ETV Bharat / city

जमशेदपुर में गेंदा फूल की खेती ने बढ़ाई किसानों के चेहरे की रौनक, कम लागत में कमा रहे ज्यादा मुनाफा

जमशेदपुर से सटे ग्रामीण इलाकों में इन दिनों किसान फूलों के उत्पादन से अपनी जीविका चला रहे हैं. फूलों की खेती से किसानों को अन्य फसलों की अपेक्षा ज्यादा लाभ मिल रहा है. जिला कृषि विभाग ऐसे किसानों को पूरी तरह मदद कर रहा है.

marigold-flower-cultivation-changed-the-lives-of-farmers-in-jamshedpur
डिजाइन इमेज
author img

By

Published : Feb 17, 2021, 9:39 AM IST

Updated : Feb 20, 2021, 1:52 PM IST

जमशेदपुर: शहर से 25 किलोमीटर दूर पटमदा बोड़ाम प्रखंड के मुचीडीह गांव में किसान फूलों का उत्पादन कर रहे हैं. पानी की कमी के कारण किसान धान या अन्य फसल की खेती नहीं कर पा रहे थे. अब किसान कम पानी में बेहतर उत्पादन के लिए गेंदा फूल की खेती कर कर रहे हैं. फूलों के अच्छे उत्पादन की चर्चा पूरे इलाके में है.

देखें स्पेशल खबर

फूलों के अच्छे उत्पादन की चर्चा

मुचीडीह गांव में सबसे पहले किसान अलख चंद्र महतो ने अपनी एक एकड़ जमीन में फूलों की खेती कर अपने क्षेत्र में आत्मनिर्भर कृषक के रूप में पहचान बनाई है. इस काम में उनका बेटा धनंजय महतो भी शामिल है. 2020 में वर्षा कम होने के कारण किसानों को खेती में नुकसान सहना पड़ा है. पानी की कमी के कारण किसान सब्जी या अन्य चीजों का उत्पादन नहीं कर पाए. अलख चंद्र के बेटे ने कोलकाता से अच्छी किस्म के फूलों का चारा लाकर अपनी एक एकड़ खेती की जमीन में उसे सींचना शुरू किया और देखते ही देखते एक एकड़ में अलग-अलग रंग के गेंदा के फूल का उत्पादन शुरू हो गया. बड़ी मात्रा में बंगाल से फूलों का कारोबार होता है और फूल को जमशेदपुर लाया जाता है.

ये भी पढ़ें- खुशियां गेंदा फूलः अफीम की गंध नहीं गेंदा फूल से महका महिलाओं का जीवन

सरकार कर रही है मदद

जिला कृषि विकास पदाधिकारी मिथिलेश कालिंदी बताते हैं कि फूलों की खेती को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार की योजना के तहत किसानों को किसी एक उत्पादन पर निर्भर रहने से रोका जा रहा है. उन्हें कृषि के नए-नए तकनीक के जरिये नए-नए उत्पादन की समुचित जानकारी दी जा रही है. जिसके तहत मुचीडीह गांव में किसानों का रुझान अब फूलों की खेती की तरफ बढ़ रहा है. जिससे किसानों को समय-समय पर लाभ मिल रहा है. मिथिलेश कालिंदी बताते हैं कि फूलों की खेती में किसान अब जैविक खाद का इस्तेमाल कर रहे हैं, जो एक अच्छी पहल है. ऐसे किसानों को सरकारी विभाग पूरी तरह मदद करने को तैयार है.


फूलों के सहारे चल रहा घर
अलख चंद्र महतो अपनी एक एकड़ जमीन में लहलहाते गेंदा फूल के बीच उनकी देखभाल में लगे हुए हैं. वो बताते हैं कि खेती उन्हें पूर्वजों से विरासत मिली है. अच्छी वर्षा नहीं होने से फसल नष्ट हो गए थे. जिसके बाद अब फूलों के सहारे घर चल रहा है. लॉकडाउन में बंगाल से फूल नहीं आने के कारण आस पास के क्षेत्र में फूलों की बिक्री से अत्यधिक लाभ मिला है. प्रतिदिन 200 के लगभग गेंदा फूल का माला बन रहा है. जिसकी शहर में बिक्री हो रही है.

ये भी पढ़ें- DIGI-गांव कुर्रा का सचः ना सुविधाएं हैं और ना ही खुलता है प्रज्ञा केंद्र

दूसरे किसान फूलों के कारोबार से हो रहे प्रभावित

मुचीडीह और आस पास गांव के किसान भी अलख चंद्र के फूलों के कारोबार से प्रभावित होकर फूल की खेती करने की तैयारी में हैं. मुचीडीह के अलख चंद्र महतो के गेंदा फूल की चर्चा किसानों में देखी जा रही है. कम संसाधन और कम पानी से फूलों के उत्पादन का हब बनाने की तैयारी में विभाग भी साथ दे रहा है. जिससे किसानों को मौसम की मार से छुटकारा मिलेगा और बेहतर लाभ भी होगा और मुचीडीह गांव के फूल की खुशबू शहरों तक फैलेगी.

जमशेदपुर: शहर से 25 किलोमीटर दूर पटमदा बोड़ाम प्रखंड के मुचीडीह गांव में किसान फूलों का उत्पादन कर रहे हैं. पानी की कमी के कारण किसान धान या अन्य फसल की खेती नहीं कर पा रहे थे. अब किसान कम पानी में बेहतर उत्पादन के लिए गेंदा फूल की खेती कर कर रहे हैं. फूलों के अच्छे उत्पादन की चर्चा पूरे इलाके में है.

देखें स्पेशल खबर

फूलों के अच्छे उत्पादन की चर्चा

मुचीडीह गांव में सबसे पहले किसान अलख चंद्र महतो ने अपनी एक एकड़ जमीन में फूलों की खेती कर अपने क्षेत्र में आत्मनिर्भर कृषक के रूप में पहचान बनाई है. इस काम में उनका बेटा धनंजय महतो भी शामिल है. 2020 में वर्षा कम होने के कारण किसानों को खेती में नुकसान सहना पड़ा है. पानी की कमी के कारण किसान सब्जी या अन्य चीजों का उत्पादन नहीं कर पाए. अलख चंद्र के बेटे ने कोलकाता से अच्छी किस्म के फूलों का चारा लाकर अपनी एक एकड़ खेती की जमीन में उसे सींचना शुरू किया और देखते ही देखते एक एकड़ में अलग-अलग रंग के गेंदा के फूल का उत्पादन शुरू हो गया. बड़ी मात्रा में बंगाल से फूलों का कारोबार होता है और फूल को जमशेदपुर लाया जाता है.

ये भी पढ़ें- खुशियां गेंदा फूलः अफीम की गंध नहीं गेंदा फूल से महका महिलाओं का जीवन

सरकार कर रही है मदद

जिला कृषि विकास पदाधिकारी मिथिलेश कालिंदी बताते हैं कि फूलों की खेती को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार की योजना के तहत किसानों को किसी एक उत्पादन पर निर्भर रहने से रोका जा रहा है. उन्हें कृषि के नए-नए तकनीक के जरिये नए-नए उत्पादन की समुचित जानकारी दी जा रही है. जिसके तहत मुचीडीह गांव में किसानों का रुझान अब फूलों की खेती की तरफ बढ़ रहा है. जिससे किसानों को समय-समय पर लाभ मिल रहा है. मिथिलेश कालिंदी बताते हैं कि फूलों की खेती में किसान अब जैविक खाद का इस्तेमाल कर रहे हैं, जो एक अच्छी पहल है. ऐसे किसानों को सरकारी विभाग पूरी तरह मदद करने को तैयार है.


फूलों के सहारे चल रहा घर
अलख चंद्र महतो अपनी एक एकड़ जमीन में लहलहाते गेंदा फूल के बीच उनकी देखभाल में लगे हुए हैं. वो बताते हैं कि खेती उन्हें पूर्वजों से विरासत मिली है. अच्छी वर्षा नहीं होने से फसल नष्ट हो गए थे. जिसके बाद अब फूलों के सहारे घर चल रहा है. लॉकडाउन में बंगाल से फूल नहीं आने के कारण आस पास के क्षेत्र में फूलों की बिक्री से अत्यधिक लाभ मिला है. प्रतिदिन 200 के लगभग गेंदा फूल का माला बन रहा है. जिसकी शहर में बिक्री हो रही है.

ये भी पढ़ें- DIGI-गांव कुर्रा का सचः ना सुविधाएं हैं और ना ही खुलता है प्रज्ञा केंद्र

दूसरे किसान फूलों के कारोबार से हो रहे प्रभावित

मुचीडीह और आस पास गांव के किसान भी अलख चंद्र के फूलों के कारोबार से प्रभावित होकर फूल की खेती करने की तैयारी में हैं. मुचीडीह के अलख चंद्र महतो के गेंदा फूल की चर्चा किसानों में देखी जा रही है. कम संसाधन और कम पानी से फूलों के उत्पादन का हब बनाने की तैयारी में विभाग भी साथ दे रहा है. जिससे किसानों को मौसम की मार से छुटकारा मिलेगा और बेहतर लाभ भी होगा और मुचीडीह गांव के फूल की खुशबू शहरों तक फैलेगी.

Last Updated : Feb 20, 2021, 1:52 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.