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हजारीबाग: 13 फरवरी तक चलेगा स्पर्श कुष्ठ जागरुकता अभियान, लोगों को किया जाएगा जागरूक - हजारीबाग मेडिकल कॉलेज अस्पताल

हजारीबाग में स्पर्श कुष्ठ जागरुकता अभियान की शुरुआत की गई. 13 फरवरी तक स्वास्थ्य विभाग के पदाधिकारी और कर्मी विभिन्न क्षेत्रों में जाकर कुष्ठ रोग को लेकर आम जनता को जागरूक करेंगे.

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स्पर्श कुष्ठ जागरूकता अभियान
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Published : Jan 31, 2021, 9:59 AM IST

हजारीबाग: स्वास्थ्य विभाग 30 जनवरी से लेकर 13 फरवरी 2021 तक स्पर्श कुष्ठ जागरूकता अभियान चलाएगा. जिसका उद्देश्य आम लोगों को जागरूक करना है. हजारीबाग मेडिकल कॉलेज अस्पताल में विधिवत इस कार्यक्रम की शुरुआत की गई. जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में उप विकास आयुक्त अभय कुमार सिन्हा ने हिस्सा लिया.

मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य के अलावा कई आला अधिकारी भी इस कार्यक्रम में हिस्सा लिए. हजारीबाग में वर्तमान समय में 71 एक्टिव कुष्ठ रोगी हैं. कार्यक्रम के दौरान डॉक्टरों ने कहा कि कुष्ठ रोग अभिशाप नहीं है बल्कि इसका इलाज हो सकता है. जरूरत है जब इस बीमारी के बारे में जानकारी मिले तो सरकारी अस्पताल पहुंचकर इलाज कराने की.

ये भी पढ़े- झारखंड में माओवादी संगठन का नेतृत्व कई बाहरी नेताओं के पास, बिहार के नक्सलियों का है दबदबा

उप विकास आयुक्त ने चिकित्सक और कर्मियों को धन्यवाद दिया कि उनकी बदौलत ही लोग इस बीमारी का मुकाबला कर रहे हैं. महात्मा गांधी ने कुष्ठ रोगियों से कभी भी भेदभाव नहीं किया और यह संदेश देने की कोशिश की कि कुष्ठ रोगी भी हमारे समाज के अंग हैं. उप विकास आयुक्त ने संबोधन में कहा कि कोरोना और कुष्ठ दोनों 'क' से शुरू होता है. लोगों ने कोरोना पर बहुत हद तक विजय पा ली है और अब कुष्ठ रोग पर भी पूर्ण रूप से विजय पा लेंगे. जरूरत है लोगों को जागरूक करने की.

हजारीबाग: स्वास्थ्य विभाग 30 जनवरी से लेकर 13 फरवरी 2021 तक स्पर्श कुष्ठ जागरूकता अभियान चलाएगा. जिसका उद्देश्य आम लोगों को जागरूक करना है. हजारीबाग मेडिकल कॉलेज अस्पताल में विधिवत इस कार्यक्रम की शुरुआत की गई. जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में उप विकास आयुक्त अभय कुमार सिन्हा ने हिस्सा लिया.

मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य के अलावा कई आला अधिकारी भी इस कार्यक्रम में हिस्सा लिए. हजारीबाग में वर्तमान समय में 71 एक्टिव कुष्ठ रोगी हैं. कार्यक्रम के दौरान डॉक्टरों ने कहा कि कुष्ठ रोग अभिशाप नहीं है बल्कि इसका इलाज हो सकता है. जरूरत है जब इस बीमारी के बारे में जानकारी मिले तो सरकारी अस्पताल पहुंचकर इलाज कराने की.

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