रांची: पुलिस ने पंडरा इलाके से पांच शातिर अपराधियों को हथियार के साथ धर दबोचा है. गिरफ्तार अपराधियों ने ही शुक्रवार की रात पंडरा ओपी क्षेत्र के रवी स्टील के पास गोलीबारी कर दहशत फैलाने की कोशिश की थी. गिरफ्तार सभी अपराधियों का कनेक्शन नक्सली संगठन पीएलएफआई से भी है. यह सभी पीएलएफआई के नक्सली गोवर्धन के इशारे पर घटनाओं को अंजाम दिया करते थे.
पंडरा इलाके में थे सभी सक्रिय
पंडरा इलाके में आतंक का पर्याय बनने का प्रयास कर रहे पांच अपराधियों को पुलिस ने शनिवार को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. गिरफ्तार अपराधियों के पास से पुलिस ने एक पिस्टल, एक देसी कट्टा के साथ अलग-अलग प्रकार के 9 कारतूस बरामद किए हैं. जिन अपराधियों को गिरफ्तार किया गया है उनमें सुनील उरांव, टोनी लहरा, राकेश उर्फ रॉकी, रोहित झा और सावन तिर्की उर्फ लोहा शामिल है. गिरफ्तार पांचों अपराधी नक्सली संगठन पीएलएफआई के नक्सलियों के लिए काम करते थे.
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जमीन को लेकर की थी फायरिंग
रांची के सिटी एसपी सौरभ कुमार ने बताया कि शुक्रवार की रात गोवर्धन सिंह के कहने पर आरोपियों ने पंडरा इलाके में फायरिंग की घटना को अंजाम दिया था. पुलिस ने घटनास्थल से एक खोखा बरामद किया है. गोवर्धन सिंह का रातू इलाके में एक जमीन को लेकर कुछ लोगों से विवाद हुआ है. इसी विवाद में फायरिंग की घटना को अंजाम दिया गया. पुलिस ने सबसे पहले रोहित झा को गिरफ्तार किया और उसकी निशानदेही पर अन्य आरोपी पकड़े गए. गोवर्धन सिंह की तलाश में पुलिस छापेमारी कर रही है, लेकिन वह फरार है.
पीएलएफआई उग्रवादी गोवर्धन सिंह के खिलाफ 10 मामले दर्ज हैं
पीएलएफआई नक्सली गोवर्धन सिंह के खिलाफ गुमला में 9 और रांची में एक मामला दर्ज है. ज्यादातर मामले आर्म्स एक्ट के हैं. गुमला में किसी घटना को अंजाम देने के बाद गोवर्धन सिंह रांची में आकर पंडरा इलाके में रहने लगा था. पुलिस को शुक्रवार की रात सूचना मिली कि बसंत विहार कॉलोनी में फायरिंग की घटना हुई है. पुलिस मौके पर पहुंची तो एक भी आरोपी वहां नहीं था. सीसीटीवी की मदद से सभी आरोपियों की पहचान की गई और उन्हें पकड़ा गया. रातू, पंडरा और नगड़ी इलाके में गोवर्धन सिंह की जमीन को लेकर कई लोगों से विवाद चल रहा है. आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि गोवर्धन सिंह के कहने पर ही उन्होंने फायरिंग की घटना को अंजाम दिया था.
आईटीआई की पढ़ाई करने के बाद गोवर्धन के लिए काम करने लगा सुनील
पुलिस का कहना है कि आरोपी सुनील उरांव आईटीआई की पढ़ाई कर चुका है. आईटीआई करने के बाद उसकी दोस्ती गोवर्धन सिंह से हो गई. पैसों के लालच में आकर गोवर्धन सिंह के साथ मिलकर वह काम करने लगा. गोवर्धन सिंह आए दिन आरोपियों के साथ बैठता था और उन्हें खिलाता-पिलाता था. गोवर्धन सिंह आरोपियों को पैसा भी देता था.
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गोवर्धन सिंह की गिरफ्तारी के बाद मिलेगी अहम जानकारी
पुलिस का कहना है कि गोवर्धन सिंह की गिरफ्तारी के बाद कई अहम जानकारी मिलने की संभावना है. गोवर्धन सिंह के पकड़े जाने के बाद इस बात का पता लगाने का प्रयास किया जाएगा कि पीएलएफआई के कितने उग्रवादी शहर में सक्रिय हैं. गोवर्धन सिंह के पास से गुमला पुलिस कई बार पिस्टल और अन्य हथियार बरामद भी कर चुकी है.