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झारखंड में 11.1 प्रतिशत हैं मानसिक रोगी, अकेलापन कर रहा बीमार

झारखंड में रांची, जमशेदपुर, गुमला, पलामू और दुमका में मानसिक रोग के इलाज को लेकर सरकारी सुविधा उपलब्ध है. जहां मानसिक रोगियों का नि:शुल्क इलाज किया जाता है और दवा भी उपलब्ध कराई जाती है. पूर्वी सिंहभूम जिले में यह बीमारी स्वास्थ्य विभाग के लिए बड़ी चुनौती बनती जा रही है. हालांकि विभाग इस बीमारी की रोकथाम के लिए लोगों को जागरूक कर रहा है. देश में मानसिक रोगियों के संख्या 10.6 प्रतिशत है, जिसमें झारखंड में रोगियों की संख्या 11.1 प्रतिशत है.

झारखंड में 11.1 प्रतिशत हैं मानसिक रोगी
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Published : Oct 14, 2019, 4:55 PM IST

जमशेदपुर: लौहनगरी जमशेदपुर में मानसिक रोगियों की संख्या रोजाना बढ़ती जा रही है. ताजा जानकारी के मुताबिक, युवाओं में यह बीमारी तेजी से फैल रही है. इसका कारण डिजिटल गैजेट, अकेलापन और नशा माना जा रहा है. अगर इसे रोका नहीं गया, तो आने वाले दिनों में यह एक भयावह रूप ले सकता है.

वीडियो में देखें ये स्पेशल स्टोरी

झारखंड में रांची, जमशेदपुर, गुमला, पलामू और दुमका में मानसिक रोग के इलाज को लेकर सरकारी सुविधा उपलब्ध है. जहां मानसिक रोगियों का नि:शुल्क इलाज किया जाता है और दवा भी उपलब्ध कराई जाती है. पूर्वी सिंहभूम जिले में यह बीमारी स्वास्थ्य विभाग के लिए बड़ी चुनौती बनती जा रही है. हालांकि विभाग इस बीमारी की रोकथाम के लिए लोगों को जागरूक कर रहा है. देश मे मानसिक रोगियों के संख्या 10.6 प्रतिशत है, जिसमे झारखंड में रोगियों की संख्या 11.1प्रतिशत है.

मेन्टल हेल्थ सर्वे की टीम द्वारा 2016 में 12 राज्य का सर्वे किया गया, जिसमें मणिपुर में सबसे ज़्यादा 14.1 प्रतिशत और सबसे कम मानसिक रोगियों की संख्या 5.8 प्रतिशत असम में पाई गई. जिले के चिकित्सा पदाधिकारी डॉक्टर महेश्वर प्रसाद का कहना है की डिजिटल गैजेट, अकेलापन और नशे के कारण युवा मानसिक रोग के शिकार हो रहे हैं. इसके लिए परिवार के सभी सदस्यों को एक साथ मिल-जुलकर रहने और समय बिताने की जरूरत है.

ये भी पढ़ें- EXCLUSIVE: ईटीवी भारत से दुती चंद ने कहा- खुद का रिकार्ड तोड़ने में अलग मजा है

जमशेदपुर के सदर और एमजीएम अस्पताल में रोगियों के लिए मानसिक रोग विशेषज्ञ उपलब्ध है. मानसिक रोग विशेषज्ञ डॉक्टर दीपक ने मानसिक रोगियों का आंकड़ा बताते हुए कहा कि यह बीमारी भयावह रूप ले रही है. इसके लिए मानसिक संतुलन बनाए रखना बहुत जरूरी है. उन्होंने बताया कि वातावरण में बदलाव के साथ हर क्षेत्र में तनाव, नींद की कमी और नशे के कारण कम उम्र की पीढ़ी इस बीमारी से ग्रसित है. इसकी वजह से आत्महत्या की घटनाएं घटती हैं.

  • देश मे मानसिक रोगियों का आंकड़ा 10.6प्रतिशत है
  • जिनमें पुरुष 13.9 प्रतिशत महिला 7.5 प्रतिशत

जमशेदपुर में मानसिक रोगियों का पिछले तीन माह का आंकड़ा

  • जुलाई 201 जिनमे 125 पुरुष 76 महिला
  • अगस्त 163 जिनमे 85 पुरुष 78 महिला
  • सितंबर 145 जिनमे 73 पुरुष 72 महिला


झारखंड में मानसिक रोगियों का आंकड़ा 11.1प्रतिशत है
सर्वे के अनुसार

  • मणिपुर 14.1 प्रतिशत
  • असम 5.8 प्रतिशत
  • मध्य प्रदेश 13.9 प्रतिशत
  • पश्चिम बंगाल। 13 प्रतिशत
  • उत्तर प्रदेश 6.1 प्रतिशत
  • गुजरात 7.4
  • राजस्थान 10.7
  • केरल 11.4
  • तमिलनाडू 11.8
  • पंजाब 13.4 प्रतिशत है

जमशेदपुर: लौहनगरी जमशेदपुर में मानसिक रोगियों की संख्या रोजाना बढ़ती जा रही है. ताजा जानकारी के मुताबिक, युवाओं में यह बीमारी तेजी से फैल रही है. इसका कारण डिजिटल गैजेट, अकेलापन और नशा माना जा रहा है. अगर इसे रोका नहीं गया, तो आने वाले दिनों में यह एक भयावह रूप ले सकता है.

वीडियो में देखें ये स्पेशल स्टोरी

झारखंड में रांची, जमशेदपुर, गुमला, पलामू और दुमका में मानसिक रोग के इलाज को लेकर सरकारी सुविधा उपलब्ध है. जहां मानसिक रोगियों का नि:शुल्क इलाज किया जाता है और दवा भी उपलब्ध कराई जाती है. पूर्वी सिंहभूम जिले में यह बीमारी स्वास्थ्य विभाग के लिए बड़ी चुनौती बनती जा रही है. हालांकि विभाग इस बीमारी की रोकथाम के लिए लोगों को जागरूक कर रहा है. देश मे मानसिक रोगियों के संख्या 10.6 प्रतिशत है, जिसमे झारखंड में रोगियों की संख्या 11.1प्रतिशत है.

मेन्टल हेल्थ सर्वे की टीम द्वारा 2016 में 12 राज्य का सर्वे किया गया, जिसमें मणिपुर में सबसे ज़्यादा 14.1 प्रतिशत और सबसे कम मानसिक रोगियों की संख्या 5.8 प्रतिशत असम में पाई गई. जिले के चिकित्सा पदाधिकारी डॉक्टर महेश्वर प्रसाद का कहना है की डिजिटल गैजेट, अकेलापन और नशे के कारण युवा मानसिक रोग के शिकार हो रहे हैं. इसके लिए परिवार के सभी सदस्यों को एक साथ मिल-जुलकर रहने और समय बिताने की जरूरत है.

ये भी पढ़ें- EXCLUSIVE: ईटीवी भारत से दुती चंद ने कहा- खुद का रिकार्ड तोड़ने में अलग मजा है

जमशेदपुर के सदर और एमजीएम अस्पताल में रोगियों के लिए मानसिक रोग विशेषज्ञ उपलब्ध है. मानसिक रोग विशेषज्ञ डॉक्टर दीपक ने मानसिक रोगियों का आंकड़ा बताते हुए कहा कि यह बीमारी भयावह रूप ले रही है. इसके लिए मानसिक संतुलन बनाए रखना बहुत जरूरी है. उन्होंने बताया कि वातावरण में बदलाव के साथ हर क्षेत्र में तनाव, नींद की कमी और नशे के कारण कम उम्र की पीढ़ी इस बीमारी से ग्रसित है. इसकी वजह से आत्महत्या की घटनाएं घटती हैं.

  • देश मे मानसिक रोगियों का आंकड़ा 10.6प्रतिशत है
  • जिनमें पुरुष 13.9 प्रतिशत महिला 7.5 प्रतिशत

जमशेदपुर में मानसिक रोगियों का पिछले तीन माह का आंकड़ा

  • जुलाई 201 जिनमे 125 पुरुष 76 महिला
  • अगस्त 163 जिनमे 85 पुरुष 78 महिला
  • सितंबर 145 जिनमे 73 पुरुष 72 महिला


झारखंड में मानसिक रोगियों का आंकड़ा 11.1प्रतिशत है
सर्वे के अनुसार

  • मणिपुर 14.1 प्रतिशत
  • असम 5.8 प्रतिशत
  • मध्य प्रदेश 13.9 प्रतिशत
  • पश्चिम बंगाल। 13 प्रतिशत
  • उत्तर प्रदेश 6.1 प्रतिशत
  • गुजरात 7.4
  • राजस्थान 10.7
  • केरल 11.4
  • तमिलनाडू 11.8
  • पंजाब 13.4 प्रतिशत है
Intro:जमशेदपुर।

लौहनगरी जमशेदपुर में मानसिक रोगियों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। ताजा जानकारी के अनुसार युवाओं में यह बीमारी तेजी से फैल रही है जिसका कारण डिजिटल गैजेट अकेलापन और नशा माना जा रहा है। यदि इसे रोका नहीं गया तो आने वाले दिनों में या एक भयावह रूप ले लेगा।


Body:ग्रीन सीटी क्लीन सीटी स्टील सीटी के नाम से मशहूर जमशेदपुर में मानसिक रोगियों की संख्या दिन प्रति दिन बढ़ती जा रही है।
16 वर्ष की उम्र से 35 वर्ष के उम्र की पीढ़ी मानसिक रोग का शिकार ही रही है।
झारखंड में रांची जमशेदपुर गुमला पलामू दुमका में मानसिक रोग के इलाज केलिए सरकारी सुबिधा उपलब्ध है जहां मानसिक रोगियों का निशुल्क इलाज किया जाता है और दवा भी उपलब्ध कराई जाती है।

पूर्वी सिंहभूम ज़िला स्वास्थ्य विभाग के लिए यह बीमारी बड़ी चुनौती बनती जा रही है ।हालांकि विभाग इस बीमारी की रोकथाम के लिए लोगों को जागरूक कर रही है ।काउंसलिंग किया जा रहा है ।
देश मे मानसिक रोगियों के संख्या 10.6 प्रतिशत है जिसमे झारखंड में रोगियों की संख्या 11.1प्रतिशत है।जो एक चिंता का विषय है।
मेन्टल हेल्थ सर्वे की टीम द्वारा 2016 में 12 राज्य का सर्वे किया गया है जिसमे मणिपुर में सबसे ज़्यादा 14.1प्रतिषत और सबसे कम मानसिक रोगियों की संख्या 5.8प्रतिशत असम में पाया गया है।
ज़िला के चिकित्सा पदाधिकारी डॉक्टर महेश्वर प्रसाद का कहनाहै की डिजिटल गैजेट अकेलापन और नशा के कारण युवा मानसिक रोग के शिकार हो रहे है।जिसके लिए परिवार के सभी सदस्यों को एक साथ मिलजुलकर रहने और समय बिताने की जरूरत है ।

बाईट डॉक्टर महेश्वर प्रसाद ज़िला चिकित्सा पदाधिकारी

जमशेदपुर में सदर अस्पताल और एमजीएम अस्पताल में मानसिक रोगियों के लिए मानसिक रोग विशेषज्ञ उपलब्ध है।मानसिक रोग विशेषज्ञ डॉक्टर दीपक ने मानसिक रोगियों का आंकड़ा बताते हुए कहते है कि यह बीमारी भयावह रूप ले रहा है ।जिसके लिए मानसिक संतुलन बनाये रखना बहुत जरूरी है।उन्होंने बताया है कि वातावरण में बदलाव के साथ हर क्षेत्र में तनाव नींद की कमी और नशा के कारण कम उम्र की पीढ़ी इस बीमारी से ग्रसित है।जिसके कारण उनमें के समस्या देखी जा रही है इसका असर सेक्स पर भी पड़ रहा है जिससे सम्बंधित बीमारी हो रही है ।कि लोगों को खुद पता नही रहता है कि वो मानसिक रोग के शिकार है जिसके कारण आत्महत्या की घटना भी घटती है। इसके रोकथाम के लिए तनाव पर संतुलन बनाने के साथ दोस्तों के साथ परिवार के साथ समय बिताने की जरूरत है नशा से दूर रहने की भी जरूरत है।

बाईट डॉक्टर दीपक गिरी मनोचिकित्सक

वहीं सरकारी सुबिधा से अपना इलाज कराकर एक युवा मरीज ने बताया कि पहले कुछ भी अच्छा नही लगता था दवा से अब स्वास्थ्य बेहतर है ।दवा निशुल्क उपलब्ध है
बाईट मरीज





Conclusion:देश मे मानसिक रोगियों का आंकड़ा 10.6प्रतिशत है
जिनमे पुरुष 13.9 प्रतिशत महिला 7.5 प्रतिशत

झारखंड में मानसिक रोगियों का आंकड़ा 11.1प्रतिशत है।
सर्वे के अनुसार
मणिपुर 14.1 प्रतिशत
असम 5.8 प्रतिशत
मध्य प्रदेश 13.9 प्रतिशत
पश्चिम बंगाल। 13 प्रतिशत
उत्तर प्रदेश 6.1 प्रतिशत
गुजरात 7.4
राजस्थान 10.7
केरल 11.4
तमिलनाडू 11.8
पंजाब 13.4 प्रतिशत है।

जमशेदपुर में मानसिक रोगियों का पिछले तीन माह का आंकड़ा
जुलाई 201 जिनमे 125 पुरुष 76 महिला
अगस्त 163 जिनमे 85 पुरुष 78 महिला
सितंबर 145 जिनमे 73 पुरुष 72 महिला


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