जमशेदपुर: झारखंड में आदिवासी समाज की सामाजिक व्यवस्था और संस्कृति के बेहतर संचालन के लिए सरकार ने नई पहल की है. मंत्री चंपई सोरेन ने बताया कि राज्य के सभी गांव में माझी हाउस (Majhi House) बनाया जाएगा. जहां से सामाजिक परंपरा और संस्कृति का बेहतर संचालन किया जाएगा.
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आदिवासी समाज में किसी भी तरह के सामाजिक कार्य के अलावा किसी निर्णय के लिए गांव के माझी की सहमति लेना जरूरी होता है. गांव में किसी मुद्दे के फैसले के लिए या किसी आयोजन के लिए गांव के डकुआ द्वारा ग्रामीणों को सूचना दी जाती है. जिसके बाद गांव के माझी सभी ग्रामीणों के सामने अपना निर्णय सुनाते हैं. सभी कार्य माझी गांव में चौपाल लगाकर या अपने घर से करते हैं. सरकार की इस नई व्यवस्था से अब एक निर्धारित माझी हाउस में माझी परगना बैठकर गांव की नीति निर्धारण का काम करेंगे.
ग्रामीण क्षेत्रों में आया बदलाव
मंत्री चंपई सोरेन ने बताया कि बदलते समय के साथ ग्रामीण क्षेत्र में भी बदलाव आया है. आज की पीढ़ी को अपनी पुरानी परंपरा और संस्कृति का पालन करना एक चुनौती है. आदिकाल से आदिवासी समाज में गांव के माझी परगना गांव के किसी आयोजन या सामाजिक व्यवस्था की घोषणा करते आ रहे हैं. अब सरकार ने यह निर्णय लिया है कि राज्य के सभी गांव में सरकार माझी हाउस बनवाएगी. जहां माझी परगना बैठकर परंपरा और संस्कृति का संचालन करेंगे. किसी समस्या के समाधान के लिए माझी हाउस में बैठक कर माझी परगना निर्णय लेंगे. माझी हाउस की देख रेख समाज के लोगों की ओर से की जाएगी.