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झारखंड में न्याय पाना हो गया महंगा, दीवानी और फौजदारी मामलों में 10 गुणा तक बढ़ी फीस

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Published : Jul 7, 2022, 6:11 PM IST

झारखंड में कोर्ट फीस महंगी हो गई है. राज्य सरकार ने स्टांप शुल्क बढ़ा दिया है. इससे संपत्ति विवाद से संबंधित याचिका दाखिल करना है या फिर शपथ पत्र दाखिल करना है. इसके लिए आम जनता को अधिक शुल्क देना पड़ेगा.

Court fees expensive in Jharkhand
झारखंड में न्याय पाना हो गई महंगी

पलामूः झारखंड में न्याय पाना अब महंगा हो गया है. अगर आप सोच रहे हैं कि अपनी संपत्ति का विवाद का निबटारा कोर्ट में कर लेंगे तो कोर्ट में बढ़ी हुई फीस की जानकारी जरूर ले लें. इसकी वजह है कि राज्य सरकार ने दीवानी और फौजदारी केस में 10 गुणा कोर्ट फीस बढ़ा दी है. राज्य सरकार के इस फैसले का असर गरीब लोगों पर पड़ने वाला है. गरीबों के लिए अब न्याय पाना महंगा हो जाएगा.

यह भी पढ़ेंःनिजी स्कूल फीस मामले पर दायर याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई, अदालत ने राज्य सरकार से मांगा जवाब

मिली जानकारी के अनुसार झारखंड हाई कोर्ट में वकालतनामा में पांच रुपये की जगह 50 रुपये का कोर्ट फीस टिकट लगेगा. वहीं, सिविल कोर्ट में पांच की जगह 30 रुपये का वकालतनामा टिकट लगेगा. कोर्ट फीस में पांच की जगह 20 रुपये का टिकट लगेगा. वहीं, शपथ पत्र में भी 20 रुपये का टिकट लगेगे. टाइटल सूट को दाखिल करने के लिए 50 हजार रुपये खर्च होते थे, जो अब तीन लाख रुपये खर्च होंगे.


कोर्ट फीस बढ़ाये जाने के विरोध में पलामू अधिवक्ता संघ ने सीएम को पत्र लिखा है. अधिवक्ता संघ ने बढ़ी हुई कोर्ट फीस को वापस लेने की मांग की है. पलामू अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष रामदेव प्रसाद यादव ने बताया कि यह गरीबों को नुकसान पहुंचाने वाला फैसला है. राज्य सरकार इस फैसले को वापस ले. उन्होंने बताया कि पूरे मामले में हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करेंगे. वरिष्ठ अधिवक्ता केडी सिंह ने बताया कि टाइटल सूट दाखिल करना इतना महंगा हो गया है कि लोगों को अपनी जमीन की लड़ाई लड़नी मुश्किल हो जाएगी. सरकार ने बिना सोचे समझे इस पॉलिसी को तय किया है. पलामू में प्रतिदिन पांच से अधिक मामलों की सुनवाई होती है. कोर्ट फीस बढ़ाये जाने की वजह से स्टांप की कालाबाजारी शुरू हो गई है. पांच रुपये वाले स्टांप 30 से 50 रुपये में बिकना शुरू हो गए हैं. पलामू के अधिवक्ताओं ने पूरे मामले में पलामू डीसी और एसडीएम से छापेमारी कर कार्रवाई करने का आग्रह किया है.

कहां कितना बढ़ गया कोर्ट फीस

  • 150 रुपए में एफिडेविट बन जाता था, जो अब 200 से अधिक में बनेगा
  • टाइटल सूट दाखिल करने में अधिकतम 50 हजार रुपए खर्च होते थे. लेकिन अब तीन लाख खर्च होंगे. संपत्ति की वैल्यू के आधार पर स्टांप और खर्च तय होंगे
  • हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल करने पर 250 की जगह 1000 रुपये, सामान्य आवेदन पर 250 से 500 कर लिया जाएगा
  • झारखंड हाई कोर्ट में वकालतनामा टिकट 5 की जगह 50 रुपए, सिविल कोर्ट में 5 की जगह 30 रुपए, कोर्ट केस में 5 की जगह 20 रुपये का टिकट, शपथ पत्र में 5 की जगह 20 रुपए का टिकट लगेगा

पलामूः झारखंड में न्याय पाना अब महंगा हो गया है. अगर आप सोच रहे हैं कि अपनी संपत्ति का विवाद का निबटारा कोर्ट में कर लेंगे तो कोर्ट में बढ़ी हुई फीस की जानकारी जरूर ले लें. इसकी वजह है कि राज्य सरकार ने दीवानी और फौजदारी केस में 10 गुणा कोर्ट फीस बढ़ा दी है. राज्य सरकार के इस फैसले का असर गरीब लोगों पर पड़ने वाला है. गरीबों के लिए अब न्याय पाना महंगा हो जाएगा.

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मिली जानकारी के अनुसार झारखंड हाई कोर्ट में वकालतनामा में पांच रुपये की जगह 50 रुपये का कोर्ट फीस टिकट लगेगा. वहीं, सिविल कोर्ट में पांच की जगह 30 रुपये का वकालतनामा टिकट लगेगा. कोर्ट फीस में पांच की जगह 20 रुपये का टिकट लगेगा. वहीं, शपथ पत्र में भी 20 रुपये का टिकट लगेगे. टाइटल सूट को दाखिल करने के लिए 50 हजार रुपये खर्च होते थे, जो अब तीन लाख रुपये खर्च होंगे.


कोर्ट फीस बढ़ाये जाने के विरोध में पलामू अधिवक्ता संघ ने सीएम को पत्र लिखा है. अधिवक्ता संघ ने बढ़ी हुई कोर्ट फीस को वापस लेने की मांग की है. पलामू अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष रामदेव प्रसाद यादव ने बताया कि यह गरीबों को नुकसान पहुंचाने वाला फैसला है. राज्य सरकार इस फैसले को वापस ले. उन्होंने बताया कि पूरे मामले में हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करेंगे. वरिष्ठ अधिवक्ता केडी सिंह ने बताया कि टाइटल सूट दाखिल करना इतना महंगा हो गया है कि लोगों को अपनी जमीन की लड़ाई लड़नी मुश्किल हो जाएगी. सरकार ने बिना सोचे समझे इस पॉलिसी को तय किया है. पलामू में प्रतिदिन पांच से अधिक मामलों की सुनवाई होती है. कोर्ट फीस बढ़ाये जाने की वजह से स्टांप की कालाबाजारी शुरू हो गई है. पांच रुपये वाले स्टांप 30 से 50 रुपये में बिकना शुरू हो गए हैं. पलामू के अधिवक्ताओं ने पूरे मामले में पलामू डीसी और एसडीएम से छापेमारी कर कार्रवाई करने का आग्रह किया है.

कहां कितना बढ़ गया कोर्ट फीस

  • 150 रुपए में एफिडेविट बन जाता था, जो अब 200 से अधिक में बनेगा
  • टाइटल सूट दाखिल करने में अधिकतम 50 हजार रुपए खर्च होते थे. लेकिन अब तीन लाख खर्च होंगे. संपत्ति की वैल्यू के आधार पर स्टांप और खर्च तय होंगे
  • हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल करने पर 250 की जगह 1000 रुपये, सामान्य आवेदन पर 250 से 500 कर लिया जाएगा
  • झारखंड हाई कोर्ट में वकालतनामा टिकट 5 की जगह 50 रुपए, सिविल कोर्ट में 5 की जगह 30 रुपए, कोर्ट केस में 5 की जगह 20 रुपये का टिकट, शपथ पत्र में 5 की जगह 20 रुपए का टिकट लगेगा
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