जमशेदपुरः साउथ ईस्टर्न रेलवे(South Eastern Railway) के चक्रधरपुर रेल मंडल अंतर्गत टाटानगर से बादाम पहाड़ रूट पर सौ साल बाद पहली बार इलेक्ट्रिक इंजन(Electric Engine) का परिचालन शुरू हुआ. इलेक्ट्रिक इंजन के लोको पायलट ने बताया कि आज का दिन उनके लिए भी ऐतिहासिक है. वो पहली बार इस रूट में इलेक्ट्रिक इंजन लेकर जा रहे हैं.
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चक्रधरपुर रेल मंडल अंतर्गत टाटानगर से बादाम पहाड़ के बीच सौ साल बाद पहली बार इलेक्ट्रिक इंजन का परिचालन शुरू किया गया है. आपको बता दें कि टाटानगर से बादाम पहाड़ कुल 90 किलोमीटर के बीच पिछले 110 साल से डीजल इंजन के जरिये पैसेंजर और माल वाहक ट्रेन का परिचालन होता आ रहा है.
पर्यावरण और आर्थिक बचत के लिए विगत दो वर्षों से रेलवे की तरफ से इस रूट में विद्युतीकरण का काम किया जा रहा है. जिससे डीजल इंजन के बदले इलेक्ट्रिक इंजन का परिचालन हो सके. टाटानगर से गोरुमसहानि के बीच 73 किलोमीटर तक विद्युतीकरण का काम पूरा किया गया है. जबकि आने वाले दो माह में बादाम पहाड़ तक विद्युतीकरण का काम पूरा करने का लक्ष्य है.
इस पूरे काम की मॉनिटरिंग चक्रधरपुर रेलमंडल के डीआरएम (DRM) खुद कर रहे हैं. शुरुआती दौर में यह ट्रेन 50 से 60 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से चलेगी. आने वाले दिनों में स्पीड बढ़ाई जाएगी. जिससे टाटानगर और बादाम पहाड़ के बीच के सफर का समय कम होगा. यात्रियों को भी सुविधा मिलेगी.
टाटानगर(Tatanagar) से गोरुमसहानि के बीच विद्युतीकरण किये जाने के बाद गुरुवार की शाम 59 खाली वैगन को इलेक्ट्रिक इंजन के जरिये सजाकर रवाना किया गया है. इस ट्रेन में मुख्य पायलट के अलावा टाटानगर रेल के एरिया मैनेजर बिनोद कुमार भी रवाना हुए हैं. उनके साथ सहायक मंडल विद्युत अभियंता भी रवाना हुए. टाटानगर से गोरुमसहानि तक जाने वाली ट्रेन के लोको पायलट संजय कुमार ने बताया कि वो अब तक डीजल इंजन के पायलट रहे हैं. आज का दिन ऐतिहासिक दिन है और मुझे गर्व है कि इस रूट में में पहला इलेक्ट्रिक इंजन का पायलट बन कर जा रहा हूं.