हजारीबाग: शराब दुकान में कार्यरत सेल्समैन को पिछले 8 महीने से वेतन नहीं मिला है. सेल्समैन अपने वेतन की मांग को लेकर सहायक उत्पाद आयुक्त कार्यालय का दरवाजा भी खटखटा चुके हैं. लेकिन उन्हें संतोषजनक जवाब नहीं मिला. अब उन्हें इस बात की चिंता सता रही है कि उनका वेतन कौन देगा? ये सभी सेल्समैन विजन हॉस्पिटैलिटी सर्विस एंड कंसल्टेंट प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के तहत हजारीबाग में नियुक्त हैं.
उत्पाद विभाग राज्य सरकार को सबसे ज्यादा राजस्व देने वाला विभाग है. इस विभाग द्वारा संचालित शराब दुकानों में सेल्समैन के पद पर कार्यरत कर्मचारियों को पिछले 8 महीने से वेतन नहीं मिला है. हजारीबाग में 67 दुकानों में करीब 211 सेल्समैन कार्यरत हैं. पिछले कई महीनों से वे वेतन की मांग को लेकर विभिन्न कार्यालयों का चक्कर लगा रहे हैं. उन्हें कोई राहत नहीं मिली है.
शनिवार को 100 से अधिक सेल्समैन सहायक उत्पाद आयुक्त कार्यालय पहुंचे. जहां उन्होंने अधिकारी को अपनी समस्या से अवगत कराया. वहां भी उन्हें संतोषजनक जवाब नहीं मिला. अब वे सहायक उत्पाद आयुक्त कार्यालय के समक्ष धरना देने की योजना बना रहे हैं.
कर्मियों का कहना है कि आठ माह से वेतन नहीं मिलने से घर चलाना मुश्किल हो गया है. बच्चों का स्कूल भी छूट गया है. स्कूल की फीस नहीं दे पा रहे हैं. सेल्समैन का यह भी कहना है कि महज 10 हजार रुपये के लिए उन्हें 13 घंटे काम करना पड़ रहा है. इतने दिन काम करने के बाद भी वेतन नहीं मिले तो समझ सकते हैं कि कितना दर्द होता है.
सेल्समैन का कहना है कि हजारीबाग में कंपनी पर दो करोड़ रुपये से अधिक वेतन बकाया है. सेल्समैन ने यह भी बताया कि जब उन्होंने अधिकारी से बात की तो उन्होंने कहा कि विजन कंपनी को ब्लैक लिस्टेड कर दिया गया है. उसे वेतन भी देना है. इसमें वे किसी तरह की मदद नहीं कर सकते हैं.
हजारीबाग जिले में सरकारी शराब दुकान चलाने की जिम्मेदारी सेल्समैन विजन हॉस्पिटैलिटी सर्विस एंड कंसल्टेंट प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को दी गई है. कंपनी के द्वारा दुकान को मैनपावर उपलब्ध कराया जाता है. वेतन भी विजन कंपनी को ही देना है. विजन कंपनी हजारीबाग के अलावा कई अन्य जिलों में काम कर रही है. कमोबेश सभी जिलों में यही स्थिति है.
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