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झारखंड का वुहान बनने वाला है जमशेदपुर, संक्रमण बेकाबू और तैयरियां बेबस हैं: कुणाल षाड़ंगी

जमशेदपुर में कोरोना संक्रमण की स्थिति की को देखते हुए बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता कुणाल षाड़ंगी ने सरकार की तैयारियों पर सवाल उठाया है. उन्होंने कहा कि भयावहता का आंकलन कर सरकार को फौरन निर्णय लेने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री के गृह शहर में संक्रमण बेकाबू और तैयारियां बेबस नजर आ रही हैं.

Kunal Sarangi on growing corona virus in Jamshedpur
बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता कुणाल षाडंगी
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Published : Jul 22, 2020, 7:37 AM IST

Updated : Jul 22, 2020, 11:45 AM IST

जमशेदपुर: भारतीय जनता पार्टी ने जमशेदपुर में भयावह होते कोरोना संक्रमण और अव्यवस्था को लेकर सरकार की तैयारियों पर सवाल उठाया है. बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता कुणाल षाड़ंगी ने जमशेदपुर में संक्रमण के आंकड़ों पर चिंता जाहिर की है. पूर्व विधायक कुणाल षाड़ंगी ने बताया कि जमशेदपुर अब झारखंड का वुहान शहर बनने की राह पर है. उन्होंने स्थिति की समीक्षा करते हुए लोकहित में फौरन कठोर निर्णय लेने की बात कही.

बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता कुणाल षाडंगी

कुणाल षाडंगी ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री के गृह शहर में संक्रमण बेकाबू और तैयारियां बेबस नजर आ रही हैं. यहां व्यवस्था पर कोरोना वायरस हावी है. भारतीय जनता पार्टी ने कम्युनिटी ट्रांसफर के खतरे को टालने के लिए भी प्रशासन को जरूरी निर्णय लेने का सलाह दिया. बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता कुणाल षाड़ंगी ने मंगलवार को कहा कि झारखंड में जुलाई के महीने में औसत मृत्यु दर प्रति दिन दो व्यक्ति हो चुकी है. जमशेदपुर शहर में कोरोना के खिलाफ लड़ाई में कहीं न कहीं व्यवस्था पर कोरोना वायरस हावी होता दिख रहा है.

ये भी पढ़ें- लॉकडाउन के बोझ तले दबते कुली, नहीं भर पा रहे परिवार का पेट

पिछले 24 घंटों में 9 लोगों की मौत हो चुकी है और लगभग 100 से ज्यादा लोग पॉजिटिव पाए गए हैं. जिसमें सिर्फ 4 की ही ट्रैवेल हिस्ट्री है. इसका मतलब शहर में सीधे तौर पर वायरस की कम्युनिटी ट्रांसफर का खतरा दिख रहा है. स्वास्थ्य मंत्री का गृह जिला होने के वावजूद ऐसी परिस्थिति में व्यवस्था का इतना असहाय दिखना समझ के परे है. बीजेपी प्रवक्ता ने व्यवस्था में खामियां गिनाते हुए कहा कि जांच में पॉजिटिव पाए जाने के बाद भी एक मरीज को 2 दिनों तक अस्पताल नहीं ले जाया गया. एक पॉजिटिव मरीज की रिपोर्ट उसके इलाज करवाकर गांव वापस चले जाने के बाद आती है.

'बेड बढ़ाने की हो पहल'

अब सैकड़ों लोगों का कॉटैक्ट ट्रेसिंग करवाया जा रहा है. 4 अस्पताल सील भी हो चुके हैं. उपायुक्त और एसएसपी के कार्यालय समेत कई सरकारी कार्यालय बंद हो चुके हैं. कई वरीय सरकारी पदाधिकारियों को क्वॉरेंटाइन किया गया है. डब्ल्यूएचओ के निर्देशों के मुताबिक एक्टिव केसों के तीन गुणा ज्यादा अस्पतालों में बेड की संख्या उपलब्ध होनी चाहिए. जमशेदपुर में नए मरीजो की संख्या के अनुपात में बेड की संख्या बढ़ाने की दिशा में अब तक कोई ठोस पहल नहीं दिख रही है. बीजेपी ने मांग की है कि अविलंब उच्च स्तर पर समीक्षा हो और परिस्थितियों की गंभीरता को देखते हुए न्यायोचित निर्णय लिया जाए.

जमशेदपुर: भारतीय जनता पार्टी ने जमशेदपुर में भयावह होते कोरोना संक्रमण और अव्यवस्था को लेकर सरकार की तैयारियों पर सवाल उठाया है. बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता कुणाल षाड़ंगी ने जमशेदपुर में संक्रमण के आंकड़ों पर चिंता जाहिर की है. पूर्व विधायक कुणाल षाड़ंगी ने बताया कि जमशेदपुर अब झारखंड का वुहान शहर बनने की राह पर है. उन्होंने स्थिति की समीक्षा करते हुए लोकहित में फौरन कठोर निर्णय लेने की बात कही.

बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता कुणाल षाडंगी

कुणाल षाडंगी ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री के गृह शहर में संक्रमण बेकाबू और तैयारियां बेबस नजर आ रही हैं. यहां व्यवस्था पर कोरोना वायरस हावी है. भारतीय जनता पार्टी ने कम्युनिटी ट्रांसफर के खतरे को टालने के लिए भी प्रशासन को जरूरी निर्णय लेने का सलाह दिया. बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता कुणाल षाड़ंगी ने मंगलवार को कहा कि झारखंड में जुलाई के महीने में औसत मृत्यु दर प्रति दिन दो व्यक्ति हो चुकी है. जमशेदपुर शहर में कोरोना के खिलाफ लड़ाई में कहीं न कहीं व्यवस्था पर कोरोना वायरस हावी होता दिख रहा है.

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पिछले 24 घंटों में 9 लोगों की मौत हो चुकी है और लगभग 100 से ज्यादा लोग पॉजिटिव पाए गए हैं. जिसमें सिर्फ 4 की ही ट्रैवेल हिस्ट्री है. इसका मतलब शहर में सीधे तौर पर वायरस की कम्युनिटी ट्रांसफर का खतरा दिख रहा है. स्वास्थ्य मंत्री का गृह जिला होने के वावजूद ऐसी परिस्थिति में व्यवस्था का इतना असहाय दिखना समझ के परे है. बीजेपी प्रवक्ता ने व्यवस्था में खामियां गिनाते हुए कहा कि जांच में पॉजिटिव पाए जाने के बाद भी एक मरीज को 2 दिनों तक अस्पताल नहीं ले जाया गया. एक पॉजिटिव मरीज की रिपोर्ट उसके इलाज करवाकर गांव वापस चले जाने के बाद आती है.

'बेड बढ़ाने की हो पहल'

अब सैकड़ों लोगों का कॉटैक्ट ट्रेसिंग करवाया जा रहा है. 4 अस्पताल सील भी हो चुके हैं. उपायुक्त और एसएसपी के कार्यालय समेत कई सरकारी कार्यालय बंद हो चुके हैं. कई वरीय सरकारी पदाधिकारियों को क्वॉरेंटाइन किया गया है. डब्ल्यूएचओ के निर्देशों के मुताबिक एक्टिव केसों के तीन गुणा ज्यादा अस्पतालों में बेड की संख्या उपलब्ध होनी चाहिए. जमशेदपुर में नए मरीजो की संख्या के अनुपात में बेड की संख्या बढ़ाने की दिशा में अब तक कोई ठोस पहल नहीं दिख रही है. बीजेपी ने मांग की है कि अविलंब उच्च स्तर पर समीक्षा हो और परिस्थितियों की गंभीरता को देखते हुए न्यायोचित निर्णय लिया जाए.

Last Updated : Jul 22, 2020, 11:45 AM IST
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