्र में रहने वाले लोगों की परेशानियों को कम किया जा सकता है. इस दौरान इम्तियाज अली ने आम जन जागरूकता अभियान पर जोर देते हुए कहा कि सिर्फ सिस्टम और प्रशासन ही इसके लिए जिम्मेदार नहीं है. आम लोगों को भी आगे आना होगा.

प्लास्टिक का बहिष्कार कर कागज और कपड़े के थैले का उपयोग करना होगा. तब जाकर इस दिशा में क्रांति लायी जा सकती है. वहीं उन्होंने कहा कि यह 10 या 15 आदमी का काम नहीं है बल्कि पूरे भारतवर्ष के युवाओं को आगे आना होगा, तब जाकर प्लास्टिक मुक्त भारत का सपना साकार हो पाएगा. हालांकि इस परेशानी से पूरा विश्व जूझ रहा है. लेकिन भारत में पिछले कुछ वर्षों से बेहतरीन काम हो रहे हैं.

रांची: प्रसिद्ध पर्यावरणविद इम्तियाज अली ने शनिवार को राजधानी में ईटीवी भारत से साथ खास बातचीत की. उन्होंने इस दौरान पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ कचरा प्रबंधन को लेकर कई अहम बातें कही हैं. उन्होंने प्लास्टिक मुक्त भारत बनाने की दिशा में कई अहम काम किए जाने की जानकारी भी दी. गौरतलब है कि ईटीवी भारत प्लास्टिक मुक्त अभियान भी चला रहा है. इम्तियाज अली ने इस अभियान की भी सराहना की है.

पर्यावरणविद् इम्तियाज अली से बातचीत पार्ट- 01

दरअसल, कचरा प्रबंधन के क्षेत्र में इम्तियाज अली ने देश को एक नई दिशा दिखाई है और लगातार प्लास्टिक मुक्त भारत का सपना लेकर संघर्षरत हैं. इन्होंने प्लास्टिक कचरा निकाल कर वैकल्पिक ऊर्जा तक की व्यवस्था की है. यहां कचरा बिनने वालों की मदद से प्लास्टिक एकत्र किया जाता है और इम्तियाज अली के साथ लगभग इस काम में चार लाख से अधिक लोग जुड़े हैं.

इम्तियाज अली से खास बातचीत पार्ट- 02

ये भी पढ़ें- पर्यावरणविद इम्तियाज अली डीएसपीएमयू और सिपेट में देंगे व्याख्यान, प्रदूषण मुक्त शहर की है कल्पना

गौरतलब है कि 19 हजार कचरा चुनने वालों को रोजगार भी मुहैया कराई गयी है. साथ ही एक बेहतरीन काम भी हो रहा है. गौरतलब है कि भोपाल के कई क्षेत्रों की सड़कें वेस्ट मैनेजमेंट के जरिए प्लास्टिक के मिलावट के साथ बनाई गई है. प्लास्टिक वेस्ट मिक्स सड़कें भोपाल में पिछले कई सालों से बिना किसी नुकसान के काम कर रही हैं.

जानकारी के मुताबिक इस प्रदेश में 2200 किलोमीटर सड़कें प्लास्टिक मिक्स करके बनाई जा चुकी हैं और लगातार इम्तियाज अली इस दिशा में काम किये जा रहे हैं.

झारखंड भी इस दिशा में बेहतरीन काम कर सकता है

इम्तियाज अली ने हमारी टीम के साथ बातचीत के दौरान कहा कि इस दिशा में झारखंड भी काम कर सकता है. झारखंड के तमाम नगर निकाय भी प्लास्टिक कचड़ा से कई विकास कार्यों का निष्पादन कर सकते हैं. बशर्ते इसके लिए इच्छा शक्ति हो और इस दिशा में प्लानिंग करके काम करने की भी जरूरत है.

पढ़ें- सड़क सुरक्षा को लेकर परिवहन विभाग सख्त, स्कूल प्रबंधकों के साथ की बैठक

झारखंड की राजधानी रांची के कुछ क्षेत्रों में प्लास्टिक और कचरे का अंबार है. लेकिन इसे निष्पादित करने का तरीका भी है जिसे कई बार सरकार के साथ मंतव्य कर बताई गई है. इस दिशा में काम करके उस क्षेत्र में रहने वाले लोगों की परेशानियों को कम किया जा सकता है. इस दौरान इम्तियाज अली ने आम जन जागरूकता अभियान पर जोर देते हुए कहा कि सिर्फ सिस्टम और प्रशासन ही इसके लिए जिम्मेदार नहीं है. आम लोगों को भी आगे आना होगा.

प्लास्टिक का बहिष्कार कर कागज और कपड़े के थैले का उपयोग करना होगा. तब जाकर इस दिशा में क्रांति लायी जा सकती है. वहीं उन्होंने कहा कि यह 10 या 15 आदमी का काम नहीं है बल्कि पूरे भारतवर्ष के युवाओं को आगे आना होगा, तब जाकर प्लास्टिक मुक्त भारत का सपना साकार हो पाएगा. हालांकि इस परेशानी से पूरा विश्व जूझ रहा है. लेकिन भारत में पिछले कुछ वर्षों से बेहतरीन काम हो रहे हैं.

Intro:स्पेशल...


रांची।

प्रसिद्ध पर्यावरणविद इम्तियाज अली शनिवार को राजधानी रांची में है .इसी कड़ी में ईटीवी भारत के साथ खास बातचीत कर उन्होंने पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ कचड़ा प्रबंधन को लेकर कई अहम बातें कही है. इस दौरान प्लास्टिक मुक्त भारत बनाने की दिशा में कई अहम काम किए जाने की जानकारी दी है. गौरतलब है कि ईटीवी भारत द्वारा भी प्लास्टिक मुक्त अभियान चलाया जा रहा है .इस अभियान की भी सराहना इम्तियाज अली ने की है...




Body:गौरतलब है कि कचरा प्रबंधन के क्षेत्र में इम्तियाज अली ने देश को एक नया दिशा दिखाया है और वह लगातार प्लास्टिक मुक्त भारत का सपना लेकर संघर्षरत है .इस दिशा में उनके द्वारा किए जा रहे काम सराहनीय तो है ही काबिले तारीफ भी है .इन्होंने प्लास्टिक कचड़ा निकाल कर वैकल्पिक ऊर्जा तक की व्यवस्था की है .इन्हीं के द्वारा भोपाल प्रदेश का मॉडल अन्य प्रदेशों से अलग है .यहां कचड़ा बीनने वालों की मदद से प्लास्टिक एकत्र किया जाता है और इम्तियाज अली के साथ लगभग इस काम में चार लाख से अधिक लोग जुड़े हैं. गौरतलब है कि 19 हजार कचरा बीनने वालों को रोजगार भी मुहैया कराया गया है .साथ ही एक बेहतरीन काम भी हो रहा है .गौरतलब है कि भोपाल के कई क्षेत्रों की सड़कें वेस्ट मैनेजमेंट के जरिए प्लास्टिक के मिलावट के साथ बनाई गई है. प्लास्टिक वेस्ट मिक्स सड़के भोपाल में पिछले कई सालों से बिना किसी नुकसान के काम कर रही है. जानकारी के मुताबिक इस प्रदेश में 2200 किलोमीटर सड़कें प्लास्टिक मिक्स करके बनाई जा चुकी और लगातार इम्तियाज अली द्वारा इस दिशा में काम किए जा रहे हैं .

झारखंड भी इस दिशा में बेहतरीन काम कर सकती है.

इन्होंने हमारी टीम के साथ बातचीत के दौरान कहा कि इस दिशा में झारखंड भी काम कर सकता है .झारखंड के तमाम नगर निकाय भी प्लास्टिक कचड़ा से कई विकास कामों को निष्पादन कर सकते हैं. बशर्ते इसके लिए इच्छाशक्ति और प्रबंधन को सोचने की जरूरत है और इस दिशा में प्लानिंग करके काम करने की भी. झारखंड की राजधानी रांची के कुछ क्षेत्रों में प्लास्टिक और कचड़े की अंबार लगा हुआ है .लेकिन इसे निष्पादन करने की तरीका भी है जिसे कई बार सरकार के साथ मंतव्य कर बताई गई है .इस दिशा में काम करके उस क्षेत्र में रहने वाले लोगों की परेशानियां कम की जा सकती है.


Conclusion:इस दौरान इम्तियाज अली ने आम जन जागरूकता अभियान पर जोर देते हुए कहा कि सिर्फ सिस्टम और प्रशासन ही इसके लिए जिम्मेदार नहीं है .आम लोगों को भी आगे आना होगा .प्लास्टिक का बहिष्कार कर कागज और कपड़े के थैले का उपयोग करना होगा .तब जाकर इस दिशा में क्रांति लाया जा सकता है .वहीं उन्होंने कहा की यह 10 या 15 आदमी का काम नहीं है बल्कि पूरे भारत वर्ष के युवाओं को भी आगे आना होगा .तब जाकर प्लास्टिक मुक्त भारत का सपना साकार हो पाएगा .हालांकि इस परेशानी से विश्व भर जूझ रहा है. लेकिन भारत में पिछले कुछ वर्षों से बेहतरीन काम हो रहे हैं.


बाइट- इम्तियाज अली ,पर्यावरणविद
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