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झारखंड पर भी पड़ने लगा रूस यूक्रेन युद्ध का असर! गरीबों को मिलने वाले गेहूं में कटौती

रूस यूक्रेन यूद्ध के साथ ही भारत में भी गेहूं की कमी के बारे में बात की जाने लगी थी. भारत सरकार ने भी गेहूं निर्यात पर रोक लगा दी. हालांकि सरकार की तरफ से कहा गया था कि देश में गेहूं की कोई कमी नहीं है. लेकिन अब पीडीएस के तहत दिए जाने वाले गेहूं में कमी की गई है. अब अगले आदेश तक प्रति यूनिट लोगों को 4 किलो चावल और 1 किलो गेहूं दिया जाएगा (wheat given per unit under PDS system).

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Published : Oct 11, 2022, 12:04 PM IST

Updated : Oct 11, 2022, 5:12 PM IST

पलामू: देश में गेहूं संकट की बात शुरू हो गई थी जब रूस यूक्रेन युद्ध शुरू हुआ था, यह कहा जा रहा था कि अगर युद्ध लंबा चला तो कई देशों पर गेहूं संकट आ सकता है. भारत सरकार ने पहले ही गेहूं के निर्यात पर रोक लगा रखी है. अब सरकार पीडीएस को लेकर जारी नए आदेश के बाद गेहूं संकट की बात सामने आने लगी है (wheat given per unit under PDS system).

ये भी पढ़ें: पलामू के हुसैनाबाद में सरकारी राशन का गबन और कंकड़ पत्थर मिलाने के अवैध धंधे का भंडाफोड़, आरोपी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज

पीडीएस सिस्टम के तहत प्रति यूनिट लोगों को 3 किलो चावल और 2 किलो गेहूं दिया जाता था. अब अगले आदेश के तक पीडीएस सिस्टम के तहत लोगों को 4 किलो चावल और 1 किलो गेहूं दिया जाएगा. भारत सरकार के निर्देश के बाद यह सिस्टम अक्टूबर महीने से लागू हो गई है. इस नए निर्देश के बाद गरीबों को मिलने वाला गेहूं पर अब संकट उत्पन्न हो गया है. गरीबों को मिलने वाले गेहूं में कटौती की गई है जिस कारण उनके रोटी पर भी आफत हो गई है. प्रशासनिक अधिकारियों की मानें तो आने वाले वक्त में पीडीएस सिस्टम से गेहूं को बंद कर दिया जाएगा. हालांकि इस मुद्दे पर कोई भी प्रशासनिक अधिकारी खुलकर बात नहीं करना चाहता है. भारतीय खाद्य निगम द्वारा गेहूं की सप्लाई कम कर दी गई है.

पलामू में लागू हुआ निर्देश, 19 लाख है पीडीएस के लाभुक: पीडीएस के बदले सिस्टम पलामू में लागू हो गए हैं. पीडीएस सिस्टम के लाभुकों को 4 किलो चावल और 1 किलो गेहूं दिया जा रहा है. पलामू जिला आपूर्ति पदाधिकारी शब्बीर अहमद ने बताया कि पीडीएस सिस्टम के तहत लाभुकों को 4 किलो चावल और 1 किलो गेहूं दिया जा रहा है, पहले या 3/2 के रेशियो में था.

पलामू: देश में गेहूं संकट की बात शुरू हो गई थी जब रूस यूक्रेन युद्ध शुरू हुआ था, यह कहा जा रहा था कि अगर युद्ध लंबा चला तो कई देशों पर गेहूं संकट आ सकता है. भारत सरकार ने पहले ही गेहूं के निर्यात पर रोक लगा रखी है. अब सरकार पीडीएस को लेकर जारी नए आदेश के बाद गेहूं संकट की बात सामने आने लगी है (wheat given per unit under PDS system).

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पीडीएस सिस्टम के तहत प्रति यूनिट लोगों को 3 किलो चावल और 2 किलो गेहूं दिया जाता था. अब अगले आदेश के तक पीडीएस सिस्टम के तहत लोगों को 4 किलो चावल और 1 किलो गेहूं दिया जाएगा. भारत सरकार के निर्देश के बाद यह सिस्टम अक्टूबर महीने से लागू हो गई है. इस नए निर्देश के बाद गरीबों को मिलने वाला गेहूं पर अब संकट उत्पन्न हो गया है. गरीबों को मिलने वाले गेहूं में कटौती की गई है जिस कारण उनके रोटी पर भी आफत हो गई है. प्रशासनिक अधिकारियों की मानें तो आने वाले वक्त में पीडीएस सिस्टम से गेहूं को बंद कर दिया जाएगा. हालांकि इस मुद्दे पर कोई भी प्रशासनिक अधिकारी खुलकर बात नहीं करना चाहता है. भारतीय खाद्य निगम द्वारा गेहूं की सप्लाई कम कर दी गई है.

पलामू में लागू हुआ निर्देश, 19 लाख है पीडीएस के लाभुक: पीडीएस के बदले सिस्टम पलामू में लागू हो गए हैं. पीडीएस सिस्टम के लाभुकों को 4 किलो चावल और 1 किलो गेहूं दिया जा रहा है. पलामू जिला आपूर्ति पदाधिकारी शब्बीर अहमद ने बताया कि पीडीएस सिस्टम के तहत लाभुकों को 4 किलो चावल और 1 किलो गेहूं दिया जा रहा है, पहले या 3/2 के रेशियो में था.

Last Updated : Oct 11, 2022, 5:12 PM IST
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