जमशेदपुर: आगामी विधानसभा चुनाव 2019 को लेकर पोटका विधायक मेनका सरदार ने अपने विधानसभा क्षेत्र में 5 साल में किए गए विकास कार्यों को लेकर ईटीवी भारत से खास बातचीत की. उन्होंने कहा कि आगामी दिसंबर महीने तक ग्रामीण जलापूर्ति योजना के तहत कुछ इलाकों में पानी मिलना शुरू हो जाएगा. यह योजना बागबेड़ा के लोगों की काफी पुरानी मांग थी.
उन्होंने कहा कि इस योजना को साल 2019 तक चालू किया जाना था, लेकिन तकनीकी कारणों से यह योजना शुरू नहीं हो पाई. हालांकि इस योजना के सारे तकनीकी कारणों को दूर करके काम शुरू कर दिया गया है. इस दौरान उन्होंने कहा कि पोटका विधानसभा के बागबेड़ा से लेकर डुमरिया तक जो भी ज्वलंत समस्या रही उसका उन्होंने समाधान किया है. उन्होंने कहा कि पहले कॉलेज नहीं रहने के कारण यहां के छात्र और छात्राएं जमशेदपुर पढ़ने के लिए आते जाते थे, जिससे उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता था. उन्होंने अपने विधानसभा क्षेत्र में 5 स्कूलों को हाई स्कूलों में अपडेट कर बनाया है.
मेनका सरदार ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में कई कार्य किए हैं, जिसमें आदिवासी छात्र छात्राओं के लिए एकल विद्यालय भी खोला गया. उन्होंने कहा कि बागबेड़ा क्षेत्र में सड़कों का जाल बिछाया, जलापूर्ति के तहत पाइप लाइन बिछाने को लेकर कई जगह पर सड़कों को खोदा गया. इसके कारण सड़कें खराब हो गई हैं. उन सड़कों को बनाने के लिए विभाग को पत्र लिखा गया है, जो जल्द बन जाएंगी. इसके अलावा बागबेड़ा रिंग रोड बनाने का भी प्रस्ताव है. जल्द ही इस पर टेंडर निकाला जाएगा.
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मेनका सरदार ने कहा कि उनके विधानसभा का डुमरिया में सबसे ज्यादा नक्सल प्रभावित क्षेत्र रहा है. यहां विकास करके उग्रवाद को खत्म किया जा रहा है. हालांकि जो नक्सली थे, उन सभी लोगों को मुख्यधारा से भी जोड़ा गया है. उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र के हर गांव में छोटा जल मीनार बनाकर पीने का पानी उपलब्ध कराया गया. वहीं, डुमरिया के अति नक्सलवाद प्रभावित पहाड़ में बसा गांव लोखाईडीह में सड़क का शिलान्यास किया गया. करीब 2 करोड़ की लागत से यहां पर सड़क बनाई जा रही है.
उन्होंने कहा कि एक छोटा स्टेडियम भी बनाया जा रहा है, ताकि बच्चे खेल के साथ ही अपने शरीर का भी विकास कर सकें. शिक्षा के क्षेत्र में भी डुमरिया में कई कार्य किए जा रहे हैं. कई हाई स्कूलों को अपग्रेड कर प्लस टू बनाया गया है. इसके अलावा मॉडल इंग्लिश स्कूल खोला गया. रोजगार के लिए महिलाओ को समूह बना कर रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है, ताकि वो खुद आत्मनिर्भर बन सकें.