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2100 फीट ऊंची पहाड़ी से गांव तक पहुंचा झरने का पानी, 40 दिन की कड़ी मेहनत के बाद सफल हुए ग्रामीण - झारखंड समाचार

घाटशिला के गांव अम्बाडीह जहां लोग हमेशा गर्मियों के मौसम में पानी के लिए परेशान रहते थे. तितली झरने के मिलने से वहां पानी के लिए दर-दर भटकती महिलाओं को थोड़ी राहत मिली है. ग्रामीणों ने लगभग 40 दिन की मेहनत के बाद 2100 फीट ऊंची पहाड़ी से पानी को गांव तक पहुंचा दिया.

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Published : Jul 22, 2019, 3:12 PM IST

घाटशिला: गर्मियों में भूमि का जल स्तर काफी नीचे चले जाने के कारण गांव के लोगों को पीने के पानी के लिए काफी दिक्कत होती थी. गांव में एक चापाकल तो है लेकिन जलस्तर नीचे होने के कारण पानी मिलना मुश्किल है. ग्रामीणों ने पानी की समस्या को लेकर गुड़ाबांधा के बीडीओ सीमा कुमारी को सूचना दी तो उन्होंने झरने का पानी गांव में लाने की बात कही.

देखें पूरी खबर

ग्रामीणों ने लगभग 40 दिन पहले तितली झरने से पानी लाने का काम शुरू किया था. बिना किसी सरकारी मदद के उन्होंने 2100 फीट ऊंची पहाड़ी से तितली झरने के पानी को अपने गांव तक पहुंचा दिया. वहीं तितली झरने के मिलने का लाभ अम्बाडीह गांव के साथ-साथ आसपास के गांव को भी हुआ है.

जब इसकी खबर उपायुक्त रविशंकर शुक्ला को मिली तो उन्होंने ग्रामीणों को उनके काम के लिए सराहा और जल संरक्षण के बारे में भी समझाया. उन्होंने कहा कि गांव वालों की मेहनत तारीफ के काबिल है इससे आसपास के गांव वालों को सीख लेनी चाहिए. साथ ही पीएचईडी विभाग को पाइप लगाकर घर-घर जल पहुंचाने का आदेश भी दिया.

घाटशिला: गर्मियों में भूमि का जल स्तर काफी नीचे चले जाने के कारण गांव के लोगों को पीने के पानी के लिए काफी दिक्कत होती थी. गांव में एक चापाकल तो है लेकिन जलस्तर नीचे होने के कारण पानी मिलना मुश्किल है. ग्रामीणों ने पानी की समस्या को लेकर गुड़ाबांधा के बीडीओ सीमा कुमारी को सूचना दी तो उन्होंने झरने का पानी गांव में लाने की बात कही.

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ग्रामीणों ने लगभग 40 दिन पहले तितली झरने से पानी लाने का काम शुरू किया था. बिना किसी सरकारी मदद के उन्होंने 2100 फीट ऊंची पहाड़ी से तितली झरने के पानी को अपने गांव तक पहुंचा दिया. वहीं तितली झरने के मिलने का लाभ अम्बाडीह गांव के साथ-साथ आसपास के गांव को भी हुआ है.

जब इसकी खबर उपायुक्त रविशंकर शुक्ला को मिली तो उन्होंने ग्रामीणों को उनके काम के लिए सराहा और जल संरक्षण के बारे में भी समझाया. उन्होंने कहा कि गांव वालों की मेहनत तारीफ के काबिल है इससे आसपास के गांव वालों को सीख लेनी चाहिए. साथ ही पीएचईडी विभाग को पाइप लगाकर घर-घर जल पहुंचाने का आदेश भी दिया.

Intro:Note:- सर जब तितली झरने में काम शुरू हुआ था तब हमने खबर बनाई थी| जल संरक्षण स्पेशल खबर है सर


2000 फीट ऊंची पहाड़ी की सीना चीर कर, गांव तक पहुंचा तितली झरना का पानी

घाटशिला (पूर्वी सिंहभूम)

घाटशिला के घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्र के गुड़ाबांधा प्रखंड के एक गांव आम्बडीह जो हमेशा गर्मियों के मौसम में पानी के लिए दर-दर भटकती थी यहां की महिलाएं।
क्योंकि यहां की भूमि का जल स्तर काफी नीचे चले जाने के कारण गर्मियों में इनको पीने के पानी के लिए काफी कट होती थी गांव में एक चापाकल तो है लेकिन भूगर्भ में जलस्तर नीचे होने के कारण और भी कारगर साबित नहीं हुआ,Body:जब ग्रामीणों ने पानी की समस्या को लेकर गुड़ाबांधा के बीडीओ सीमा कुमारी के पास के तो उन्होंने ग्रामीणों को झरने का पानी गांव में लाने की बात कही।
ग्रामीणों ने आग से लगभग 40 दिन पहले तितली झरने से पानी लाने का काम शुरू किया था ग्रामीणों ने बताया बिना किसी सरकारी मदद के हमने 40 दिन की कड़ी मेहनत से आज 2000 फीट ऊंची पहाड़ी से तितली झरने का पानी को अपने गांव तक नहीं आए हैं अब हमारे जीवन में कभी भी पानी की कमी नहीं होगी।
पहले तो हमने सोचा था यह तितली झरना का पानी हमारे गांव के लिए ही होगा लेकिन अब हमारा सोच बदल गया है अब हम तितली झरने का पानी हमारे गांव के साथ साथ आसपास के जितने भी गांव हैं उन तक पहुंचा और खेत की सिंचाई करने के लिए भी सोच रहे हैं।Conclusion:जब इसकी खबर पूर्वी सिंहभूम उपायुक्त रविशंकर शुक्ला को लगी तो उससे रहा नहीं गया वह स्वयं गुड़ाबांधा प्रखंड के सुदूर ग्रामीण क्षेत्र में आकर ग्रामीणों को हौसला अफजाई करते हुए, और ग्रामीणों को जल संरक्षण के बारे में भी समझाया उसने कहा कि इन गांव वालों का कार्य काबिलियत तारीफ है इससे आसपास के गांव वालों को सीख लेनी चाहिए।
उपायुक्त ने इन ग्रामीणों की मेहनत देखकर उपायुक्त ने पीएचडी विभाग को तुरंत ही आदेश दिया कि आप यहां पाइप लगाकर घर घर जल पहुंचाने का कार्य करें।
पीएचडी विभाग के कार्यपालक अभियंता ने तुरंत ही डीपीआरओ तैयार कर लगभग ₹300000 खर्च करने पर घर-घर तक पाइप के द्वारा पानी पहुंचाया जाएगा

बाईट
1. पूर्वी सिंहभूम उपायुक्त, रविशंकर शुक्ला
2. गुड़ाबांधा प्रखंड विकास पदाधिकारी, सीमा कुमारी
3.आम्बडीह ग्रामीण, मेघराज मुर्मू

रिपोर्ट
कनाई राम हेंब्रम
घाटशिला
JHC10017
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