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मोमेंटम झारखंड घोटाला: ACB ने मांगी जांच की अनुमति, पूर्व सीएम सहित कई अधिकारियों पर है आरोप

मोमेंटम झारखंड-ग्लोबल इंवेस्टमेंट समिट 2017 में 100 करोड़ से अधिक के घोटालों के आरोप की शिकायत पर एसीबी ने जांच की अनुमति मांगी है. बता दें कि 9 जनवरी को जनसभा संस्था के महासचिव पंकज यादव ने पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास समेत अन्य आईएएस अधिकारियों पर एफआईआर दर्ज करने का आवेदन एसीबी में दिया है.

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एसीबी झारखंड
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Published : Feb 9, 2020, 12:58 AM IST

रांची: मोमेंटम झारखंड-ग्लोबल इंवेस्टमेंट समिट (जीआईएस 2017) में 100 करोड़ से अधिक के घोटालों के आरोप की शिकायत पर एसीबी ने जांच की अनुमति मांगी है. एसीबी मुख्यालय ने इस संबंध में मंत्रिमंडल और निगरानी विभाग को पत्र भेजा है.

अनुमति के बाद होगी जांच
विभागीय अनुमति के बाद एसीबी पूर्व सीएम रघुवर दास, पूर्व मुख्य सचिव राजबाला वर्मा, उद्योग विभाग के तात्कालिन सचिव के रविकुमार, कॉन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री के राहुल सिंह, मुख्यमंत्री के तात्कालिन प्रधान सचिव संजय कुमार, आईएसएस अधिकारी सुनील कुमार वर्णवाल जांच के दायरे में आएंगे. बता दें कि 9 जनवरी को जनसभा संस्था के महासचिव पंकज यादव ने पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास समेत अन्य आईएएस अधिकारियों पर एफआईआर दर्ज करने का आवेदन एसीबी में दिया है.

ये भी पढ़ें- केरल बाढ़ पीड़ितों को 121 घरों की चाबी सौंपेगा ईनाडु- रामोजी ग्रुप

सरकार के इजाजत के बाद ही एसीबी जांच
एसीबी के अधिकारियों के मुताबिक, नए संशोधन के मुताबिक पद के दुरूपयोग के मामले में एसीबी सीधी जांच नहीं कर सकती है. ऐसे में एसीबी ने एफआईआर संबंधी आवेदन को सरकार के पास भेजा है. सरकार के स्तर से जांच की सहमति मिलने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी. मंत्रिमंडल और निगरानी विभाग एसीबी के पत्र पर विधि विभाग से मंतव्य लेगा. विधि विभाग से मंतव्य मिलने के बाद एसीबी इस मामले में पीई दर्ज कर शुरूआती जांच कर सकेगी.

ये भी पढ़ें- JVM में उथल-पुथल की विधानसभा को है जानकारी, स्पीकर ने कहा- पार्टी सुप्रीमो ने किया है इन्फॉर्म

क्या है आरोप
आरोप है कि जीआईएस 16 और 17 फरवरी 2017 को आयोजित किया गया था. शुरूआत में इसका बजट 8.50 करोड़ था, बाद में इसे बढ़ाकर 16.94 करोड़ कर दिया गया. लेकिन यह बजट बगैर कैबिनेट अप्रूवल के 100 करोड़ से अधिक हो गया. इसपर तात्कालिन मंत्री सरयू राय ने आपत्ति जताई थी. उद्योग सचिव ने आपत्ति जताई थी, लेकिन बाद में उन्होंने भी इस राशि से अपना शेयर लिया.

रांची: मोमेंटम झारखंड-ग्लोबल इंवेस्टमेंट समिट (जीआईएस 2017) में 100 करोड़ से अधिक के घोटालों के आरोप की शिकायत पर एसीबी ने जांच की अनुमति मांगी है. एसीबी मुख्यालय ने इस संबंध में मंत्रिमंडल और निगरानी विभाग को पत्र भेजा है.

अनुमति के बाद होगी जांच
विभागीय अनुमति के बाद एसीबी पूर्व सीएम रघुवर दास, पूर्व मुख्य सचिव राजबाला वर्मा, उद्योग विभाग के तात्कालिन सचिव के रविकुमार, कॉन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री के राहुल सिंह, मुख्यमंत्री के तात्कालिन प्रधान सचिव संजय कुमार, आईएसएस अधिकारी सुनील कुमार वर्णवाल जांच के दायरे में आएंगे. बता दें कि 9 जनवरी को जनसभा संस्था के महासचिव पंकज यादव ने पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास समेत अन्य आईएएस अधिकारियों पर एफआईआर दर्ज करने का आवेदन एसीबी में दिया है.

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सरकार के इजाजत के बाद ही एसीबी जांच
एसीबी के अधिकारियों के मुताबिक, नए संशोधन के मुताबिक पद के दुरूपयोग के मामले में एसीबी सीधी जांच नहीं कर सकती है. ऐसे में एसीबी ने एफआईआर संबंधी आवेदन को सरकार के पास भेजा है. सरकार के स्तर से जांच की सहमति मिलने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी. मंत्रिमंडल और निगरानी विभाग एसीबी के पत्र पर विधि विभाग से मंतव्य लेगा. विधि विभाग से मंतव्य मिलने के बाद एसीबी इस मामले में पीई दर्ज कर शुरूआती जांच कर सकेगी.

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क्या है आरोप
आरोप है कि जीआईएस 16 और 17 फरवरी 2017 को आयोजित किया गया था. शुरूआत में इसका बजट 8.50 करोड़ था, बाद में इसे बढ़ाकर 16.94 करोड़ कर दिया गया. लेकिन यह बजट बगैर कैबिनेट अप्रूवल के 100 करोड़ से अधिक हो गया. इसपर तात्कालिन मंत्री सरयू राय ने आपत्ति जताई थी. उद्योग सचिव ने आपत्ति जताई थी, लेकिन बाद में उन्होंने भी इस राशि से अपना शेयर लिया.

Intro:मोमेंटम झारखंड घोटाले के आरोप पर एसीबी ने मांगी जांच की अनुमति , पूर्व सीएम सहित कई अधिकारियो पर लगे है आरोप

रांची।
मोमेंटम झारखंड- ग्लोबल इंवेस्टमेंट समिट(जीआईएस 2017) में 100 करोड़ से अधिक के घोटालों के आरोप की शिकायत पर एसीबी ने जांच की अनुमति मांगी है। एसीबी मुख्यालय ने इस संबंध में मंत्रिमंडल और निगरानी विभाग को पत्र भेजा है।

अनुमति के बाद होगी जांच
विभागीय अनुमति के बाद एसीबी पूर्व सीएम रघुवर दास, पूर्व मुख्य सचिव राजबाला वर्मा, उद्योग विभाग के तात्कालिन सचिव के रविकुमार, कान्फेडशरेशन ऑफ इंडियन इंस्स्ट्रीज के राहुल सिंह, मुख्यमंत्री के तात्कालिन प्रधान सचिव संजय कुमार, आईएसएस अधिकारी सुनील कुमार वर्णवाल जांच के दायरे में आएंगे। गौरतलब है कि 9 जनवरी को जनसभा संस्था के महासचिव पंकज यादव ने पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास समेत अन्य आईएएस अधिकारियों पर एफआईआर दर्ज करने का आवेदन एसीबी में दिया है।

सरकार के इजाजत के बाद ही एसीबी जांच

एसीबी के अधिकारियों के मुताबिक, नए संशोधन के मुताबिक पद के दुरूपयोग के मामले में एसीबी सीधी जांच नहीं कर सकती है। ऐसे में एसीबी ने एफआईआर संबंधी आवेदन को सरकार के पास भेजा है। सरकार के स्तर से जांच की सहमति मिलने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। मंत्रिमंडल और निगरानी विभाग एसीबी के पत्र पर विधि विभाग से मंतव्य लेगा। विधि विभाग से मंतव्य मिलने के बाद एसीबी इस मामले में पीई दर्ज कर शुरूआती जांच कर सकेगी।

क्या है आरोप

आरोप है कि जीआईएस  16 व 17 फरवरी 2017 को आयोजित किया गया था। शुरूआत में इसका बजट 8.50 करोड़ था, बाद में इसे बढ़ाकर 16.94 करोड़ कर दिया गया। लेकिन यह बजट बगैर कैबिनेट अप्रूवल के 100 करोड़ से अधिक हो गया। इसपर तात्कालिन मंत्री सरयू राय ने आपत्ति जतायी थी। उद्योग सचिव ने आपत्ति जतायी थी, लेकिन बाद में उन्होंने भी इस राशि से अपना शेयर लिया।Body:1Conclusion:2
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