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Earth Day 2020: लॉकडाउन में स्वस्थ हुआ लौह नगरी का वातावरण, 5 गुना कम हुआ प्रदूषण

वर्ल्ड अर्थ डे पर सालों बाद ऐसा मौका आया है जब प्रदूषण का स्तर इतना कम दर्ज किया गया है. कोरोना वायरस के कारण हुए लॉकडाउन के बाद कोल्हान की धरती भी राहत महसूस कर रही है. झारखंड के लौहनगरी समेत पूरे देश में वायु, जल और ध्वनि प्रदूषण में भारी कमी आई है.

Pollution has reduced in lockdown
विश्व पृथ्वी दिवस पर विशेष रिपोर्ट
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Published : Apr 22, 2020, 5:09 PM IST

Updated : Apr 22, 2020, 8:25 PM IST

जमशेदपुर: कोरोना संक्रमण केवल मुसीबत लेकर नहीं आया है. बल्कि इसकी वजह से आर्थिक नगरी जमशेदपुर के प्रदूषण स्तर में भी सुधार हुआ है. पूरे देश में लगे 40 दिनों के लॉकडाउन के बाद सड़कों पर वाहनों का आवागमन बंद हो गया है. साथ ही दिन-रात धुआं उगलने वाली छोटी-बड़ी चिमनियां शांत हैं. कोरोना के कारण जीवन शैली में हुए बदलाव का पर्यावरण को भी फायदा हुआ है.

वीडियो में देखिए विश्व पृथ्वी दिवस पर विशेष रिपोर्ट

कोरोना संक्रमण की वजह से शहरवासियों को शुद्ध हवा मिल रही है. औद्योगिक शहर कहे जाने वाले जमशेदपुर की वायु गुणवत्ता में भी सुधार हुई है. कोरोना वायरस की वजह से पूरे देश में 40 दिनों का लॉकडाउन है. जिसकी वजह से प्रदूषण के स्तर में भी कमी मापी गई है. जमशेदपुर के शहरी क्षेत्रों में दोपहिया वाहन और चार पहिया वाहनों के नहीं चलने के कारण नाइट्रोजन डाईऑक्साइड में भारी कमी आई है. औद्योगिक कल-कारखानों के बंद होने से शहर की आबोहवा शुद्ध हो गई है.

Pollution reduced in lockdown
लॉकडाउन के पहले की तस्वीर

ये भी पढ़ें- SPECIAL: लॉकडाउन में जानिए बीड़ी मजदूरों की लाचारी, आखिर कौन लेगा इनकी सुध

झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से हर दिन शहर की आबोहवा में प्रदूषण की मात्रा मापी जा रही है. शहर के विभिन्न इलाकों में प्रदूषण का स्तर 5 गुना तक कम हुआ है. शहर के औद्योगिक स्थान बिष्टुपुर, साकची, गोलमुरी में सल्फर डाईऑक्साइड (So2) का औसतन स्तर 41.2 रहता है. जो लॉकडाउन में घटकर 11.78 हो गया है. वहीं नाइट्रोजन ऑक्साइड जो सामान्य दिनों में 49.85 रहता है, वह घट कर 13.69 हो गया है.

Pollution reduced in lockdown
डस्ट कॉन्सेंट्रेशन यूनिट

75.81 माइक्रो ग्राम हुआ RSPM

लॉकडाउन की वजह से सड़कों पर इक्का-दुक्का गाड़ियां ही दिख रहीं हैं. ऐसे में कार्बन डाईऑक्साइड की कमी हो रही है. जिस कारण प्रदूषण स्तर में भी कमी आई है. फरवरी 2020 में रीस्पाइरेबल सस्पेंडेड पर्टकिलेट मैटर (RSPM) 151.50 माइक्रो ग्राम था, जो लॉकडाउन में 75.81 माइक्रो ग्राम तक आ पहुंचा है.

Pollution reduced in lockdown
लॉकडाउन में सुनसान लौह नगरी की सड़कें

ये भी पढ़ें- सिमडेगा में 6 जमातियों पर FIR, 14 दिनों से पहचान छिपाकर रह रहे थे

जमशेदपुर के वीमेंस कॉलेज की प्रोफेसर दीप्ता आरती पांडेय बताती हैं कि लॉकडाउन में पेट्रोल की खपत कम हुई है, जिससे वातावरण में नाइट्रोजन डाईऑक्साइड, कार्बन डाईऑक्साइड और सल्फर डाईऑक्साइड नहीं फैल रही है. जिस कारण हवा की गुणवत्ता में भी सुधार हुआ है.

जमशेदपुर: कोरोना संक्रमण केवल मुसीबत लेकर नहीं आया है. बल्कि इसकी वजह से आर्थिक नगरी जमशेदपुर के प्रदूषण स्तर में भी सुधार हुआ है. पूरे देश में लगे 40 दिनों के लॉकडाउन के बाद सड़कों पर वाहनों का आवागमन बंद हो गया है. साथ ही दिन-रात धुआं उगलने वाली छोटी-बड़ी चिमनियां शांत हैं. कोरोना के कारण जीवन शैली में हुए बदलाव का पर्यावरण को भी फायदा हुआ है.

वीडियो में देखिए विश्व पृथ्वी दिवस पर विशेष रिपोर्ट

कोरोना संक्रमण की वजह से शहरवासियों को शुद्ध हवा मिल रही है. औद्योगिक शहर कहे जाने वाले जमशेदपुर की वायु गुणवत्ता में भी सुधार हुई है. कोरोना वायरस की वजह से पूरे देश में 40 दिनों का लॉकडाउन है. जिसकी वजह से प्रदूषण के स्तर में भी कमी मापी गई है. जमशेदपुर के शहरी क्षेत्रों में दोपहिया वाहन और चार पहिया वाहनों के नहीं चलने के कारण नाइट्रोजन डाईऑक्साइड में भारी कमी आई है. औद्योगिक कल-कारखानों के बंद होने से शहर की आबोहवा शुद्ध हो गई है.

Pollution reduced in lockdown
लॉकडाउन के पहले की तस्वीर

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झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से हर दिन शहर की आबोहवा में प्रदूषण की मात्रा मापी जा रही है. शहर के विभिन्न इलाकों में प्रदूषण का स्तर 5 गुना तक कम हुआ है. शहर के औद्योगिक स्थान बिष्टुपुर, साकची, गोलमुरी में सल्फर डाईऑक्साइड (So2) का औसतन स्तर 41.2 रहता है. जो लॉकडाउन में घटकर 11.78 हो गया है. वहीं नाइट्रोजन ऑक्साइड जो सामान्य दिनों में 49.85 रहता है, वह घट कर 13.69 हो गया है.

Pollution reduced in lockdown
डस्ट कॉन्सेंट्रेशन यूनिट

75.81 माइक्रो ग्राम हुआ RSPM

लॉकडाउन की वजह से सड़कों पर इक्का-दुक्का गाड़ियां ही दिख रहीं हैं. ऐसे में कार्बन डाईऑक्साइड की कमी हो रही है. जिस कारण प्रदूषण स्तर में भी कमी आई है. फरवरी 2020 में रीस्पाइरेबल सस्पेंडेड पर्टकिलेट मैटर (RSPM) 151.50 माइक्रो ग्राम था, जो लॉकडाउन में 75.81 माइक्रो ग्राम तक आ पहुंचा है.

Pollution reduced in lockdown
लॉकडाउन में सुनसान लौह नगरी की सड़कें

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जमशेदपुर के वीमेंस कॉलेज की प्रोफेसर दीप्ता आरती पांडेय बताती हैं कि लॉकडाउन में पेट्रोल की खपत कम हुई है, जिससे वातावरण में नाइट्रोजन डाईऑक्साइड, कार्बन डाईऑक्साइड और सल्फर डाईऑक्साइड नहीं फैल रही है. जिस कारण हवा की गुणवत्ता में भी सुधार हुआ है.

Last Updated : Apr 22, 2020, 8:25 PM IST
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