जमशेदपुर: पूर्वी सिंहभूम जिले में औसतन सामान्य वर्षा 155.5 एमएम होती है. लेकिन अब तक यहां बारिश नहीं के बराबर हुई है. जिस वजह से किसानों के खेत सूखे हैं. किसान धान की रोपनी के लिए बारिश का इंतजार कर रहे हैं. लेकिन अब तक बारिश खेती लायक नहीं हो पा रही है.
लौहनगरी में मानसून आने में देरी की वजह से किसानों की चिंता और बढ़ गई है. जिससे धान की खेती पर भी खतरा मंडराने लगा है. खेतों में हल्की फुल्की फसल उगी हुई है, लेकिन कुछ खेतिहर जमीन पर दरारें भी पड़ने लगी हैं. अभी तक धान का बिचड़ा तो दूर किसान खेतों की जुताई भी नहीं कर पाए हैं.
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जिले के अधिकांश किसान बारिश का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. किसानों ने बताया जब तक बारिश नहीं होगी, तब तक खरीफ फसल की बुआई चुनौती बनी रहेगी. किसान खरीफ फसल को लेकर चिंतित हो रहे हैं. बढ़ते तापमान एवं बारिश नहीं होने के कारण किसानों की फसलें भी सूखने लगी है. बारिश नहीं होने के कारण तालाब और डोभा में सिंचाई की व्यवस्था नहीं है.
वहीं, राज्य सरकार के दावे फेल साबित होते नजर आ रहे हैं. पहाड़ों और तलहटियों की गोद में बसा दलमा के किसानों को बारिश का इंतजार है. थोड़ी सी बारिश होने के कारण फसलों को नुकसान पहुंच रहा है. पानी का संरक्षण नहीं होने के कारण वर्षा जल नालों से बहकर बर्बाद हो रहा है और किसानों के खेत भी सूखने लगे हैं.