पलामूः जिला प्रशासन ने महादलितों को पांडु के नेउरी में बसाने का निर्णय लिया है. नेउरी में करीब .02 एकड़ जमीन देने का निर्णय लिया है. इसको लेकर एक इश्तेहार भी जारी किया गया है. लेकिन जिस जगह पर महादलितों को बसाने का निर्णय लिया गया है, उस जगह पर स्थानीय लोगों का विरोध होना शुरू हो गया है. ग्रामीणों ने गुरुवार को बैठक की. इस बैठक में महादलितों को जमीन बंदोबस्त का विरोध किया.
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बैठक में 70 से अधिक ग्रामीण मौजूद थे. ग्रामीणों ने कहा कि नेउरी के खाता 42 प्लॉट 37 को अंचल अधिकारी ने बंदोबस्त करने का नोटिस जारी किया है, उस जगह पर खेल का मैदान बनाया जाना है. जिला प्रशासन ने जिस जमीन को चयनित किया है, वहां वर्षों से फुटबॉल का टूर्नामेंट आयोजन हो रहा है. इस बैठक में ग्रामीणों ने 8 प्रस्ताव पारित किए और कहा गया कि जिस जमीन को बंदोबस्त करने का प्रस्ताव है उसके बगल में स्कूल है. जमीन के कुछ हिस्से में अस्पताल निर्माण का प्रस्ताव है. खेल मैदान में नेउरी, पोखरी और सिकनी के खेलाड़ी मैच खलते हैं. ग्रामीणों ने प्रशासन से कहा है कि यह जमीन खाली नहीं है.
घटना के 10 दिनों बाद भी महादलितों को कहां बसाया जाएगा. इसका निर्णय नहीं हुआ है. राजनीतिक स्तर पर महादलितों को वापस उसी जमीन पर बसाने को कहा गया है. भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष प्रभात भुईयां ने कहा कि महादलित को नहीं बसाना जाना यह प्रशासनिक तंत्र की विफलता है. उन्होंने कहा कि महादलितों को जहां से उजाड़ा गया, वहीं बसाने की जरूरत है. प्रभात भुईयां ने बताया कि भाजपा एससी मोर्चा 13 सितंबर को पूरे राज्य भर में प्रदर्शन करेगा. प्रशासन सिर्फ खानापूर्ति कर रहा है.
पलामू के पांडू थाना क्षेत्र के मुरुमातु में 29 अगस्त को महादलित के 14 परिवारों को उजाड़ दिया गया था. इस मामले को लेकर जबरदस्त हंगामा हुआ था. महादलित के परिवारों को उजाड़ने के मामले में अब तक पांच आरोपी जेल जा चुके हैं. हालांकि 150 के खिलाफ एफआईआर दर्ज है. मामले में अनुसूचित आयोग ने भी संज्ञान लिया हैं और एक टीम घटनास्थल का जायजा भी लिया है.