रांची: झारखंड के किसान आत्मनिर्भर बनें इस दिशा में कृषि विभाग लगातार कोशिश कर रही है. इसी कड़ी में कृषि विभाग ने प्रदान नाम की संस्था के साथ एमओयू किया है. झारखंड के कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा की कृषि योजनाओं के कार्यान्वयन में किसी भी प्रकार की त्रुटि ना रहे और उसकी क्लोज मॉनिटरिंग की जा सके इसके लिए प्रदान नाम की संस्था के साथ विभाग ने एक एमओयू किया है.
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कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा कि कृषि के क्षेत्र में मिसिंग ऐप को पूरी तरह से धरातल पर उतारने के लिए रिसोर्स पर्सन का सहयोग लेने के लिए प्रदान के साथ एमओयू किया गया है. प्रदान संस्था कृषि के क्षेत्र में अपनी निशुल्क सेवाएं कृषि विभाग को देगा. इससे किसी भी प्रकार के राजस्व का अतिरिक्त बोझ सरकार पर नहीं आएगा. बादल पत्रलेख ने बताया कि प्रदान संस्था योजनाओं को सफलीभूत बनाने के लिए क्षेत्र के मौसम के अनुसार योजनाएं तैयार कर विभाग को सुझाव देगा.
प्रदान संस्था अन्य राज्यों में कृषि पद्धति का आकलन कर महत्वपूर्ण सुझाव भी प्रदान संस्थान द्वारा दिए जाएंगे. उन्होंने बताया कि कृषि कलेक्टर के रूप में पूरे राज्य में 100 गांव को मॉडल विलेज के रूप में विकसित किया जाएगा. प्रदान संस्था मुख्य रूप से एफपीओ को क्रियान्वित करेगा साथ ही कृषि उत्पाद को बाजार उपलब्ध कराएगा एवं कृषि से जुड़े जागरुकता अभियान में अपनी भूमिका निभाएगा.
प्रदान संस्था के पदाधिकारी बिंजू इब्राहिम ने बताया कि किसानों के पास प्रभावशाली तरीके से पहुंचना ही लक्ष्य है छोटी-छोटी सिविल सोसाइटी संगठन मिलकर सरकार के लिए काम करते हैं. ऐसे आर्गेनाईजेशन को जोड़कर ही कृषि के क्षेत्र को क्लस्टर का रूप देने का प्रयास किया जाएगा. जल प्रबंधन पशुधन सहित कई योजनाओं पर काम करेंगे. कृषि के क्षेत्र में निवेशकों लाया जाएगा.