पलामू: देश में गेहूं संकट की बात शुरू हो गई थी जब रूस यूक्रेन युद्ध शुरू हुआ था, यह कहा जा रहा था कि अगर युद्ध लंबा चला तो कई देशों पर गेहूं संकट आ सकता है. भारत सरकार ने पहले ही गेहूं के निर्यात पर रोक लगा रखी है. अब सरकार पीडीएस को लेकर जारी नए आदेश के बाद गेहूं संकट की बात सामने आने लगी है (wheat given per unit under PDS system).
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पीडीएस सिस्टम के तहत प्रति यूनिट लोगों को 3 किलो चावल और 2 किलो गेहूं दिया जाता था. अब अगले आदेश के तक पीडीएस सिस्टम के तहत लोगों को 4 किलो चावल और 1 किलो गेहूं दिया जाएगा. भारत सरकार के निर्देश के बाद यह सिस्टम अक्टूबर महीने से लागू हो गई है. इस नए निर्देश के बाद गरीबों को मिलने वाला गेहूं पर अब संकट उत्पन्न हो गया है. गरीबों को मिलने वाले गेहूं में कटौती की गई है जिस कारण उनके रोटी पर भी आफत हो गई है. प्रशासनिक अधिकारियों की मानें तो आने वाले वक्त में पीडीएस सिस्टम से गेहूं को बंद कर दिया जाएगा. हालांकि इस मुद्दे पर कोई भी प्रशासनिक अधिकारी खुलकर बात नहीं करना चाहता है. भारतीय खाद्य निगम द्वारा गेहूं की सप्लाई कम कर दी गई है.
पलामू में लागू हुआ निर्देश, 19 लाख है पीडीएस के लाभुक: पीडीएस के बदले सिस्टम पलामू में लागू हो गए हैं. पीडीएस सिस्टम के लाभुकों को 4 किलो चावल और 1 किलो गेहूं दिया जा रहा है. पलामू जिला आपूर्ति पदाधिकारी शब्बीर अहमद ने बताया कि पीडीएस सिस्टम के तहत लाभुकों को 4 किलो चावल और 1 किलो गेहूं दिया जा रहा है, पहले या 3/2 के रेशियो में था.